निशंक न्यूज।
कानपुर। सीएमओ हरिदत्त नेमी के विवाद को लेकर आग में घी का काम करने के आरोपी कानपुर के एसीएमओ सुबोधकांत यादव को शासन ने निलंबित कर दिया। उनकर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का आरोप भी लग रहा था। एसीएमओ का निलंबन गुरुवार को सीएमओ कार्यालय में चर्चा का विषय बना रहा। इसके अलावा भी काम में लापरवाही व अनियमितता बरतने के आरोप में प्रदेश में चिकित्सा विभाग के कई लोगों पर कार्रवाई की गई।
जानकार सूत्रों के अनुसार कानपुर के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुबोध प्रकाश यादव को भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में निलंबित किया गया। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर प्रमुख सचिव ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की। डाक्टर सुबोध कांत यादव पर जेएम फार्मा से मिलीभगत कर 1.60 करोड़ की गड़बड़ी तथा जेम पोर्टल पर हेराफेरी कर अधोमानक सामग्री की सप्लाई का भी आरोप लगा था। डॉ. सुबोध के साथ चीफ फार्मासिस्ट और वित्त अधिकारी भी जांच के घेरे में।
इसके अलावा मथुरा पुलिस भर्ती मेडिकल टीम पर घूसखोरी मेडिकल पास कराने के लिए अभ्यर्थियों से पैसे मांगने के आरोप लगने पर मथुरा के डॉ. हरि नारायण प्रभाकर और एटा के डॉ. राहुल वाष्णेय निलंबित किये गए। इसके अलावा डॉ. अनिल श्रीवास्तव पर आशा चयन में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। चित्रकूट मंडल की जांच में दोषी पाए गए डॉ. श्रीवास्तव, विभागीय कार्रवाई शुरू। इसके अलावा डफरिन अस्पताल लखनऊ की प्रमुख अधीक्षक डॉ. रेनू पंत पर भी गाज गिरने की बात कही जा रही है अस्पताल निरीक्षण में पाई गईं गंभीर अनियमितताओं पर दिया गया आरोप पत्र। हमीरपुर के नेत्र सर्जन डॉ. अनिल कुमार सिंह पर लापरवाही का आरोप लगने पर व स्पष्टीकरण न देने पर विभागीय कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं।