वेद गुप्ता।
कानपुर। अगर आप मवैशी खासकर गोवंश अथवा महिषवंश को पाल कर उनके सेवा कर रहे है, तो जागरूक हो जाये। आज (23 जुलाई) से करीब डेढ़ महीने का टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। जिसमें सरकार की तरफ से मवैशियो को खुरपका तथा मुंहपका जैसी घातक बीमारियों से बचाने के लिए उन्हे निशुल्क टीका लगाया जायेगा। बस आप को टीकाकरण कराने के प्रति जागरूक होना है और यह भी ध्यान रखना है कि जिस मादा मवैशी को आप टीका लगवा रहे है। वह गर्भ से तो नही है। जिलाधिकारी ने आज टीकाकरण अभियान के शुरूआत कर वाहनो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
जिले में पशुधन को खुरपका-मुंहपका जैसे संक्रामक रोग से बचाने के लिए आज से विशेष टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई है। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कलेक्ट्रेट परिसर से प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और अभियान का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम पशुधन की रक्षा और किसानों की आजीविका को सुरक्षित रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह अभियान भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम (एन.ए.डी.सी.पी.) के अंतर्गत 7 सितम्बर 2025 तक चलेगा। जिलेभर में 37 टीमें गठित की गई हैं। प्रत्येक टीम में एक पशु चिकित्सा अधिकारी, एक पशुधन प्रसार अधिकारी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सहित कुल पाँच सदस्य कार्यरत रहेंगे। अभियान के दौरान सभी टीमें शीत श्रृंखला व्यवस्था के साथ पशु चिकित्सा वाहनों से क्षेत्रवार टीकाकरण करेंगी।
इस चरण में 5,26,370 गोवंश एवं महिषवंशीय पशुओं को निःशुल्क टीका लगाया जाएगा, जिनमें 1,39,400 गोवंश और 3,86,970 महिषवंश शामिल हैं। छोटे पशुओं पर टीकाकरण नहीं किया जाएगा। 4 माह से कम आयु के पशुओं एवं गर्भित मादाओं को भी इस चरण में शामिल नहीं किया गया है। ऐसे पशु जो किसी कारणवश टीकाकरण से छूट जाएंगे, उन्हें अगले चरण में शामिल किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अभियान के दौरान व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ग्रामीण क्षेत्रों में टीमें समयबद्ध पहुंचें और कोई पशु टीकाकरण से वंचित न रह जाए। उन्होंने पशुपालकों से अपील की कि वे अपने पशुओं को अनिवार्य रूप से टीकाकरण हेतु उपलब्ध कराएं, जिससे यह रोग जड़ से समाप्त हो सके।
इस अवसर पर कृषि उपनिदेशक डॉ. आर. वर्मा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आई.डी.एन. चतुर्वेदी, उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी सदर डॉ. सुशील कुमार, डॉ. राजेश कुमार, अजय निरंजन तथा डॉ. हरिकान्त समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।