विकास वाजपेयी।
कानपुर। सीएमओ की कुर्सी के लिए कानपुर का सीएमओ कार्यालय बुधवार को अखाड़ा बन गया। एक ने अदालत के आदेश पर स्वयं को सीएमओ बताते हुए सीएमओ की कुर्सी पर बैठकर मातहतो को मौखिक आदेश देने शुरू कर दिए तो दूसरे खुद को शासन के आदेश पर अपने को सीएमओ बताते हुए बगल में कुर्सी डालकर बैठ गये। इस बीच पुराने सीएमओ हरिदत्त नेमी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले एक एसीएमओ ने पुलिस को सूचना देकर उन्हें कार्यालय पर बुला लिया। पुलिस की आवाजाही बढ़ने पर वर्तमान सीएमओ उदय नाथ दुसरे कमरे में जाकर बैठ गये। दोपहर में उदय नाथ वापस सर्किट हाउस चले गये। लेकिन इसके बाद भी कार्यालय में भारी पुलिस बल तैनात रहा। पूर्व में निलंबित किए गए सीएमओ हरिदत्त नेमी और उनके स्थान पर आये उदयनाथ दोनो ही अपने को सीएमओ बता रहे थे।
दो दिन पहले अदालत ने निलंबन पर लगाई थी रोक

शहर के जिलाधिकारी और निलंबित पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बीच के विवाद ने आज हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक नया मोड़ ले लिया था। हाईकोर्ट के एक वाइरल आदेश के बाद इसमें नई बहस को जन्म दिया है। आदेश के मुताबिक डा. हरिदत्त नेमी को उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1999 के तहत तात्कालिक प्रभाव से निलंबित करने का आदेश तर्क संगत प्रतीत नहीं होता और आवेदक द्वारा य भी दावा किया गया था कि सरकार ने उनकों बिना किसी जांच के सेवा से निलंबित किया था। निलंबन की अवधि में डा. नेमी को महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं लखनऊ कार्यालय से संबद्ध किया गया था। इस निलंबन आदेश के खिलाफ सीएमओ हरिदत्त नेमी ने अदालत की शरण ली। जिसके आधार पर दो दिन पहले सात जुलाई को अदालत ने सीएमओ हरिदत्त नेमी के निलंबन पर रोक लगाने के साथ ही इनके स्थान पर सीएमओ बनाकर भेजे गये उदय नाथ की तैनाती पर भी रोक लगा दी थी।
सीएमओ की कुर्सी पर नेमी, बगल की सीट पर बैठे डाक्टर उदयनाथ
बताया गया है कि अदालत के इसी आदेश पर पूर्व सीएमओ हरिदत्त नेमी सुबह करीब 9 बजे कार्यालय पहुंचे और सीएमओ की कुर्सी पर बैठकर स्वयं को सीएमओ बताते हुए मातहतो को मौखिक आदेश देना शुरू कर दिया। इस बात की जानकारी मिलने पर करीब पौने दस बजे वर्तमान सीएमओ उदय नाथ कार्यालय पहुंचे और श्री नेमी से कुर्सी से हटने के लिए कहा तो उन्होंने अदालत का आदेश दिखाकर कुर्सी से हटने से मना कर दिया। इसके बाद उदयनाथ ने उनके बगल में एक कुर्सी डलवाकर बैठे और रोज की तरह होने वाले कार्य शुरू कर दिए। सुबह करीब 10 बजे जब अन्य कर्मचारी ड्यूटी पर पहुंचे तो उन्हें सीएमओ की कुर्सी पर हरिदत्त नेमी बैठे दिखे, और उनके बगल की कुर्सी पर उदयनाथ बैठे थे। यह देख कर्मचारी भी असमंजस में पड़ गये कि वह किसका आदेश माने।
मोर्चा लेने वाले कर्मचारी भी नेमी की करते रहे हां हुजूरी
