चाकलेट -चटनी को है पिस्टल से मोहब्बत

विकास वाजपेयी

कानपुर। डी-टू गैंग के सदस्य रहे एजाजुद्दीन उर्फ सबलू पर जानलेवा हमले के बाद मुस्लिम क्षेत्र में गैंगवार की जो नींव पड़ी उसमें एक से एक उपनाम वाले अपराधियों के नाम भी सामने आने लगे हैं। कोई चटनी है तो कोई चाकलेट कोई चूड़ी है तो कोई मिर्जा। किसी अपराधी का नाम लफ्फाजी करने के कारण सुर्खियों में आ गया तो अपने चेहरे की बनावट के कारण कनखड़ा कहा जाने लगा। यह नाम चर्चा में हैं और कहा जा रहा है इस गैंगवार में यह उपनाम वाले भी महती भूमिका निभा सकते हैं हालांकि कोई प्रापर्टी के काम में लगा है तो कोई ब्याज का काम कर रहा है। गेंगवार की संभावना के बाद पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि अगर गैंगवार बढ़ता है तो कौन किसके पक्ष में खड़ा हो सकता है। अब तक पुलिस को जो सूचनाएं मिली हैं उसमे करीब आधा दर्जन ऐसे हैं जो अपने उपनाम से ही अपराध जगत व घनी बस्तियों में चर्चित हैं।

यूसुफ का नाम ऐसे पड़ गया चटनी

जानकार पुलिस सूत्रों की मानी जाए तो अपराधिक छवि वाले जिन लोगों के इस गैंगवार में भूमिका निभाने वालों के रुप में सामने आ रहे हैं उसमें पहला नाम यूसुफ चटनी का ही रहा जो पिछले दिनों सबलू पर हुए जानलेवा हमले की घटना का मुख्य हमलावर बताया जा रहा है और हमले के दूसरे ही दिन जब पूरे शहर की पुलिस उसे तलाश रही थी तब वह पुलिस को चकमा देकर एक पुराने मुकदमें में सरेंडर कर जेल चला गया। यूसुफ का उपनाम चटनी पड़ने की कहानी भी बड़ी रोचक है। बताया गया है कि शाहिद पिच्चा खाने-पीने का शौकीन है और वह अपने साथ रहने वाले सभी लोगों को एक साथ बैठाकर खाना खिलवाता था यह खाना भी एक किसी खास अड्डे पर रखा जाता था। ऐसी ही एक दावत जब रखी गई उस समय यूसुफ युवा ही था और वह दावत में मौजूद सभी लोगों में सबसे छोटा था। इस दावत में बेसन अजवाईन की रोटी बनी थी बना नानवेज भी था लेकिन इस दौरान यहां मौजूद पिच्चा के सबसे करीबी लोगों में शामिल सनी पिच्चा ने उम्र में छोटा होने के कारण यूसुफ को चटनी लाने के कहा। उत्साही युसुफ ने स्वयं ही चटनी बना ली यह चटनी यहां बैठे लोगों को इतना पसंद आई की सनी मौरंग ने कई बार यूसुफ को चटनी कहकर बुलाया और दावत खत्म होने के पहले ही सनी मौरंग को चटनी का नाम दे दिया। इसके बाद जब यूसुफ अपराध जगत में सक्रिय हुआ तो उसे चटनी उपनाम से ही जाना जाने लगा।

सोशल मीडया पर प्रसारित फोटो में शाहिद पिच्चा के साथ अन्नू पिस्टल

फोटो वायरल होने के बाद अन्नू हो गया अन्नू पिस्टल

इस गैंगवार में दूसरा नाम अन्नू पिस्टल का सामने आ रहा है।। अन्नू सामान्य था वह जब शाहिद पिच्चा व सबलू साथ रहते थे तब वह ज्यादा समय सबलू के साथ ही जुड़ा रहता था लेकिन जब दोनों के बीच तनातनी शुरू हुई तो अन्नू पिच्चा का करीबी हो गया। इस बीच एक कार्यक्रम में गए अन्नू ने एक पिस्टल लेकर फोटो खिंचाई यह फोटो सबलू के करीबी लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दी गई इसके से ही अन्नू को अन्नू पिस्टल के नाम से जाना जाने लगा रेलबाजार थानाक्षेत्र में जब एक घटना में अन्नू का नाम सामने आया तो वह अन्नू पिस्टल के नाम से अपराध जगत में चर्चित हो गया।

हाजी मस्तान पर बनी फिल्म से नाम पड़ गया मिर्जा

इन दोनों गुटों से जुड़े रहे युवाओं में एक और नाम पुलिस के सामने आया है जिसे मिर्जा के उप नाम से जाना जाता है। बताया जाता है कि सूफियान मिर्जा नाम का यह युवक पहले दोनों लोगों से जुड़ा रहा। बताया गया है कि शुरुआती दिनों में शूफियान लग्जरी लाइफ जीता था। वह आने जानेे में अक्सर पुजैरो गाड़ी का इस्तेमाल करता था और जब सिगरेट पीने का मन होता था तो सड़क पर खड़े होकर सिगरेट भी स्टाइल से पीता था। वह अक्सर सफेद जूता अथवा चप्पल के साथ ही सफेद अथवा हल्के रंग के कपड़े ही पहनता था जिसके चलते वह काफी हद तक आकर्षक दिखता था। जानकार लोगों का कहना है कि इस बीच हाजी मस्तान के नाम पर बनी फिल्म वन्स अपान ए टाइम इन मुंबई सिनेमा घरो पर आई जिसमें अजय देवगन जैसे एक्टर ने काम किया। इस फिल्म में हाजी मस्तान का किरदार निभा रहे हीरो का नाम सुल्तान मिर्जा था वह भी लग्जरी लाइफ जीता था। इस फिल्म को देखने के बाद अपराध जगत से जुड़े लोग शूफियान को शूफियान मिर्जा कहने लगे और वह इस नाम से ही चर्चित हो गया।

