निशंक न्यूज
कानपुर देहात के कई अधिकारी अपने उच्चाधिकारियों को भी चकमा देने से बाज नहीं आ रहे हैं। इस बात की पोल शनिवार को सीडीओ लक्ष्मी एन के सामने खुल गई। सीडीओ ने जरूरी बैठकों में मातहतों को भेजकर अधिकारियों को चकमा देने वाले अधिकारियों से जवाब-तलब किया है।
शनिवार को कानपुर देहात सिकंदरा तहसील में सीडीओ लक्ष्मी एन संपूर्ण समाधान दिवस में आम लोगों की समस्याएं सुनकर इनका निस्तारण करने के लिये पहुंची थीं। यहां उन्होंने कुछ विभाग की समस्या सुनने के बाद संबंधित अधिकारी से हकीकत जानना चाही तो सामने आया कि जिम्मेदार अधिकारी की जगह यहां सामान्य कर्मचारी पहुंच रहे हैं। पता करने पर जानकारी हुई कि कुछ अधिकारी संपूर्ण समाधान दिवस जैसे स्थानों पर खुद न जाकर अपने अधीनस्थों को भेजकर खानापूरी कर देते हैं। इस जानकारी से नाराज सीडीओ ने विभिन्न विभागों के सात जिम्मेदारों पर एक दिन का वेतन रोकने की कार्रवाई की है। साथ ही एसडीएम से रिपोर्ट तलब की है। वहीं दो टूक संदेश दिया कि नामित अधिकारी अगर नहीं आए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ऐसे खुली लापरवाह अधिकारियों की पोल
बताया गया है कि सिकंदरा तहसील में शनिवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में सीडीओ लक्ष्मी एन. शिकायतें सुन रहीं थीं। सिंचाई विभाग से जुड़ा एक प्रकरण सामने आया तो उन्होंने इस विभाग के जूनियर इंजीनियर को तलब किया। जेई की जगह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सींच पर्यवेक्षक जिलेदार पहुंचे। उसने अपना परिचय दिया तो सीडीओ ने कड़ी नाराजगी जताई और संपूर्ण समाधान दिवस में उपस्थित अधिकारियों की गणना कराई। इस पड़ताल में सामने आया कि सिंचाई विभाग, स्वास्थ्य विभाग और लघु सिंचाई के नामित अधिकारी अनुपस्थित थे। उनकी जगह निचले स्तर के कर्मचारी भेज दिए गए थे।
इन पर हुई कार्रवाई
छानबीन में सामने आया कि गंगानहर इटावा-भोगनीपुर सेक्शन में वर्षों से सींचपाल सिद्ध गोपाल जेई बनकर उपस्थित हो रहे थे, जिसकी पोल खुल गई। नहर विभाग जनपद औरैया में जेई राजीव कुमार नहीं पहुंचे। लघु सिंचाई अमराहट में जेई संजय कुमार अनुपस्थित पाए गए, सहायक अभियंता भी नदारद रहे। वहीं स्वास्थ्य विभागमें सिकंदरा सीएचसी प्रभारी पवन कुमार अनुपस्थित थे उनकी जगह डॉ. अर्चना मौजूद रहीं। राजपुर पीएचसी प्रभारी डॉ. सलिल सचान की जगह आशीष मिश्रा पहुंचे थे। म हवासपुर सीएचसी प्रभारी डॉ. अमित कुमार सिंह के स्थान पर डॉ. दिलीप कुमार पहुंचे। सीडीओ ने सभी अनुपस्थित नामित अधिकारियों का एक दिन का वेतन रोकने का निर्देश दिया। एसडीएम को विस्तृत रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए। साथ ही चेतावनी दी कि आगे से तहसील दिवस में वही अधिकारी उपस्थित होंगे, जिनके नाम भेजे गए हैं, अन्यथा कठोर कार्रवाई की जाएगी।
