कानपुर, निशंक न्यूज नेटवर्क
पनकी क्षेत्र के पास स्थित एल एंड टी (L&T) कंपनी के स्टॉक यार्ड में शुक्रवार देर रात भीषण आग लगने से करीब दस करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। करीब पंद्रह घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका है। रात से दूसरे दिन दोपहर तक दमकल कर्मी आग बुझाने का प्रयास करते रहे। आग इतनी भयानक थी कि पास की इमारतों को भी खतरा बना रहा और उन्हें आनन फानन खाली कराया गया था।
पनकी पड़ाव निवासी रोहित बाजपेई के घर के पिछले हिस्से में यार्ड स्थित था, जिसका इस्तेमाल एलएंडटी कंपनी मेट्रो ट्रैक के लिए सामान सप्लाई करने के लिए रखती थी। आग शुक्रवार देर रात लगी थी, जिसमें रखे प्लास्टिक के बुश, मेट्रो ट्रैक के नीचे बिछाने वाले सामान और मोबिल ऑयल के कारण तेजी से फैल गई। आग की लपटें इतनी विकराल थीं कि पास के मकान की तीसरी मंजिल पर रखी पानी की टंकियां तक पिघल गईं। मौके पर पहुंची पुलिस और दमकल कर्मियों ने आस-पास की ट्रैक्टर एजेंसी से वाहनों को सुरक्षित हटवाया गया और पास के हॉस्टल में रह रहे छात्रों को भी बाहर निकाल लिया गया।
पनकी एसीपी शिखर और मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) दीपक शर्मा के नेतृत्व में फजलगंज, पनकी, किदवई नगर और लाटूश रोड फायर स्टेशनों से आठ दमकल गाड़ियां (फायर टेंडर) मौके पर पहुंचीं थीं। शुक्रवार रात 9 बजे के करीब आग लगी थी जो रह रह कर भड़क रही थी ।फिलहाल शनिवार करीब 12 बजे आग पर पूरी तरह से काबू कर लिया गया। आग बुझाने के लिए कई स्टेशनों की एक दर्जन फायर टेंडर ने कई बार में आग को नियंत्रित किया। आग की वजह से स्टॉक यार्ड की तीन मंजिला इमारत पूरी तरह से खंडहर बन चुकी है। इमारत के दरवाजे और दीवारें तोड़कर आग को पूरी तरह से बुझाया गया है।
जेसीबी की मदद से यार्ड में खाक हो चुके सामान को निकाला जा रहा है। आस पास के कई मकानाें की दीवारें भी आग की लपटों से काली पड़ गई है। कुछ मकानों में दरारें आ गई है। हॉस्टल की पानी की टंकी और दरवाजे तक क्षतिग्रस्त हो गए है। दीवारों को जेसीबी की मदद से तोड़ा गया जिसके बाद कड़ी मशक्कत के बाद करीब 15 घंटे बाद पूर्णतया आग पर काबू पाया जा सका। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।
एलएंडटी कंपनी के प्रशासनिक अधिकारी महेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि यहां पर करीब दस करोड़ का सामान रखा हुआ था। जो पूरी तरह से जलकर खाक हो गया है। सीएफओ दीपक शर्मा ने बताया कि एलएनटी कंपनी का यह यार्ड मेट्रो को माल सप्लाई करता था। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। प्लास्टिक और मोबिल ऑयल के चलते आग तेजी से फैली थी। दो दिशाओं से पानी की बौछार कर आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है।