निशंक न्यूज।
कानपुर। पैसा कमाने जल्दबाजी में चर्चित कोचिंग संचालक से भूमाफिया बने गजेंद्र सिंह नेगी को आज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के पास पहुंची शिकायतों में सामने आया कि पैसे की हबस में नेगी ने कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की। पुलिस आयुक्त अखिल कुमार द्वारा शुरू किये गए अॉपरेशन महाकाल में नेगी का नाम सामने आया इसके बाद पुलिस में उसके खिलाफ कई मुकदमें दर्ज हो चुके हैं। नेगी को धोखाधड़ी और चेक बाउंसिंग के मुकदमों का शहंशाह कहा जाता है। मुकदमें दर्ज होने के बाद से गजेंद्र सिंह नेगी लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था। शनिवार को कानपुर पुलिस ने उसे लखनऊ जाते समय उसे दबोच लिया। देर शाम गजेंद्र को लेकर पुलिस टीम कानपुर पहुंची।
शुक्रवार को भी पुलिस ने की थी घेराबंदी
इस जालसाज की गिरफ्तारी न होेने से उसके शिकार हुए तमाम लोग परेशान थे और दो दिन पहले पीड़ितों ने ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर से मिलकर नेगी की गिरफ्तारी नहीं होने पर नाराजगी जताई थी। इन लोगों की समस्या सुनने के बाद नेगी की गिरफ्तारी के लिये क्राइम ब्रांच, सर्विलांस टीम के साथ ही पश्चिम जोन पुलिस को नेगी की गिरफ्तारी। इसके बाद सर्विलांस टीम ने गजेंद्र नेगी के परिजनों के साथ-साथ मित्रों और मददगारों के फोन कॉल की टैपिंग के जरिए नेगी की घेराबंदी करना शुरू किया था। शुक्रवार को पुलिस इस जालसाज के काफी करीब पहुंच गई थी, लेकिन अचानक मोबाइल फोन स्विच-ऑफ होने के कारण पुलिस उसे अपनी गिरफ्त में नहीं ले सकी। शनिवार की सुबह गजेंद्र नेगी की लोकेशन उन्नाव में मिली इसके बाद से पुलिस उसके पीछे लग गई और उसे दबोच लिया।
पुलिस के दाबव से घबराया था जालसाज
जानकारों का कहना है कि हमेशा सज-धज कर रहने वाला गजेंद्र सिंह नेगी पुलिस के दबाव से टूट गया था और आज जब उसे पुलिस गिरफ्त में लिया उस समयवह लोअर-टीशर्ट पहने था उसकी दाढ़ी भी ठीक से नहीं बनी थी। पुलिस के हाथ लगने से पहले वह अदालत में हाजिर होना चाहता था लेकिन मौका नहीं लग रहा था वह कुछ वकीलों की सलाह लेने के लिये लखनऊ जा रहा था तभी उसे पुलिस ने दबोच लिया।
कई मिलने वालों के पैसे लगाए थे अपने कारोबार में
गजेंद्र सिंह नेगी के खिलाफ दर्ज एनआई एक्ट के कुछ मामलों की जांच में जुटी पुलिस को पता चला है कि शातिर दिमाग नेगी ने जमीन के कारोबार के शुरुआती दिनों में ज्यादा लाभ देने का लालच देकर अपने करीबी लोगों का ही पैसा इस काम में लगाया। इसके बाद लोगों में नेगी का विश्वास बढ़ने लगा और कई लोगों ने उसके मार्फत से अपना पैसा निवेश कर दिया। इसके बाद नेगी के भीतर पैसे की भूख जग गई और उसने एक ही फ्लैट का कई लोगों को रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया। बाद में इन लोगों ने नेगी को दी गई चेक बैंक में लगाई तोे पैसा न होने के कारण चेक बाउंस होने लगी और नेगी इन्हें पैसा देने के बजाए धमकाने लगा। इसी के साथ उसपर एनआई एक्ट के मुकदमें लिखाए जाने लगे।