विकास वाजपेयी
कानपुर। बुधवार की सुबह सीएमओ हरिदत्त नेमी द्वारा अदालत के आदेश पर सीएमओ की कुर्सी पर बैठकर काम करने की घटना के बाद सीएमओ कार्यालय में बनी असहज स्थिति का गुरुवार को पटाक्षेप हो गया। दोपहर बाद ऊपर से मिले निर्देश के बाद सीएमओ कार्यालय पहुंची पुलिस ने दबाव बनाकर हरिदत्त नेमी को उनकी कुर्सी से हटवा कर वापस भेज दिया। इसके बाद उनके निलंबन होने पर यहां तैनात किये गये डाक्टर उदय नाथ ने फिर से सीएमओ की कुर्सी पर बैठकर काम शुरू कर दिया। यहां सीएमओ के पद पर दो लोगों के हो जाने से बुधवार को तब विवाद की स्थिति बन गई थी जब पूर्व में निलंबित किये गये सीएमओ हरिदत्त नेमी ने बुधवार की सुबह करीब नौ बजे पहुंचकर कुर्सी पर कब्जा कर लिया था और इसके बाद यहां पहुंचे वर्तमान सीएमओ उदयनाथ को उसके बगल में ही कुर्सी डालकर बैठना पड़ा था।
तीस घंटे में पलटी बाजी नेमी बोले लड़ाई जारी रहेगी
हाई कोर्ट से निलंबन पर स्थगनादेश प्राप्त करने के बाद बुधवार को कानपुर सीएमओ की कुर्सी पर सुबह-सुबह बैठकर स्वयं को ही सीएमओ बताने वाले डॉक्टर हरिदत्त नेमी की सत्ता करीब तीस घंटे में पलट गई। गुरुवार दोपहर 3:00 बजे सरकार के आदेश पर पुलिस ने उन्हें सीएमओ की कुर्सी से उतारकर कमरे से बेदखल कर दिया। इसके बाद उतरा हुआ चेहरा लेकर डॉक्टर नेमी अपने सरकारी आवास के लिए चले गए। हालांकि उन्होंने जाते समय कहा कि उन्होंने हार नहीं मानी है अभी लड़ाई जारी रहेगी। डॉक्टर नेमी के कार्यालय से जाने के बाद उनके निलंबन के बाद तैनात किये गए सीएमओ डॉक्टर उदयनाथ तीस घंटे बाद फिर जाकर अपनी कुर्सी पर बैठे और काम काज शुरू कर दिया।
हटाई गई नेमी के नाम की प्लेट

बुधवार का सीएमओ की कुर्सी पर बैठने के बाद एक बार फिर चर्चा में आए सीएमओ हरिदत्त नेमी के कार्यालय में लगी सीएमओ डाक्टर उदय नाथ की नेम प्लेट को हटा दिया गया था। इसके बाद लोग मान रहे थे कि अब डाक्टर नेमी इस कुर्सी पर रह सकते हैं। डाक्टर उदय नाथ की नेम प्लेट हटाने की फोटो सुर्खियों में रही थी। गुरुवार को दोपहर जैसे ही हरिदत्त नेमी को सीएमओ की कुर्सी से हटाया गया और यहां से अपने कार्यालय चले गए तो कर्मचारियों ने तुरंत ही कार्यालय के बाहर लगी उनकी नेम प्लेट को हटा दिया। उनकी नेम प्लेट हटाने की फोटो खींचने के लिये होड़ मची रही।
लखनऊ से रखी जाती रही नजर
गौरतलब है कि रसूख की लड़ाई में उलझे डॉ. हरिदत्त नेमी ने सरकार और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को बौना साबित करते हुए बुधवार की सुबह सीएमओ की कुर्सी पर कब्जा जमाने के बाद मौजूदा सीएमओ उदयनाथ को दूसरे कक्ष में बैठने के लिए मजबूर कर दिया था। राजधानी से प्रमुख सचिव पल-पल का अपडेट हासिल करते रहे, लेकिन देर शाम तक डॉ. हरिदत्त नेमी के लिये कोई निर्देश नहीं दिया जा सका। मामला शासन तक पहुंचने पर गुरुवार को राज्यपाल ने डॉक्टर हरिदत्त नेमी की विस्तृत जांच के लिए आदेश जारी कर दिया और प्रमुख सचिव के कहने पर उदयनाथ ने भी मातहतों को स्पष्ट कर दिया कि सीएमओ वही है और हरिदत्त नेमी से किसी भी प्रकार के कागजात पर दस्तखत कराने वाले खुद जिम्मेदार होंगे।
दोपहर बाद कुर्सी से हटाए गए नेमी
जानकार सूत्रों का कहना है कि 24 घंटे से हो रही किरकिरी के बाद शासन ने सख्ती का रुख दिखाना शुरू कर दिया। कोर्टे के आदेश पर सीएमओ की कुर्सी पर बैठने का दावा करने वाले डाक्टर हरिदत्त नेमी के खिलाफ राज्यपाल कार्यालय से जांच बैठाने के बाद इन्हें जबरिया कुर्सी से हटाने की तैयारी की गई और दोपहर बाद करीब तीन बजे पुलिस बल सीएमओ कार्यालय पहुंचा और कुछ देर समझाने के बाद उन्हें कुर्सी छोड़ने के लिये कह दिया गया। इसके बाद अकेले पड़ चुके डाक्टर हरिदत्त नेमी उदास मन के साथ उतरा हुआ चेहरा लेकर कुर्सी छोड़ने के बाद कार्यालय से बाहर गए और यहां से अपने आवास चले गए।
दिन में निरीक्षण करने गए उदयनाथ

सीएमओ कार्यालय में कुर्सी पर बैठने को लेकर चल रहे विवाद से अपने को अलग करते हुए स्वयं को ही सीएमओ का काम देखने का संदेश देने के लिये गुरुवार की सुबह सीएमओ उदयनाथ स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण करने के लिये निकल पड़े उन्होंन दो स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया और कमियां मिलने पर यहां तैनात स्टाफ को चेतावनी भी दी। यहां इस बात का संदेश दे दिया गया था कि सीएमओ की कुर्सी पर उदयनाथ ही रहेंगे और वर्तमान में सीएमओ की कुर्सी पर बैठक डाक्टर हरिदत्त नेमी के खिलाफ जल्द ही कुछ कार्रवाई हो सकती है।

दलित समाज ने किया नेमी का स्वागत
अपने निलंबन के बाद की गई पत्रकार वार्ता में डाक्टर हरि दत्त नेमी ने दलित कार्ड खेलते हुए कहा था कि वह दलित समाज से आते हैं इसलिये उनके खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। इसका असर भी गुरुवार को सीएमओ कार्यालय में दिखा सुबह दलित समाज के कुछ लोग सीएमओ कार्यालय पहुंचे और डाक्टर हरिदत्त नेमी का स्वागत किया।