विकास वाजपेयी
जिलाधिकारी से चल रही रस्साकसी के बीच नियुक्ति में घालमेल करने के आरोप में निलंबित किये गये सीएमओ हरिदत्त नेमी ने आज कानपुर के डीएम के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि एक दागी फर्म पर कार्रवाई करने के साथ ही सपाई मानसिकता के एक डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने के कारण जिलाधिकारी उनसे नाराज थे। उन्होंने साफ कहा कि वह हाईकोर्ट जाएंगे। हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्देश हैं कि डीएम व सीडीओ को विकास के कार्य में रुचि लेनी चाहिये अन्य कार्य में नहीं। इधर जिलाधिकारी कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि निलंबित अधिकारी का कुछ अधिकारियों पर असत्य व नितांत निराधार आरोप लगाना घोर अनुशासनहीनता है।
दूसरे बैच नंबर की थी दवा,भुगतान करने का डाला जा रहा था दबाव
सीएमओ हरिदत्त नेमी के सस्पेंड होने के बाद उन्होंने अपने आवास पर प्रेसवार्ता करके गंभीर आरोप लगाये। उन्होंने कहा जे एम फार्मा ने 1.60 करोड़ के टेंडर में 1.30 करोड़ का माल सप्लाई किया था बाकी का माल सप्लाई नहीं किया था। जांच में जो दवा मिली उसका बैच नंबर दूसरा था। इस फर्म का भुगतान करने का दबाव बनाया जा रहा था। सीएमओ का आरोप है की दलित होने और जे एम फार्मा का पेमेंट न करने समेत सिस्टम में रहकर काम न करने पर डीएम नाराज थे।
निलंबन के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगेः सीएमओ
मुख्यमंत्री को भेजा एक पत्र के आधार पर सीएमओ ने आरोप लगाया कि शहर में तैनात रहे नोडल अधिकारी स्टोर सुबोध प्रकाश यादव भी भ्रष्ट सिस्टम का हिस्सा है। वह सपाई मानसिकता के हैं आरएसएस तथा भाजपा से जुड़े कई प्रमुख लोगों ने भी सुबोध प्रकाश यादव के कामों की शिकायत की थी। हटाए जाने पर सुबोध प्रकाश ने ही डीएम को बरगलाया। उन्होंने कहा कि सस्पेंसन के खिलाफ हाईकोर्ट जायेंगे। उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा। सीबीआई से चार्जशीटेड कम्पनी को फायदा पहुंचाने के लिये ये सब किया गया। सीएमओ ने कहा कि जिलाधिकारी मीटिंग में बेइज्जत करते थे। गलत काम के लिये दबाव देते थे न करने पर परेशान कर रहे थे। कितने पैसे मांगे के सवाल पर कहा पैसे मांगे लेकिन कितने चाहिये ये कभी नहीं कहा। सीएमओ का इशारा चौबेपुर में तैनात एक डॉक्टर और शहर में कई सालों से तैनात डॉ सुबोध प्रकाश यादव को लेकर भी था।
आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जाएगी ः जिलाधिकारी
शासन द्वारा सम्यक विचारोपरांत निर्णय के उपरांत निलंबित अधिकारी द्वारा निर्णय पर प्रतिकूल टिप्पणी करना और सभी अधिकारियों पर असत्य और नितांत निराधार आरोप लगाना घोर अनुशासनहीनता है। समस्त तथ्यों से सक्षम स्तर को अवगत कराते हुए आवश्यक वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
ज़िलाधिकारी कानपुर नगर