सरस वाजपेयी।
मुस्लिम क्षेत्र के दो प्रभावशाली शाहिद पिच्चा तथा सब्लू के आमने-सामने आने से एक बार फिर शहर गैंगवार की नींंव पड़ने लगी है। इस नए गैंगवार के छिड़ने की चर्चा घने मुस्लिम क्षेत्र में भी शुरू हो गई है और पुलिस भी इस गैंगवार की आशंका को लेकर नजरे गड़ाए है। गैंगवार को बढ़ने के पहले ही समाप्त किया जाए इसके लिये पुलिस ने अभी से दोनों पक्षों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। पुलिस ने अपने मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय किया जो इस बात का पता लगा रहे हैं गैंगवार शुरू होने पर कौन अपराधी किसके साथ जुड़ सकता है।
बताते चलें कि सोमवार की रात मोतीझील के पास चाय पीने जा रहे एजाजुद्दीन उर्फ सब्लू पर बाइक सवार लोगों ने हमला किया था जिसमें सब्लू की गर्दन पर गोली में लगी। इस घटना में सब्लू की तरफ से लिखाई गई एफआईआऱ में मुस्लिम क्षेत्र में जमीन का काम करने वाले फिरोज उर्फ भईया, शाहिद पिच्चा, उसकी मां तथा बहनोई जीशान मौरंग सनी मौरंग के साथ ही शाहिद पिच्चा के साथ रहने वाले यूसुफ चटनी को नामजद कराते हुए तीन अन्य को भी आरोपित बनाया गया है। इस घटना के बाद मुस्लिम क्षेत्र में एक बार फिर गैंगवार छिड़ने की संभावना जताई जाने लगी है।
विवादित प्रापर्टी की कमाई में एकाधिकार को लेकर बढ़ी रंजिश
क्षेत्र में रहने वाले पुराने जानकारों तथा पुलिस सूत्रों की मानी जाए तो मुस्लिम क्षेत्र में काफी समय बाद गैंगवार की फिर से नींव पड़ी है इसका कारण यहां पुराने मकानों की खरीद फरोख्त से होने वाली कमाई पर एकाधिकार जमाने की है। लोगों का कहना है कि पहले यह एकाधिकार शाहिद पिच्चा के पास ही हुआ करता था उस समय पिच्चा के घर के सामने ही रहने वाला एजाजुद्दीन उर्फ सब्लू भी पिच्चा के साथ ही जुड़ा था क्योंकि जिस समय सब्लू युवा अवस्था के कदम रख रहा था उस समय पिच्चा अपराध जगत में अपनी जड़े जमा चुका था और इसके चलते सबलू भी पिच्चा के साथ ही चलता था और मकान खाली कराने का जो काम पिच्चा को मिलता था उसकी देख रेख का काम पिच्चा अपने मकान के सामने रहने वाले सबलू से ही कराता था।
दो सपा नेताओं के संरक्षण के बाद मजबूत हुआ सबलू
जानकारों का कहना है कि इस बीच अपनी हरकतों के कारण शाहिद पिच्चा अक्सर पुलिस की नजर में रहता था और कई बार उसे जेल जाना पड़ा। तब पिच्चा को मुस्लिम क्षेत्र के एक प्रभावशाली युवा सपा नेता का संरक्षण मिला करता था। प्रदेश में सपा की सरकार बनने के बाद इस युवा सपा नेता के दो राजनीतिक विरोधियों ने मुस्लिम क्षेत्र में जमीन मकानों की खऱीद फरोख्त का काम शुरू किया तो इन दोनों नेताओं ने जेल जा चुके पिच्चा के लिये मकान खाली कराने का काम करने वाले सबलू पर हाथ रख दिया। इन दोनों नेताओं का संरक्षण मिलने के बाद सबलू ने पिच्चा से अलग हटकर इन नेताओं को विवादित मकान का सौदा कराने तथा किराएदारों से इन्हें खाली कराकर फ्लैट बनवाने का काम शुरू कर दिया। पिच्चा जेल से छूटता तब तक सबलू आर्थिक व राजनीतिक रूप से इतना मजबूत हो गया कि उसने पिच्चा से किनारा कर लिया यही नहीं आमना-सामना न हो इसके लिये सबलू ने रूपम सिनेमा के पास अपना आवास बना लिया और यहीं पत्नी के साथ रहने लगा।

विवाद से बचने के लिये सबलू ने छोड़ दिया था पुराना घर
मुस्लिम क्षेत्र के जानकारों की मानी जाए तो वर्ष 2011-12 में जब सबलू रूपम सिनेमा के पास रहने आया तो तब यहां फिरोज भइये विवादित मकान खरीदकर इन्हें खाली कराने के बाद बेंचने का काम अकेले ही कर रहा था लेकिन सबलू के क्षेत्र में आने के बाद यह दोनों मिलकर काम करने लगे। कहा जाता है कि दोनों ने करीब दस साल तक एक साथ मिलकर मकानों का काम किया लेकिन इन मकानों के बिकने से होने होने वाली आमदनी को लेकर फिरोज भइये और सबलू के बीच विवाद शुरू हुआ। सबलू के करीबी लोगों का कहना है कि फिरोज पर सबलू के करीब तीस लाख रुपये बाकी हो गए थे। सबलू जब भी इन पैसों का तगादा करता तो कोई न कोई बहाना कर फिरोज उसे टाल देता। क्षेत्र में गैंगवार न हो इसके लिये कई प्रभावशाली लोगों ने कई बार दोनों के बीच पंचायत कराई लेकिन पैसे का विवाद सुलटा नहीं।
भईये ने काट दी अम्मा जी की बात
बताया गया है कि मुस्लिम क्षेत्र के एक प्रभावशाली की पत्नी को अम्माजी के नाम से जाना जाता है उन्होंने फिरोज उर्फ भईये के शुरुआती दिनों में उसकी बहुत मदद की। सबलू पैसे के लेनदेने के विवाद को लेकर अम्मा जी के पास गया तो करीब डेढ़ साल पहले अम्मा जी ने फिरोज भइये व सबलू के बीच पंचायत कराई तब यह तय हुआ कि भईये व सबलू एक दूसरे से मतलब नहीं रखेंगे। जिस 32 लाख रूपये का विवाद है वह रकम भईये तय समय में अम्माजी के पास पहुंचा देगा वह सबलू को बुलाकर पैसा दे देंगी लेकिन भईये ने अम्मा जी की बात काट दी और उनके सामने हुए समझौते से मुकर गया।
जेल से छूटे पिच्चा से बढ़ाई भईये ने नजदीकियां
बताया गया है कि इस बीच काफी समय से जेल में बंद शाहिद पिच्चा छूटा तो दुश्मन का दुश्मन दोस्त की कहावत पर चलकर पिच्चा से नजदीकियां बढ़ा लीं। करीब एक महीने पहले जब एक बार फिर इस 32 लाख रुपये को लेकर सबलू व भईये के बीच पंचायत हुई तो इस पंचायत में भईये की तरफ से पिच्चा का बहनोई जीशान मौरंग बैठ गया। जिसपर सबलू व उनके लोगों ने ऐतराज किया तो बाद बिगड़ गई और दोनों ने एक दूसरे को देख लेने की धमकी दी थी। सबलू के करीबी लोगों ने पुलिस को बताया कि इस पंचायत में ही फिरोज भईये ने सबलू को पैसा न देने की बात कहते हुए धमकी दी थी कि वह इतनी रकम किसी और देकर हत्या करा देगा।