दीनू व अरिदमन ने नौबस्ता में भी किया जमीन का खेल लिखा गया मुकदमा

निशंक न्यूज कानपुर

कानपुर। बुधवार को दीनू-अरिदमन की टीम के खिलाफ नौबस्ता थाने में एक नई एफआईआर दर्ज हुई है। इस मुकदमे में अधिवक्ता अरिदमन सिंह के ससुर-साले आरोपी बनाए गये हैं। कुल मिलाकर 14 नामजद के साथ कई अज्ञात अधिवक्ता भी शामिल हैं। नये मामले में सरकारी और सीलिंग की जमीन को कूटरचित दस्तावेज के जरिए बेचने और रंगदारी वसूलने की गंभीर धाराओं में मुकदमा लिखा गया है। गैंग की जालसाजी का किस्सा शुरू हुआ 15 साल पहले वर्ष 2010 में, जोकि 24 जनवरी 2023 को रंगदारी वसूलने के साथ अर्द्धविराम के साथ अटका हुआ था। पुलिस ने दीनू तथा अरिदमन पर शिकंजा कसा तो कासिम की हिम्मत बंधी और उसने मुकदमा दर्ज कराया।

भरोसा जीतने के बाद विश्वासघात किया

बर्रा-6 की हरी-मस्जिद के करीब रहने वाले कासिम रजा ने वर्ष 2009 में अरिदमन के ससुर रामप्रताप सिंह से बूढ़पुर मछरिया की आराजी संख्या 1113 तथा 1114 का रजिस्टर्ड इकरारनामा किया था। सौदा पक्का था, इसी भरोसे का वास्ता देकर रामप्रताप सिंह ने अपने भाई राजा सिंह और दामाद अरिदमन सिंह को आराजी संख्या 1115 का संपूर्ण क्षेत्रफल चा लाख रुपए में बेचना तय किया। इसके बाद जून 2010 में रजिस्टर्ड इकरारनामा किया गया। छह महीने बाद जनवरी 2011 में आराजी संख्या 1118 की खरीद-फरोख्त के लिए कासिम रजा के साथ इकरारनामा किया गया। कुछ महीने बाद कासिम को मालूम हुआ कि, आराजी संख्या 1115 अरबन सीलिंग में दर्ज है। रकम वापसी की उम्मीद नहीं थी, ऐसे में आवास विकास परिषद से मुकदमा लड़ने का मूड बनाकर कासिम ने शेष जमीन का बैनामा कराने का आग्रह किया तो अरिदमन के साथ-साथ उसके ससुर रामप्रताप सिंह, तारा सिंह, शेरा सिंह, भानुप्रताप सिंह और साले गोपाल सिंह ने शेष रकम को वसूल लिया, लेकिन बैनामा नहीं किया। इसी दौरान आराजी संख्या 1118 को भी आवास विकास परिषद ने अपने कब्जे में कर लिया।

मुकदमा जीता, लेकिन एक इंच जमीन नहीं मिली

कासिम ने आवास विकास परिषद से कई बरस मुकदमा लड़ा और आखिरकार जीता। बावजूद, उसे एक इंच जमीन नहीं मिली। आरोप है कि, अरिदमन के ससुरालियों के साथ-साथ सपा नेता अजमेरी सिद्दीकी, अबकार अहमद ने दूसरी-दूसरी आराजियां डालकर प्लाटिंग के जरिए जमीन को खुर्द-बुर्द कर दिया था। इसी दरमियान कासिम के साले अंसार अहमद ने 150 गज का प्लाट भी खरीदा था। रिश्तेदारी खुलते ही अरिदमन की टीम ने अंसार को तीन लाख रुपए ट्रांसफर किया और धमकाकर अहमद वैश और रसूल अहमद के नाम जबरन बैनामा करा दिया। यह जबरदस्ती हुई 24 जनवरी 2023 को। कासिम का दावा है कि, बैनामा के बाद अंसार को चैंबर में बंधक बनाकर दीनू उपाध्याय, अरिदमन सिंह, राहुल सिंह, रामप्रताप सिंह, अजमेरी सिद्दीकी, गोपाल सिंह, शेरा सिंह, अबकार अमपहद, अहमद वैश, रसूल अहमद के साथ कई अन्य अधिवक्ताओ ने मारा-पीटा।

एक लाख वसूले, दो लाख का वादा लिया

कासिम का आरोप है कि, उसे तुरंत तीन लाख रुपए लेकर कचहरी आने का फरमान सुनाया गया। साले को छुड़ाने के लिए वह जैसे-तैसे एक लाख रुपए लेकर पहुंचा तो चैंबर में मौजूद उपर्युक्त लोगों ने उसे भी मारना शुरू कर दिया। अरिदमन ने रकम पूछी तो एक लाख रुपए थमा दिये। इसके बाद सादे कागज में दो लाख रुपए अदा करने की बात लिखकर दस्तखत कराने के बाद अंसार और कासिम को बाहर निकलने दिया गया। दशहतजदां कासिम कुछ दिन बाद मौके पर पहुंचे तो मालूम हुआ कि, जिस सरकारी जमीन का कूटरचित दस्तावेज के जरिए उसके साथ बैनामा किया गया था, उसे रामप्रताप ने अन्य आराजी संख्या बताकर शमशाद को बेच दिया गया, जबकि शेष जमीन पर सीमेंटेड बाउंड्री बनाकर अरिदमन और अजमेरी का नाम-नंबर लिखकर कब्जा कर लिया गया।

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