ड्राइविंग सीट पर दक्षिण अफ्रीका भारतीय बल्लेबाज धड़ाम

निशंक न्यूज डेस्क


भारतीय क्रिकेट टीम अपने घर में लगातार दूसरी सिरीज गंवाने की कगार पर पहुंच गई है। अब दूसरी पारी में द्रविण व लक्ष्मण जैसी चौथी पारी में की गई बल्लेबाजी ही भारतीय टीम को जीत के रास्ते पर ले जा सकती है। सिरीज का पहला मैच तीस रन से जीत चुकी दक्षिण अफ्रीका की टीम ने दूसरे टेस्ट मैच में भी निर्णायक बढ़त बना ली है। मैच के तीसरे दिन अफ्रीका की टीम दूसरी पारी में 314 रन से बढ़त बना चुकी है अभी उसके चुनिंदा बल्लेबाजों को मैदान में खेलने उतरना है और मैच के दो दिन बाकी हैं। ऐसे में कोई चमत्कार ही भारतीय टीम को पराजय से बचा सकता है और भारत यह मैच हारती है तो लंबे समय बाद ऐसा होगा जब भारतीय टीम का अपने घर में ही लगातार दो मैच सिरीज में सफाया हुआ है। गौतम गंभीर के भारतीय टीम का कोच बनने के बाद इसके पहले पिछली सिरीज में न्यूजीलैंड ने भारतीय टीम को 3-0 से हराकर सिरीज जीती थी।


अफ्रीका ने भारतीय टीम को नहीं दिया फालोआन


पहले मैच में मैच जीतने के लिये रनों का पीछा करते हुए चौथी पारी में सौ रन भी न बना सकी भारतीय टीम के बल्लेबाज मैच के तीसरे दिन जब दक्षिण अफ्रीका द्वारा पहली पारी में बनाए गए 489 रन का पीछा करने उतरी तो मैच के तीसर सत्र तक पहुंचते-पहुंचते पूरी टीम 201 रन पर ही सिमट गई। भला हो सुंदर और बल्लेबाजी का खास अनुभव न रखने वाले गेंदबाज कुलदीप यादव का जिनकी साझेदारी के चलते भारतीय टीम दो रन का स्कोर पार कर सकी। साउथ अफ्रीका की टीम ने पहले बैटिंग की और 489 रन का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया था। इसके जवाब में भारतीय टीम के बल्लेबाज 201 रन ही बना सके। जिसके चलते अफ्रीकी टीम के पास 288 रन की लीड थी लेकिन मैच जीतने की तैयारी के साथ मैदान में उतरे दक्षिण अप्रीका की टीम ने भारतीय टीम को फालोअॉन नहीं दिया और बल्लेबाजी करने के लिये टीम उतरी। मैदान पर तीसरी पारी में बैटिंग के लिए बल्लेबाजों ने मैच के तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक बिना किसी विकेट गंवा 26 रन बना लिए हैं। जिससे अफ्रीका टीम की बढ़त 314 रन हो गई। भारतीय मैदानों पर चौथी पारी में यह सुरक्षित स्कोर माना जाता है हालांकि अभी चौथे दिन अफ्रीका को ही बल्लेबाजी करनी है और अफ्रीका चौथी पारी में और बड़ी लीड लेकर भारत को चौथी पारी में बल्लेबाजी के लिये आमंत्रित कर सकती है।

बल्लेबाजी के बाद गेंदबाजी में भी नायक बने यानसेन
पहली पारी में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर 93 रन की पारी खेलकर भारतीय टीम को बैकफुट पर धकेलने वाले अफ्रीका के आलराउंडर यानसेन ने गेंदबाजी में भी कमाल किया। पहली पारी में जब अफ्रीका की टीम कम स्कोर में सिमटती नजर आ रही थी तब आलपाउंडर मुथुस्वामी के साथ बल्लेबाजी करते हुए यानसेन ने 93 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली थी जिसके चलते अफ्रीका की टीम 489 रन का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर सकती थी। तीसरे दिन भारत ने 9/0 से पारी आगे बढ़ाई। यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने भारतीय टीम को सधी शुरुआत दी और दोनों के बीच 65 रन की साझेदारी हुई। जायसवाल ने 97 गेंदों में 58 रन बनाकर अपना 13वां टेस्ट अर्धशतक पूरा किया, लेकिन जैसे ही केशव महाराज ने राहुल को कैंच कराकर पलेलियन भेजा इसके बाद टीम लड़खड़ा गई। इस बीच साइमन हार्मर ने जायसवाल को कैंच आउट करा दिया। यानसेन ने जायसवाल का कैंच लाजवाब ढंग से पकड़ा।

कहर बनकर टूटे यानसेन
भारत की तरफ से अकेल अर्धशतक लगाने वाले बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल का लगभग नामुकिन कैंच पकड़कर इन्हें पवेलियन भेजने के साथ ही मैच में यानसेन का तूफान आया। उन्होंने उछाल वाली गेंद फेकते हुए एक ही स्पेल में ध्रुव जुरेल (0), कप्तान ऋषभ पंत (7), नीतीश कुमार रेड्डी (10) और रवींद्र जडेजा (6) को पवेलियन भेजकर भारतीय बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी। इसके बाद वाशिंगटन सुंदर ने अकेले संघर्ष करते हुए 48 रन बनाए और पुछल्ले बल्लेबाज कुलदीप यादव के साथ साझेदारी कर भारतीय टीम के स्कोर को कुछ मजबूती दी। लेकिन हार्मर ने उन्हें भी आउट कर दिया। इसके बाद कुलदीप यादव (19) और जसप्रीत बुमराह (5) भी सस्ते में आउट हो गए और भारत 201 रन पर ऑलआउट हो गया। इस पाली में यानसेन ने भारतीय टीम के छः बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया और जायसवाल की बेहतरीन कैंच भी पकड़ी।

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