कानपुर की दो बची सीटो पर सपा का फोकस

सरस वाजपेयी।

कानपुर। कानपुर की तीन विधानसभा क्षेत्रों में पहले से ही जीत हासिल कर चुके समाजवादी पार्टी का फोकस इस बार शहर की दो अन्य विधानसभा सीटो किदवई नगर तथा गोविन्द नगर पर भी रहेगा। इन दोनो विधानसभा क्षेत्रों पर जीत हासिल करने के लिए सपा ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव स्वयं यहां की स्थितियों पर नजर रखे है। जमीन की नब्ज जानने के लिए उन्होंने अपने दो विधायको को इन दोनो क्षेत्रों का प्रभारी बनाकर भेजा है। यह प्रभारी आम लोगो के बीच बैठकर जीत की संभावना तलाशने में लगे है। सपा इन दोनो सीटो पर भी जीत दर्ज कर कानपुर में अपना परचम लहराना चाहती है।

दोनों विधानसभा सीटों पर अखिलेश की नजर

राजनीति से जुड़े जानकार लोगो की मानी जाये तो 2027 विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अभी से अपनी तैयारियों को तेजी देना शुरू कर दिया है। पिछले दिनो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बैठक के दौरान कानपुर के खास लोगो के साथ यहा की सीटो पर अलग से चर्चा की थी। उनका मानना है कि थोड़ा भी प्रयास किया जाये तो कानपुर की शेष बची गोविन्द नगर तथा किदवई नगर विधानसभा सीटो पर भी थोड़ा प्रयास करने से जीत दर्ज की जा सकती है। इसके चलते सपा ने इन दोनो विधानसभा सीटो में बूथ स्तर पर अपने कार्यकर्ताअों की मजबूत टीम बनाने के साथ ही बीएलए की भी तैनाती करना शुरू कर दिया है।

लखनऊ व बांदा के प्रभावशाली बनाये गये प्रभारी

समाजवादी पार्टी की राजनीति से जु़ड़े जानकार लोगो की मानी जाये तो कानपुर की गोविन्द नगर तथा किदवई नगर सीट के महत्व को देखते हुए समाजवादी पार्टी की तरफ से यहां विशेषतौर पर दो प्रभारी तैनात की गए है। इसमें लखनऊ की राजनीति में सक्रिय सपा प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी महताब सिंह यादव को किदवई नगर विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया है। इसी तरह बांदा के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक सिंह गौर को गोविन्द नगर विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया है। जो संगठन से जुड़े लोगो के साथ ही अपने व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर इन दोनो विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी को मजबूत करने के साथ ही पार्टी के प्रत्याशी की जीत की संभावनाअों को तलाशेंगे।

कानपुर की तीन विधानसभा सीटो पर है सपा का विधायक

कानपुर की तीन प्रमुख विधानसभा सीटो आर्यनगर से समाजवादी पार्टी के अमिताभ वाजपेयी विधायक है, तो सीसामऊ विधानसभा सीट पर कई बार से समाजवादी पार्टी का ही विधायक बनता आ रहा है। पिछले दिनो यहा के विधायक इरफान सोलंकी के जेल जाने के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी ने जीत दर्ज की थी। हालाकि उपचुनाव होने के कारणत प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना को यहा का प्रभारी बनाया गया था। कई मंत्री यहा डेरा डाले रहे जिससे यह माना जा रहा था कि इस बार भाजपा यहा से जीत दर्ज कर सकती है। लेकिन जब परिणाम सामने आये तो नसीम सोलंकी भाजपा के उम्मीदवार सुरेश अवस्थी को पछाड़ कर जीत दर्ज करने में सफल रही। छावनी विधानसभा सीट पर भी सपा का ही विधायक है। यहां सपा के मोहम्मद हसन रूमी ने भाजपा उम्मीदवार को हराकर जीत दर्ज की थी।

तैयारी पूरी, समझौता हुआ तो सीट कांग्रेस को

समाजवादी पार्टी ने इन दोनों सीटों पर अपना होमवर्क लगभग पूरा कर लिया है। अब यहां इस बार मंथन किया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में किसी दल से समझौता न हुआ तो किस जाति के प्रत्याशी को उतारने पर जीत की संभावना ज्यादा बढ़ेगी। पिछले दो बार से गोविंद नगर क्षेत्र से जिस प्रत्याशी को उतारा जा रहा है उसे हर बार चालीस हजार के करीब वोट मिल रहे हैं इसके चलते विचार किया जा रहा है कि इस बार जातीय समीकरण को साधकर उम्मीदवार को मैदान में उतारा जाए। इसी तरह तय किया जा रहा है कि किदवई नगर विधानसभा क्षेत्र के जमीन पर सक्रिय रहने वाले किसी ब्राह्मण को सपा के टिकट पर मैदान पर उतारा जाए अगर कांग्रेस से समझौता होता है तो इन सीटों को कांग्रेस को दे दिया जाएगा लेकिन तब तक सपा इतनी मजबूत स्थिति में होगी कि कांग्रेस उम्मीदवार सपा के बगैर चुनाव लड़ने की हिम्मत न जुटा सके। इस संबंध में सपा के जिला महामंत्री बंटी सेंगर ने कहा कि गोविंद नगर तथा किदवई नगर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी तैयारियों पर हाई कमान भी नजर रखे है। यहां दो लोगों को प्रभारी बनाकर भेजा गया है जो अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपेगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *