निशंक न्यूज
कानपुर। मगलवार को सीएचसी बिल्हौर का निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी यहां की व्यवस्था को देख औचक रह गये। हर तरफ खामियां मिलीं। यहां के करीब एक दर्जन कर्मचारी गायब थे। गायब रहने वालों में एक डाक्टर भी शामिल था सीएमओ ने अनुपस्थित कर्मियों के एक दिन वेतन कटौती का निर्देश दिया। हालांकि इसे हिदायत के लिया पर्याप्त नहीं माना जा रहा है।
शहर में सीएमओ की कुर्सी पर खींचतान समाप्त होने के बाद मंगलवार को सीएमओ उदय नाथ सुबह वह बिल्हौर सीएचसी जा पहुंचे। अचानक निरीक्षण के दौरान सीएमओ ने अस्पताल की लैब, ओपीडी, डेंटल रूम व एक्स–रे रूम की व्यवस्थाओं को परखा। अस्पताल की छत पर घांस उगी देख सीएमओ ने बिल्डिंग के नुकसान की आशंका जताई और घांस हटाने के निर्देश दिए। अस्पताल के उपस्थिति रजिस्टर की जांच में खामियों का पिटारा खुल गया। इस दौरान एक डॉक्टर समेत तकरीबन 12 कर्मी गैर हाजिर मिले। जिनमें डॉ. म्रत्युंजय, एएनएम कविता, फार्मासिस्ट हर्षित, स्टाफ नर्स राजीव, मनु, सुशीला, सर्वेश व शशिबाला शर्मा, वार्ड बॉय शिवम, एसएन शिवाला, एलटी शशिभूषण शामिल है। बड़ी संख्या में गैर हाजिरी पर सीएमओ भड़क उठे। उन्होंने सीएचसी अधीक्षक धर्मेंद्र गुप्ता को फटकार लगाते हुए व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए। इसके अलावा अनुपस्थित कर्मियों पर एक दिन वेतन कटौती की कार्रवाई भी की गई। उधर, डॉ. उदय नाथ ने बताया कि पिछले सप्ताह से स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। डॉक्टर और अन्य स्टाफ की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आया है। इस पर सख्ती बरती जाएगी।
आयुष चिकित्सालय से गैर हाजिरों पर डीएम ने की वेतन कटौती की कार्रवाई

इधर चौबेपुर स्थित निगोह में आधा सैकड़ा शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालय पर मंगलवार को जिलाधिकारी निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं, औषधियों की उपलब्धता, स्वच्छता व्यवस्था तथा मरीजों को दी जा रही सुविधाओं का गहन अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान ओपीडी रजिस्टर के अवलोकन में 120 नए मरीज और 39 पुराने मरीज की प्रविष्टियाँ पाई गईं। चिकित्सालय में 34 स्टाफ तैनात मिला, जिनमें आयुर्वेद, होम्योपैथिक व यूनानी पद्धति के सात चिकित्सक सम्मिलित हैं। इस दौरान दो कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए, जिनका एक दिन का वेतन रोकने की निर्देश दिया। डीएम ने समुचित साफ-सफाई बनाए रखने हेतु निर्देश दिया। चिकित्सालय में कार्यरत डॉ. रचना त्रिपाठी ने अवगत कराया कि अब तक लगभग 200 मरीजों के असाध्य रोगों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है। इस पर जिलाधिकारी ने सराहना करते हुए निर्देश दिए कि जनसामान्य को आयुष चिकित्सा पद्धति के प्रति जागरूक करने के लिए जनसहभागिता बढ़ाई जाए। साथ ही, उन्होंने गांव-गांव प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए।इसके अलावा क्षेत्र के दिलीपनगर में मौजूद एक अन्य महत्वपूर्ण 50 शैय्या आयुष चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया गया।