सोशल मीडिया में प्रसारित फोटो में शाहिद पिच्चा के साथ इरफान चूड़ी

चूड़ी की दुकान हटाए जाने पर इरफान बन गया इरफान चूड़ी

इरफान पहले मोहल्ले का सामान्य युवक था वह बेकनगंज बाजार में अपनी चूड़ी की दुकान पर ही ज्यादा समय बिताता था लेकिन वह यह सही है कि वह किसी से दबता नहीं था। इस बीच एक विवाद के बाद उस समय बेकनगंज के दो प्रभावशाली लोगों ने अपने प्रभाव के चलते इरफान की चूड़ी की दुकान हटवा दी। इस बात से नाराज होकर दुकान हटवाने में भूमिका निभाने वाले एक झोलाछाप से मोर्चा खोल दिया। इसके बाद अपराध जगत में तेजे से इरफान का नाम उभरा और वह इरफान चूड़ी के नाम से चर्चित हो गया। इरफान कभी पिच्चा तो कभी सबलू के साथ रहकर अपना प्रभाव बनाए रखने में सफल रहा।

इसलिये फैसल का नाम पड़ गया चाकलेट

पुलिस को पता चला है कि सबलू का एक अतिकरीबी देखने में बहुत मासूम दिखने वाला फैसल कोई नशा नहीं करता था और यहां आने जाने वालों से ज्यादा बात भी नहीं करता था और वह अपने काम से काम रखता था। अपने संबंधों के चलते उसने फतेहपुर तथा गुमटी नंबर पांच सहित कुछ इलाकों में अपराध िकिया था लेकिन ज्यादा न बोलने के कारण उसका नाम घटनाओं में सामने नहीं आया था यह बात सबलू के यहां बैठने वाले कुछ लोग ही जानते थे। पुलिस सूत्रों की मानी जाए तो उस समय उस समय अक्सर यहां लोग ताश खेलने आते थे इनमें कुछ मसाला खाने व सिगरेट पीने वाले आते थे। कम बोलने के कारण यह इनमें से कुछ उससे भय भी खाते थे। यहां आने वाले जब पान मसाला अथवा सिगरेट का आफर देते तो फैसल मसाला न खाने की बात कहते हुए कह देता चाकलेट मंगा लो खा लूंगा मसाला नहीं खाता। चाकलेट की उसकी पसंद व भोला चेहरा होने के कारण सबलू के खास लोग उसे चाकलेट कहने लगे और अपराध जगत में वह इसी नाम से मशहूर हो गया।

ज्यादा डींगे मारने के कारण शानू को कहा जाने लगा लफ्फाज

कभी शाहिद पिच्चा तो कभी सबलू के साथ रहने वाला शानू बातें बहुत करता था और जब कभी किसी काम के लिये भेजा जाता तो वहां से लौटने के बाद वह अपने सीनियर के सामने अपने काम को बहुत बढ़ा चढ़ाकर पेश करता था इसके चलते कुछ समय में ही उसके साथ ही उसे लफ्फाज कहने लगे और जब वह अपराध जगत में सक्रिय हुआ तो उसका नाम शानू लफ्फाज पड़ गया। पुलिस को पता चला है कि पहले शाहिद के लिये काम करने वाला शानू लफ्फाज इधर काफी दिनों से सबलू के साथ जुड़कर उसके प्रापर्टी के काम में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। पुलिस को यह भी पता चला है कि पहले शानू लफ्फाज व सनी मौरंग एक साथ मौरंग का काम करते थे। उस समय शाहिद पिच्चा के कहने पर यहां बिल्डिंग बनवाने वाले अधिकांश लोग इन दोनों से ही मौरंग लेते थे जिससे इनका आमदनी भी बहुत थी लेकिन बाद में इस काम में अपना एकाधिकार करने के लिये सनी मौरंग ने अपने साथी रहे शाहिद पिच्चा की बहन की शादी अपने भाई जीशान से करा दी औऱ दोनों रिश्तेदार हो गये तो सनी ने शानू से किनारा करना शुरू कर दिया जिसके चलते अकेले पड़े शानू लफ्फाज ने सबलू के संबंध बढ़ा लिये

कान बड़ा होने से बना कनखड़ा,खूबसूरत था इसलिये नाम पड़ा स्मार्टी

शॉहिद पिच्चा व सबलू के बीच शुरू हुई गैंगवार के बाद पुलिस द्वारा की जा रही पड़ताल में दो और नाम सामने आये हैं एक सूफियान कनखड़ा और दूसरी लारेफ स्मार्टी। पुलिस को उपनाम वाले इन दोनों के संबंध में पता चला है कि सूफियान के कान बड़े व अलग तरह के दिखते हैं जिसके चलते उसे शुरूआत से ही कनखड़ा कहा जाता रहा। इसी तरह लारेफ के संबंध में पुलिस को पता चला है कि लारेफ देखने में बहुत खूबसूरत है और उसकी हेल्थ भी सामान्य लोगों से काफी बेहतर है सामान्य भाषा में कहा जाए तो वह लारेफ हजारों में एक दिखने वाला है इसके चलते उसे शूरू से ही स्मार्ट कहा जाता था जब उसका नाम इन दोनों के साथ जुड़ा तो इसे लोग लारेफ स्मार्ठी कहने लगे।

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