सरस वाजपेयी
डी-2 गैंग के हिस्ट्रीसीटर एजाजुद्दीन उर्फ सबलू को गोली मारे जाने के मुकदमें में पिच्चा की मांग की नामजदगी इस घटना के बाद शातिर पिच्चा व सबलू के बीच छिड़ी गैंगवार की आग में घी का काम कर सकती है। जेल में बंद शाहित पिच्चा हत्या के प्रयास में कराई गई अपनी मां की नामजदगी से बेहद खफा है। उसने कभी अपने साथी रहे उन लोगों से सबलू को संदेश भिजवाया है कि मां की नामजदगी से किनारा कर लिया जाए वरना परिणाम गंभीर होंगे। इधर कहा जा रहा है कि वर्तमान में सबलू के साथ रहने वाले कई पुराने लोग भी गैंगवार में हुई हत्या के प्रयास की घटना में पिच्चा की मां की नामजदगी कराए जाने से नाराज हैं उन लोगों ने भी सबलू के खास लोगों से कहा है कि रंजिश में हुए जानलेवा हमले की घटना में बूढ़ी महिला को नामजद कराना उचित नहीं है।
सबलू पर हमले में पिच्चा की मां के खिलाफ लिखाया गया मुकदमा

बताते चलें कि सोमवार की रात मोतीझील के पास चाय पीने जा रहे एजाजुद्दीन उर्फ सबलू पर बाइक सवार लोगों ने हमला किया था जिसमें सबलू की गर्दन पर गोली में लगी। इस घटना में सब्लू की तरफ से लिखाई गई एफआईआऱ में मुस्लिम क्षेत्र में जमीन का काम करने वाले फिरोज उर्फ भईया, शाहिद पिच्चा, उसकी मां तथा बहनोई जीशान मौरंग सनी मौरंग के साथ ही शाहिद पिच्चा के साथ रहने वाले यूसुफ चटनी को नामजद कराते हुए तीन अन्य को भी आरोपित बनाया गया है। इस घटना के बाद मुस्लिम क्षेत्र में शाहिद पिच्चा तथा डी-2 गैंग से जुड़े रहे सबलू के बीच गैंगवार शुरू होने की बात कही जा रही है।
पहली बार गैंगवार हुई किसी की मां की नामजदगी
जानाकार पुलिस सूत्रों की मानी जाए तो इससे पहले मुस्लिम क्षेत्र में कई बड़े गैंगवार हुए। मुस्लिम क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि मुस्लिम क्षेत्र की सबसे बड़ी रंजिश में शामिल नई सड़क में दुन्नू व बाबू पहलवान के बीच चली रंजिश रही हो या अतीक-शफीक तथा नादिर साबिर के बीच की रंजिश हो। घने हिंदू इलाकों में जिन्ननाथ तथा संजय एडी के बीच की रंजिश रही हो या हाता सवाई सिंह चौक में रज्ज्न- बिज्जन के बीच की खूंरेजी चली हो कभी कभी किसी भी गुट द्वारा किसी दूसरे गिरोंह में शामिल अपराधी की मां अथवा बहन को किसी मुकदमें में नामजद नहीं कराया गया। पहली बार गैंगवार में एक गुट के शातिर की मां को नामजद कराने की बात को कोई भी गले से नहीं उतार पा रहा है। शातिर शाहिद पिच्चा भी अपनी बीमार मां को नामजद कराए जाने से बेहद खफा है। यह नाराजगी उसने पिछले दिनों पेशी पर मिलने पहुंचे लोगों के सामने भी जाहिर की।
मां को बहुत प्यार करता है पिच्चा,एक जुबान पर भेजा था उमरा करने
मुस्लिम क्षेत्र में सक्रिय लोगों की मानी जाए तो पुलिस की नजर में कुख्यात शाहिद पिच्चा अपनी मां को बहुत प्यार करता है और उसकी एक बात पर कुछ भी करने को तैयार रहता है। घर में रहने के दौरान उसका प्रयास रहता था कि वह मां से मिलने के बाद ही घर से बाहर निकले। पिछले दिनों जब वह जेल में बंद था तो उसे पता कि मां हज अथवा उमरा करना चाहती है। नतीजा यह निकला कि वर्ष 2023 में जेल से बाहर आते ही उसने सबसे पहले मां के उमरे के लिये जाने का इंतजाम किया औऱ मां की इच्छा पूरी करने के लिये उन्हें उमरा करने के लिये भेज दिया। इसी तरह जब उसकी मां ने आंख में दिक्कत होने की बात बताई तो उसने शहर के बड़े डाक्टर के यहां मां का आपरेशन कराने का इंतजाम शुरू कर दिया लेकिन बीपी व शुगर के अनियंत्रित होने के कारण डाक्टर ने उसकी मां का आपरेशन करने से मना कर दिया। इसके बाद उसने परिवार के एक सदस्य को जिम्मेदारी सौंपी वह मां के खानपान पर नजर रखे ताकि शुगर नियंत्रित हो और वह अपनी मां को आंख की समस्या से निजात दिला सके।
सबलू भी पिच्चा की मां से दुआ पढ़ाकर निकलता था घर से

जानकार लोगों की मानी जाए तो सबलू ने भी अपराध जगत में पैठ बनाने के पहले काफी समय तक शाहिद पिच्चा के साथ और ज्यादा समय शाहित पिच्चा के घर पर ही अपना समय बिताया। इस दौरान शाहित के कहने पर उसके साथ जाने अथवा कोई काम करने के लिये घऱ से निकलता था तो वह शाहिद की मां से दुआ पढ़वाने के बाद ही पिच्चा के घर से बाहर निकलता था उसे भरोसा था कि पिच्चा की मां द्वारा पढ़ी गई दुआ उसके लिये कवच का काम करती है। बताते चलें कि शुरूआती दिनो में सबलू शाहिद पिच्चा का शार्गिद बनकर रहता था। शाहिद पिच्चा के पिता की कपड़े की दुकान में सबलू घंटों बैठा रहता था और ग्राहको को कपड़े दिखाने व उनकी तह लगाने के काम में पिच्चा वह उसके पिता की मदद भी करता था। दुकान छोड़ने के समय पिच्चा व सबलू एक साथ ही निकलते थे उस समय तक पिच्चा बड़े अपराधियों के सम्पर्क में आ चुका था, और उसका क्षेत्र में दबदबा भी बन चुका था। कहा जा रहा है कि पिच्चा के दबदबे के चलते सबलू भी अपनी क्षेत्र में हनक बनाना चाहता था इसलिए भी वह अक्सर पिच्चा को पीछे बैठाकर बाइक पर चलता था।