वेद गुप्ता
आज 24 नवंबर सोमवार भगवान शिव का प्रसन्न करने का दिन है। भगवान शिव बहुत जल्द भक्त पर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। वैसे भगवान शिव को प्रसन्न करने के कई तरीके बताए गए हैं जिनमें उनपर अर्पित करना भी शामिल है। भगवान शिव पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा-उपासना के लिए सोमवार का दिन समर्पित किया गया है।
कहा जाता है कि सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। जिससे भगवान शिव का आशीर्वाद भक्तों पर बना रहे। भगवान शिव अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शास्त्रों में कई विधि-विधान बताए गए हैं। जिसमें भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, दूध अर्पित करने आदि का भी उल्लेख मिलता है। आइए जानें कि शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है और ऐसा करने से क्या होता है?
समुद्र मंथन से जुड़ी है दूध अर्पित करने की कथा
पौराणिक मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जो विष निकला था, वह संसार के लिए बेहद खतरनाक था। जिसका पान भगवान शिव ने कर लिया था। विष पीने की वजह से भगवान शिव का शरीर जलने लगा। तभी वहां उपस्थित सभी देवताओं ने उनके ऊपर जल चढ़ाना शुरू किया, लेकिन कोई ज्यादा असर नहीं हुआ। तभी सारे देवताओं ने भगवान शिव से दूध ग्रहण करने का आग्रह किया। दूध पीने से भगवान शिव पर विष का असर कम हो गया और भगवान शिव का शरीर जलने से बच गया। उसी समय से भगवान शिव पर दूध अर्पित करने की परंपरा आरंभ हुई।
सोमवार के दिन ऐसा करना होता है शुभकारी
-सोमवार के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें।
-इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापना कर उनका जलाभिषेक करें।
-भगवान शिव को मंत्रोच्चार के साथ धतूरा, दूध, फूल, बेल पत्र, सुपारी और पंचामृत अर्पित करें और फिर माता पार्वती को सोलह श्रृंगार चढ़ाएं।
-अब तिल के तेल का दीपक जलाएं और ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
-अंत में शिव चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से भी भक्त पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है।
