ओपी पाण्डेय।
अलीगढ़। मन्दिर की दीवारो पर आई लव मोहम्मद लिखकर अलीगढ़ का माहौल बिगाड़ने का प्रयास करने वाले पुलिस की पैनी नजर से बच नही सके। इन साजिशकर्ताअों ने अपनी खुन्नस निकालने के लिए माहौल बिगाड़ने की फुलप्रुफ योजना बना ली थी। लेकिन आम लोगो से जुड़े जिले के एसएसपी की पैनी नजर के कारण उनकी साजिश फेल हो गयी और पुलिस इन साजिशकर्ताअों को गिरफ्तार करने में सफल हो सकी। मौके पर पहुंचे एसएसपी ने आई लव मोहम्मद के लिखावट का अंतर पकड़ लिया था। यही से पुलिस को साजिशकर्ताअों तक पहुंचने की लाइन मिली। इन साजिशकर्ताअों के पकड़े जाने के बाद दो लोग जेल जाने से भी बच गये, जिन्हे साजिशकर्ता जेल भिजवाकर अपने खिलाफ दर्ज मुकदमें में समझौता कराकर अपना बचाव करना चाहते थे।
साजिशकर्ताओं तक ऐसे पहुंची पुलिस
24 अक्टूबर की रात कुछ लोगों ने अलीगढ़ जनपद में मन्दिर की दीवारो पर आई लव मोहम्मद लिखकर यहां का माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया था। माहौल बिगाड़ने का प्रयास करने वाले साजिशकर्ताअों की मंशा को भोलेभाले ग्रामीण व अन्य लोग समझ नही सके थे, और साजिशकर्ताअों ने माहौल बिगाड़ने की योजना के तहत क्षेत्रीय लोगो में शामिल अपने लोगो से यह प्रचारित कराना भी शुरू कर दिया कि उन लोगो ने मन्दिर के आसपास मुश्तकीम नाम के व्यक्ति को देखा था उसने ही माहौल बिगाड़ने के लिए मन्दिर की दीवारो पर आई लव मोहम्मद लिखवाया है।
एसएसपी ने पकड़ा लिखावट का अंतर
बताया गया है कि मौके पर पहुंचे एसएसपी नीरज कुमार जादौन ने यहां मौजूद ग्रामीणो से अपनो की तरह बात कर उन्हे शांत कराया, और मौके पर लिए जा रहे नाम के कारण मुश्तकीम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दे दिए। लेकिन एसएसपी घटना की तह तक जाने के प्रयास में लगे थे। उन्होंने मन्दिर की दीवारो को देखा तो अपने अनुभव के आधार पर लिखावट का अंतर पकड़ लिया। क्योंकि मुस्लिम समाज के लोग अलग तरह से आई लव मोहम्मद लिखते है। एसएसपी को तुरंत संदेह हो गया कि यह हरकत किसी अन्य समुदाय के व्यक्ति ने गहरी साजिश के तहत की है। इसके बाद संबंधित पुलिस की बैठक में एसएसपी ने लिखावट के अंतर की बात सार्वजनिक कर इस बात का पता लगाने के लिए खुफिया तथा मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया कि मुश्तकीम का किस किस व्यक्ति से विवाद चलता है। जांच में सामने आया कि क्षेत्र के जिशांत सिंह और मुश्तकीम के बीच गहरा विवाद चल रहा है जिसमें जिशांत के खिलाफ दर्ज मुकदमें में आरोप पत्र भी दाखिल हो चुका है।
सीसीटीवी कैमरो से सामने आये साजिशकर्ताओं के चेहरे
मुश्तकीम व जिशांत सिंह के बीच मुकदमें बाजी की रंजिश का पता चलने के बाद पुलिस ने आसपास के पेंट व्यापारियों की दुकानो के पास अपना संजाल फैलाया जिसमें यह सामने आय़ा कि घटना के दिन ही 24 अक्टूबर को जिशांत सिंह व उसके साथियो ने एक पेंट स्टोर से स्पे लिया जिसका रंग मस्जिद की दीवारो पर लगे नारे हुबहु मैच खा रहा था। पुलिस ने दुकान के आसपास लगे कैमरो की पड़ताल की तो उसमें जिशांत सिंह के अलावा उसके साथियो अभिषेक, दिलीप रोहित आदि के चेहरे भी सामने आ गये। इन लोगो को हिरासत में लेकर अलग अलग पूछताछ की तो यह टूट गये और पुलिस माहौल बिगाड़ने की गहरी साजिश व साजिशकर्ताअों को बेनकाब करने में सफल हो सकी।

 
											 
											 
											 
											 
											 
			 
			 
			