विकास वाजपेयी
कानपुर। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिदत्त नेमी के बीच चल रहे विवाद को समाजवादी पार्टी ने लपक लिया है। इसके साथ ही यह जंग राजनीतिक रूप लेने लगी है। आम लोग भी इस जंग पर नजरे गढाये है और सोशल मीडिया पर भी लगातार नजर रखी जा रही है कि आगे क्या होगा। समाजवादी पार्टी ने इसे राजनीतिक रंग देकर कहना शुरू कर दिया है कि डीएम व सीएमओ का विवाद पर्दे के पीछे प्रदेश में सीएम व डिप्टी सीएम के बीच चल रही राजनीतिक जंग का हिस्सा है। इधर कानपुर की नब्ज पर नजर रखने वाले हास्य कलाकार अन्नू अवस्थी भी जिलाधिकारी के पक्ष में कूद पड़े है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिन में कुछ अन्य कलाकार भी अधिकारियों की इस जंग में किसी का पक्ष लेते नजर आ सकते है। बताते चले कि भाजपा विधायक सुरेन्द्र मैथानी ने सोमवार को ही यह कहा था कि अधिकारियों के बीच विवाद से जनता के बीच शासन की छवि खराब हो रही है। इन दोनों अधिकारी को निलंबित कर देना चाहिए।
सीएमओ को लेकर भाजपा विधायकों में छिड़ी है जंग

बताते चले कि कई पीएचसी व सीएचसी तथा स्वास्थ्य सेवाओं से जु़ड़े कार्यालयों में छापा मारने के बाद चिकित्सा सेवाओं को बदहाल बताकर पिछले दिनों जिलाधिकारी (डीएम) जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) हरिदत्त नेमी की कार्यप्रणाली पर ऊंगली उठाकर उनका तबादला कानपुर से करने के लिए शासन को पत्र लिखा था। यह पत्र मीडिय में सार्वजनिक होने के बाद सीएमओ ने भारतीय जनता पार्टी के विधायकों से सम्पर्क किया। इसके फलस्वरूप महराजपुर क्षेत्र के विधायक व विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, गोविन्द नगर क्षेत्र के चर्चित विधायक सुरेन्द्र मैथानी तथा विधान परिषद सदस्य अरूण पाठक ने प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का भी काम देख रहे उप मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सीएमओ के व्यवहार को मृदुल तथा उनकी कार्य प्रणाली को सरकार की योजनाओं के लिए बेहतर बताते हुए इनको कानपुर में ही बनाये रखने का पत्र लिखा। इन तीनो विधायकों का पत्र सार्वजनिक होने के बाद सोमवार को भाजपा के ही विधायकों अभिजीत सिंह सांगा तथा महेश त्रिवेदी ने सीएमओं की कार्यप्रणाली पर गम्भीर आरोप लगाते हुए उनकी जांच कराने के साथ ही उनका तबादला कानपुर से करने की संस्तुति के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।
समाजवादी पार्टी ने विवाद को दी हवा शासन तक आंच
डीएम व सीएमओं के बीच चल रहे घमासान को समाजवादी पार्टी ने मुद्दा बना लिया है। पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेई का कहना है कि यह नूरा कुश्ती है और शासन स्तर पर चल रही गोलबंदी का परिणाम। मुख्यमंत्री तथा उप मुख्यमंत्री के बीच चल रही राजनीतिक उठापटक के चलते यहां के अधिकारी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है और वह स्वयं को ठगा सा महसूस कर रही है।
एक वार्ता के दौरान जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से इस संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने भी शासन पर निशाना साधते हुए कहाकि यह अोसीएम व डीसीएम की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि अोसीएम मतलब आउट गोईंग सीएम और डीसीएम का मतलब डिप्टी सीएम। उन्होंने कहाकि यह डिप्टी सीएम जनता को न्याय ही नही देने दे रहे है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव का यह ब्यान सोशल मीडिया में काफी देखा जा रहा है।
जनता के काम में सीएमओ हमेशा देते सकारात्मक जवाब

जानकार लोगों की मानी जाए तो सोमवार को एमएलसी अरुण पाठक ने डिप्टी सीएम को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का क्रियान्वयन लगन के साथ किया है। इसलिए सीएमओ को कानपुर में ही पदस्थ रखा जाए। इस संबंध में विधान परिषद सदस्य अरुण पाठक का कहना है कि हां मैने उनके कार्य को देखते हुए सीएमओ के पक्ष में लिखा था। जब भी किसी सिफारिश या काम के लिए मैंने आम जनता की चिकित्सीय मदद करने के लिये सीएमओ को फोन किया तो उन्होंने उसका हमेशा सकारात्मक उत्तर दिया है। पीड़ित की मदद भी की। बाकी यदि किसी भी तरह का भ्रष्टाचार या अनुशासनहीनता का मामला उनके खिलाफ हो उस पर कार्यवाही के लिए मैं कभी विरोध में नहीं हूं
मैथानी ने लिखा था सीएमओ का रहता मृदुल व्यवहार

इधर भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी भी सीएमओ के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने भी सीएमओ के पक्ष में पत्र लिखते हुए सीएमओ को कानपुर में ही तैनात रखने के लिए डिप्टी सीएम को पत्र लिखा है। विधायक सुरेंद्र मैथानी का कहना है कि हमने सतीश महाना जी के पत्र को देखकर सीएमओ के अच्छे कार्य की संस्तुति की थी हालांकि जिस तरह से जिलाधिकारी इस पूरे मामले को सार्वजनिक कर रहे हैं उससे नीचे के अधिकारियों का मनोबल गिरता है। जिससे अधिकारियों व सरकार की क्षवि धूमिल हो रही है। उन्होंने कहा कि वह बहुत जल्द इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से मुलाकात कर उन्हें पूरी जानकारी देंगे। उनका यह भी कहना है कि जिन अधिकारियों के कारण सरकार की छक्षि खराब हो रही है ऐसे अधिकारियों को निलंबित कर दिया जाए। 15 जून को विधायक ने पत्र लिखकर लखनऊ भेजा है।
सांगा का कहना सीएमओ वसूल रहे हैं नर्सिंग होमों से रुपया

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने कहा कि सीएमओ हरिदत्त नेमी के संरक्षण में सैंकड़ों प्राइवेट अस्पताल अवैध रूप से संचालित हैं। जनपद के प्राइवेट अस्पतालों को सीएमओ का संरक्षण प्राप्त होने के कारण यह अस्पताल मरीजों से मनमानी वसूली कर रहे हैं। यहीं नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि प्राइवेट अस्पतालों से सीएमओ भारी धन उगाही भी कर रहे हैं और सीएमओ द्वारा जनपद के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा जिससे सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था खराब होने के कारण क्षेत्र की जनता प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करान के लिये मजबूर है। भाजपा विधायक ने कहा कि सीएमओ बेहद निरंकुश अधिकारी हैं इनके खिलाफ जांच कराते हुए दोषी पाए जाने की दशा में इनका कानपुर से स्थानांतरण किया जाए। बताते चलें कि पूर्व में विधायक अभिजीत सिंह सांगा एक निजी अस्पताल पर मनमानी का आरोप लगाकर मोर्चा खोल चुके हैं।