निशंक न्यूज, कानपुर।
कानपुर। कुछ माह के अंतराल में ही तीसरी बार सीएमओ का चार्ज लेकर सीएमओ हरिदत्त नेमी ने अपनी ताकत का अहसास सभी को करा दिया। अभी कुछ दिन पहले ही अदालत के आदेश पर दो दिन सीएमओ की कुर्सी पर बैठने वाले डाक्टर हरिदत्त नेमी को ऊपर से मिले मौखिक आदेश के बाद दबाव बनाकर सीएमओ की कुर्सी से हटा दिया गया था। इसके बाद वह निराश मन से यहां से गए थे लेकिन कुछ दिन के अंतराल में ही वह पूरे प्रभाव के साथ गुरुवार को कानपुर लौटे और तय समय पर सुबह दस बजे कार्यालय पहुंचकर एक बार फिर सीएमओ की कुर्सी पर बैठे और अपना कामकाज शुरू किया इस दौरान कई लोग उनका पांव छूकर आशीर्वाद लेते हुए देखे गये।
जानकार सूत्रों का कहना है कि सीएमओ पद पर उनकी तैनाती के दौरान डाक्टर नेमी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले उनके विरोधी दोपहर तक इधर- उधर ही रहे। गुरूवार को चब वह तीसरी बार बतौर सीएमओ पदभार संभालने पहुंचे तो उनके पहुंचते ही पुराने कर्मचारियों ने जहां उनके पैर छूकर आर्शीवाद लिया तो कई चेहरे मुरझा गये। उनके खिलाफ मोर्चा खोलने वाले एक डाक्टर उनके आने की खबर मिलते ही कार्यालय से वापस लौट कार्यालय में कई महत्तपूर्ण कार्य निपटाने के साथ ही श्री नेमी ने विभाग के लोगों के साथ बैठक कर बातचीत में कह दिया कि फिहलाल मैं ही सीएमओ रहूंगा जब तक शासन से कोई आदेश नहीं आ जाता।
डॉ. हरिदत्त नेमी 16 दिसंबर 2024 को कानपुर सीएमओ बनाए गए। 32 दिन पहले, डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह विवाद के बाद 16 जून को डॉ. हरिदत्त नेमी को निलंबित कर लखनऊ मुख्यालय से सबद्ध कर दिया गया। उनके स्थान पर डॉ. उदयनाथ को कानपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद डॉ. हरिदत्त नेमी अदालत चले गए। हाईकोर्ट ने डॉ. हरिदत्त नेमी का निलंबन रद्द कर दिया तो आठ जुलाई को डाक्टर नेमी ने दोबारा सीएमओ कार्यालय पहुंचकर कुर्सी संभाल ली और काम काज शुरू किया इसके बाद दो दिनों तक असमंजस की स्थिति रही। इसके बाद प्रशासन ने दबाव बनाकर डॉ. हरिदत्त नेमी को आॅफिस से बाहर करा दिया। 14 जुलाई को डॉ. हरिदत्त नेमी ने फिर से निलंबन के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अवमानना याचिका दायर की। कोर्ट ने 17 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की। इसके बाद राज्य सरकार बैकफुट पर आ गई। स्वास्थ्य विभाग के सचिव की तरफ से तबादला निरस्त करने का निर्देश जारी कर दिया गया। कानपुर से डॉ. उदयनाथ को वापस श्रावस्ती उटड की जिम्मेदारी सौंप दी।
शहर की स्वास्थ्य सेवायें बेहतर करना लक्ष्य
दरअसल याचिकाकर्ता डॉ. हरिदत्त नेमी ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, डीएम कानपुर, एडीएम, एसीपी, थाना चकेरी एसएचओ और वर्तमान उटड कानपुर को पार्टी बनाया था। डॉ. नेमी के अधिवक्ता लालता प्रसाद मिश्रा ने कहा कि स्टे आदेश के बावजूद अधिकारियों ने तबादला लागू कराया। यह पूरी तरह से न्यायालय के आदेश की अवमानना है। यह न्यायिक आदेशों के सम्मान का सवाल है। आज इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। श्री नेमी ने यहां कहा कि हम जनता का काम करने आये है वहीं करेंगे। शहर की स्वास्थ्य सेवायें बेहतर करना लक्ष्य है जो किया जायेगा। सभी को साथ लेकर काम किया जायेगा।