जानकार सूत्रो का कहना है कि डा.हरिदत्त नेमी को सीएमओ की कुर्सी पर बैठा देख उनके खिलाफ मोर्चा लेने वाले एक एसीएमओ ने सीएमओ कार्यालय में विवाद होने की सूचना देकर चकेरी पुलिस को बुलवा लिया। कुछ ही देर में थाना प्रभारी की अगुवाई में भारी पुलिस बल सीएमओ कार्यालय पहुंच गया। एक सीएमओ के पक्ष में शासन का आदेश था और दूसरे के पक्ष में अदालत का। इसके चलते पुलिस कर्मी भी मूकदर्शक बनकर यही खड़े रहे। वह किसी से कुछ कह नही पा रहे थे। थानाप्रभारी ने दोनो सीएमओ बस इतना कहा कि आप लोग आपस में विवाद न करे। शासन से जो आदेश होगा उसका पालन कराया जायेगा लेकिन आप दोनो को चाहिए कि कार्यालय में कोई विवाद की स्थिति न उत्पन्न होने पाये। इसके कुछ देर बाद सीएमओ उदयनाथ कार्यालय के ही दूसरे कक्ष में जाकर बैठ गये और अपना कार्य शुरू किया। करीब दो घंटे तक कार्यालय में बैठने के बाद उदयनाथ यह कहकर चले गये कि उन्हें शासन के आदेश पर सीएमओ ूबनाया गया। श्री नेमी के कानपुर आकर सीएमओ की कुर्सी पर बैठने के बाद उपजी पूरी स्थिति की सूचना जिलाधिकारी कानपुर, एडी तथा प्रमुख सचिव को दे दी गयी है। अब शासन से जैसा आदेश होगा वह उसका पालन करेंगे। इधर सीएमओ हरिदत्त नेमी ने कहा कि अदालत ने उनके निलंबन तथा उदयनाथ की तैनाती के दोनो आदेशो पर रोक लगा दी है। इसलिए उन्होंने सीएमओ कानपुर का कार्यभार संभाला है।
जिलाधिकारी से विवाद के बाद निलंबित हुए थे सीएमओ
आपको बता दें कि कानपुर में जिलाधिकारी पर टिप्पणी करने से संबंधित सीएमओ का कथित आडियो वायरल होने के बाद डीएम बनाम सीएमओ के मामले ने तूल पकड़ा लिया था। यही नहीं सीएमओ के कार्यों की तारीफ करते हुए शहर के भाजपा के तीन जनप्रतिनिधियों सतीश महाना, एमएलसी अरूण पाठक, और गोनिंदनगर से पार्टी के विधायक सुरेंद्र मैथानी ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र लिखे थे। तो जिलाधिकारी के कार्यशैली की तारीफ करते हुए भाजपा के बिठूर विधानसभा से विधायक अभिजीत सांगा ने डीएम के समर्थन में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. हरिदत्त नेमी को निलंबित कर उनकी जगह अपर मुख्य चिकित्साधिकारी श्रावस्ती के पद पर तैनात डा. उदय नाथ को कानपुर नगर का मुख्य चिकित्साधिकारी बनाया गया था। डा. नेमी के निलंबन और डा. उदय नाथ की तैनाती का आदेश स्वास्थ्य विभाग की निदेशक रितु माहेश्वरी ने जारी किया था। डा. हरिदत्त नेमी पर जिलाधिकारी की बात न मानने के आरोप के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में रिक्त पदों पर की जाने वाली नियुक्तियों में चयन प्रक्रिया के विपरीत पदों का विज्ञापन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश की वेबसाइट पर नहीं कराए जाने का भी आरोप था।
जिला स्वास्थ्य समिति तथा मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशों के बावजूद आयुष परीक्षा के किए गए साक्षात्कारों का परिणाम चार दिन के अंदर न कराकर चयन के कई दिनों बाद तक जिला स्वास्थ्य समिति से अनुमोदित नहीं कराए जाने से चयन प्रक्रिया संपन्न नहीं होने देने का आरोप था। यही नहीं वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी को वित्तीय परीक्षण व पदेन कार्यों से हटाते हुए उनके स्थान पर गैर वित्त सेवा के अधिकारी से कार्य लिए जाने के साथ ही कई अन्य आरोप लगे थे।