निशंक न्यूज
कानपुर। गोविंद नगर की 71 वर्षीय सरोज देवी रोज़ की तरह सुबह टहलने निकली थीं। कुछ ही दूर पहुँची थीं कि अचानक एक बेकाबू सांड ने उन्हें पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। सरोज देवी ज़मीन पर गिर पड़ीं और तेज़ दर्द के कारण हिल भी नहीं सकीं। स्थानीय लोगों ने तुरंत मदद की और परिजनों को सूचना दी। गंभीर अवस्था में उन्हें नज़दीकी एक अस्पताल ले जाया गया।
डॉक्टरों की जांच में पता चला कि उनके पैर की हड्डी बुरी तरह टूट चुकी है और तत्काल ऑपरेशन की आवश्यकता है। इलाज पर अनुमानित खर्च करीब 40,000 रुपये बताया गया, जिसमें 15,000 रुपये की रॉड (लॉन्ग पीएफएन) भी शामिल थी।
सरोज देवी का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है। उनके नाती विशाल रोज़ाना मज़दूरी कर जैसे-तैसे परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। इतने बड़े खर्च की व्यवस्था उनके लिए लगभग असंभव थी। कुछ दिन तक प्रयास करने के बाद जब कोई रास्ता नहीं निकला, तो विशाल ने जनता दर्शन में पहुँचकर जिलाधिकारी श्री जितेंद्र प्रताप सिंह से सीधे मुलाक़ात की और पूरी घटना से अवगत कराया।

डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल मानवीय हस्तक्षेप किया और नारायणा हॉस्पिटल के डॉ उदित त्रिवेदी से बात की और समन्वय कर सरोज देवी के निःशुल्क ऑपरेशन की व्यवस्था कराई। अस्पताल प्रशासन ने भी जिलाधिकारी के अनुरोध पर संवेदनशीलता दिखाते हुए बिना किसी शुल्क के इलाज किया।
ऑपरेशन सफल रहा और अब सरोज देवी की स्थिति में तेज़ी से सुधार हो रहा है। डॉक्टरों ने भी स्वास्थ्य लाभ की पुष्टि की है। परिवारजनों ने जिलाधिकारी के साथ ही नारायणा हॉस्पिटल के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह मदद उनके लिए उस वक्त आई, जब वह पूरी तरह असहाय महसूस कर रहे थे।
डीएम की पहल पर सांड के हमले में घायल बुज़ुर्ग महिला निशुल्क आपरेशन
कानपुर नगर। गोविंद नगर की 71 वर्षीय सरोज देवी रोज़ की तरह सुबह टहलने निकली थीं। कुछ ही दूर पहुँची थीं कि अचानक एक बेकाबू सांड ने उन्हें पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। सरोज देवी ज़मीन पर गिर पड़ीं और तेज़ दर्द के कारण हिल भी नहीं सकीं। स्थानीय लोगों ने तुरंत मदद की और परिजनों को सूचना दी। गंभीर अवस्था में उन्हें नज़दीकी एक अस्पताल ले जाया गया।
डॉक्टरों की जांच में पता चला कि उनके पैर की हड्डी बुरी तरह टूट चुकी है और तत्काल ऑपरेशन की आवश्यकता है। इलाज पर अनुमानित खर्च करीब 40,000 रुपये बताया गया, जिसमें 15,000 रुपये की रॉड (लॉन्ग पीएफएन) भी शामिल थी।
सरोज देवी का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है। उनके नाती विशाल रोज़ाना मज़दूरी कर जैसे-तैसे परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। इतने बड़े खर्च की व्यवस्था उनके लिए लगभग असंभव थी। कुछ दिन तक प्रयास करने के बाद जब कोई रास्ता नहीं निकला, तो विशाल ने जनता दर्शन में पहुँचकर जिलाधिकारी श्री जितेंद्र प्रताप सिंह से सीधे मुलाक़ात की और पूरी घटना से अवगत कराया।
डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल मानवीय हस्तक्षेप किया और नारायणा हॉस्पिटल के डॉ उदित त्रिवेदी से बात की और समन्वय कर सरोज देवी के निःशुल्क ऑपरेशन की व्यवस्था कराई। अस्पताल प्रशासन ने भी जिलाधिकारी के अनुरोध पर संवेदनशीलता दिखाते हुए बिना किसी शुल्क के इलाज किया।
ऑपरेशन सफल रहा और अब सरोज देवी की स्थिति में तेज़ी से सुधार हो रहा है। डॉक्टरों ने भी स्वास्थ्य लाभ की पुष्टि की है। परिवारजनों ने जिलाधिकारी के साथ ही नारायणा हॉस्पिटल के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह मदद उनके लिए उस वक्त आई, जब वह पूरी तरह असहाय महसूस कर रहे थे।