निशंक न्यूज।
कानपुर। दीनू उपाध्याय सिंडिकेट के सदस्य और 50-50 हजार के इनामी गोपाल शरण सिंह चौहान व विकास सिंह उर्फ विक्की ठाकुर ने शनिवार दोपहर पुलिस को चकमा देकर सीजेएम सूरज मिश्रा की कोर्ट में आत्म-समपर्ण कर दिया। दीनू उपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई शुरू होते ही सिंडिकेट के सभी सदस्य भूमिगत हो गए थे। अरिदमन की गिरफ्तारी और नारायण भदौरिया, दीपक जादौन के समर्पण के बाद गोपाल और विक्की ने भी अदालत में समर्पण कर दिया। दोनों पर दीनू के साथ शहर के कई थानों में आधा दर्जन से अधिक अपहरण, डकैती, जमीन कब्जा और रंगदारी समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। दोनों के समर्पण करते ही पुलिस ने रिमांड पर लेने के लिए कागजात दुरुस्त करना शुरू कर दिया है।
कुर्की के भय से दोनों ने किया समर्पण

दक्षिण और सेंट्रल जोन के कई थानों में रावतपुर निवासी अधिवक्ता गोपाल शरण सिंह चौहान और परमट के विकास सिंह उर्फ विक्की ठाकुर के खिलाफ जमीनों पर कब्जे, रंगदारी समेत करीब आधा दर्ज मुकदमे दर्ज हैं। करीब आधा दर्जन मामलों में फरार गोपाल और विक्की दोपहर के समय अधिवक्ता की ड्रेस में कोर्ट परिसर पहुंचे और सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया। कब्जा व रंगदारी मामले में जेल में बंद दीनू उपाध्याय के साथ गोपाल व विक्की पर नौबस्ता, नवाबगंज समेत कई थानों में मुकदमे दर्ज हैं। दीनू की गिरफ्तारी के बाद उसके भाई संजय व भतीजा की तलाश शुरू होते ही यह दोनों भी फरार हो गए थे, इसके बाद पुलिस ने दोनों पर इनाम घोषित किया था। दोनों की तलाश में पुलिस टीमों ने लगातार दबिश मारी थी, लेकिन पकड़ में नहीं आए। पुलिस कुर्की की कार्रवाई के लिए तैयारी कर रही थी। उससे पहले पुलिस को चकमा देकर दोनों ने सीजेएम कोर्ट में समर्पण कर दिया। डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि दोनों की तलाश में पुलिस की टीमें लगी थीं। साउथ और सेंट्रल जोन से दोनों के खिलाफ मुकदमें हैं। जल्द ही दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।
नारायण व अरिदमन का खास है गोपाल
दीनू ही नहीं, गोपाल नारायण सिंह भदौरिया के साथ भी विवादित जमीनों का काम करता था। ऐसी जमीनों पर उसकी नजर रहती है। तत्काल खरीद-फरोख्त में जुट जाता। पुलिस जांच में सामने आया है कि गोपाल सिंह चौहान जेल में बंद नारायण सिंह भदौरिया और अरिदमन सिंह का भी करीबी है। तीनों मिलकर दीनू के साथ विवादित जमीनों पर कब्जा करते थे। तिलकनगर में एक बुजुर्ग के बंगले पर भी कब्जे की कोशिश में नारायण सिंह व गोपाल पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
