निशंक न्यूज़ ।
भारतीय नववर्ष ‘वर्ष प्रतिपदा’ यानि विक्रम नाम संवत्सर 2080 तथा युगाब्द 5155 बुधवार से प्रारम्भ हो चुका है । जिसका सनातनसंस्कृति के नव वर्श के आगमन में स्वागत भारत माता की आरती करके मनाया गया।
धूम धाम से मनाया गया नवरात्रि का पहला दिन
कानपुर में श्बुधवार को केषव माधम समिति द्वारा 28वां भारतीय नववर्ष उत्सव बिरहाना रोड स्थित भारत माता मंदिर में भारत माता कीप्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराकर, माल्यापर्ण कर मुकुट धारण कराकर चन्दन पुश्प अर्पित करके केसरिया पताका से सजाया गया वअपनी सनातन संस्कृति को स्मरण करते हुए भारत माता की आरती श्री राजेन्द्र प्रसाद जी क्षेत्र प्रचारक प्रमुख (पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र) राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के द्वारा की गयी जिसमें ‘‘जय जय जय भारतमाता’’ लोगो ने बोला । वर्ष प्रतिपदा को नमन करते हुए सभी केमस्तक पर केसरिया चन्दन लगाकर एक दूसरे को नववर्श की बधाई दी भारत माता की जय, वन्दे मातरम् से पूरा क्षेत्र गूंज उठा व प्रसादवितरण भी किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रुप से उपस्थित…….
कार्यक्रम में मुख्य रुप से श्री नरेन्द्र कुमार अग्रवाल(श्रद्धा नंद नगर संघचालक) अरुण तिवारी, ज्ञानेन्द्र विश्नोई, उमेश अग्रवाल, सतेन्द्रद्विवेदी, विजय राठौर, विनय सिह, डा.एस.के.अग्रवाल (CA)सतीश तिवारी,विजय ओमर,दीपक शर्मा,गोपी ओमर, रमनदास गुप्ता, सन्तोष बाजपेयी, राम जी गुप्ता, आदित्य शर्मा, सनी खन्ना, हरीश जैन, देवेन्द्र सिंह मातृ शक्ति श्रीमती सध्या मिश्रा, रेनू गुप्ता, नीनाअवस्थी, अर्चन तिवारी, वंदना शर्मा सहित सैकड़ों सनातनी उपस्थित रहें।
चैत्र मास के शुक्लपक्ष तिथि से नव संवत्सर का होता है आरम्भ।
चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि से नव संवत्सर का आरम्भ होता है। आदिदेव ब्रहम जी द्वारा सृष्टि की रचना की गई थी। ऐसीमान्यता है कि चतुर्युगो में प्रथम सतयुग का आरम्भ भी इसी दिन हुआ था। भारतीय पंचांग का चलन चैत्रमास शुक्लपक्ष की प्रतिपदातिथि से प्रारम्भ होता है। ज्योतिष के अनुसार नक्षत्र योग, दिन, तिथि और करण के योग का पंचांग कहते है। पंचांग का प्रारम्भ इसी दिनसे होता है। भगवान राम का राज्याभिषेक, भगवान झूलेलाल की जयन्ती, नवरात्रि का प्रारम्भ, आर्यसमाज की स्थापना, छत्रपति षिवाजीद्वारा साम्राज्य की स्थापना, सम्राट विक्रमादित्य की विजय, डा. केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म जैसी अनेकानेक घटनांए वर्ष प्रतिपदाको ही घटित हुई है।