डीपीआरओ के पास इतने बहाने के किताब लिख जाएः एमएलसी

विकास वाजपेयी

सरकारी योजनाओं तथा कार्यों की समीक्षा करने के लिये कानपुर देहात गये विधान परिषद सदस्य यहां की हकीकत देख दंग रह गए। गोशाला में खाने के लिये चारा था पानी। चारा काटने वाली मशीन काफी समय से बंद पड़ी थी। समीक्षा बैठक में एमएलसी अरुण पाठक के सामने डीपीआऱओ हर सवाल के जवाब में कोई न कोई बहाना बना रहे थे। इससे नाखुश एमएलसी ने कनपुरिया अंदाज में कटाक्ष करते हुए कहा कि डीपीआरओ के पास तो इनते बहाने हैं कि इन्हें सुनकर इनपर एक पूरी किताब लिखी जा सकती है।

समीक्षा बैठक करते एनएलसी अरुण पाठक व मौजूद अधिकारी।

सेवा कार्यों की हकीकत परखने के लिये किये गये जमीनी निरीक्षण में खामियां देख नाराज हुए एनएलसी अरुण कुमार पाठक ने साफ शब्दों में कहा कि अगर जनता की सेवा का दायित्व लिया है, तो काम भी करना पड़ेगा। उन्होंने जमीनी हकीकत देखने के लिए निरीक्षण किया तो योजनाओं में घोर लापरवाही देखकर वे दंग रह गए। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत श्री पाठक ने पहले माती स्थित कैंप कार्यालय में लोगों की समस्याएं सुनीं और फिर सर्किट हाउस में मुख्य विकास अधिकारी एन. लक्ष्मी, डीपीआरओ विकास पटेल और जल निगम के अधिकारियों संग समीक्षा बैठक की।

डीपीआरओ योजनाओं पर किये गये सवालों का नहीं दे सके जवाब

बैठक में मॉडल ग्राम पंचायत, आरआरसी सेंटर, स्वच्छता अभियान, हैंडपंप रिबोर और रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसी योजनाओं की समीक्षा की गई। जब श्री पाठक ने डीपीआरओ विकास पटेल से इन योजनाओं की प्रगति के बारे में पूछा तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। एमएलसी ने जब उनसे जनपद की 618 ग्राम पंचायतों में दो वर्षों के दौरान निरीक्षण से जुड़ा सवाल किया तो उसके भी ठोस उत्तर नहीं मिले। खुली बैठकों की संख्या, शौचालय की दूसरी किस्त बिना सत्यापन जारी करने, गांवों में सफाई कर्मियों की गैरमौजूदगी और ग्राम सचिवों की मनमानी जैसे मुद्दों पर भी डीपीआरओ मौन रहे।

चारा काटने की मशीन मिली बंद,गोशाला में नहीं था चारा

जमीनी निरीक्षण के दौरान जानकारी लेते विधान परिषद सदस्य अरुण पाठक।

समीक्षा बैठक के बाद श्री पाठक ने जिला मुख्यालय से सटे ग्राम जलालपुर नागिन का निरीक्षण किया। यहां पर आरआरसी सेंटर अब तक शुरू नहीं हुआ था। सेंटर परिसर में रखी चारा काटने वाली मशीन महीनों से बंद पड़ी थी, लेकिन वहां नई केबल, टेप और बोर्ड रख कर झूठा दिखावा किया गया था। जब केयरटेकर ज्ञान सिंह से पूछा गया तो उन्होंने झूठा दावा किया कि मशीन रोज चलती है। मौके पर मौजूद सेक्रेटरी खुशबू श्रीवास्तव गौशाला का कोई रिकॉर्ड नहीं दिखा सकीं। रजिस्टरों में वर्षों से कोई नामांकन नहीं हुआ और परिवार रजिस्टर भी अपडेट नहीं था। गौशाला में न तो पशुओं के लिए पानी था और न चारा। एमएलसी ने नाराजगी जताते हुए संबंधित लापरवाह कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *