94 के श्री रामजी, 82 के निगम जी के लिए प्रतिदिन ध्यान बना वरदान

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श्रीरामचंद्र मिशन, हार्ट फुलनेस संस्था और संस्कृति मंत्रालय की पहल हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान


नौशीलधाम केडीए हाईट्स में लगे शिविर में निःशुल्क दिया जा रहा ध्यान योग का प्रशिक्षण

कानपुर. स्थूल शरीर के लिए बहुत सारे योग, खेल और आधुनिक जिम हैं. कारण शरीर आत्मा, जो कि शाश्वत है, उसके विकास के लिए बहुत सीमित साधन है. हार्टफुलनेस पद्धति से ध्यान का नियमित अभ्यास आपके तीनों शरीर ( स्थूल, सूक्ष्म और कारण) पर काम करता है. पेश है एक रिपोर्ट -:


श्री रामचंद्र मिशन, हार्टफुलनेस संस्थान के वरिष्ठ प्रशिक्षक प्रो. रामजी पांडेय (92) विगत 62 वर्ष से ध्यान कर रहे हैं. सिर्फ घर के बाहर उन्हें व्हील चेयर की जरूरत है, बाकि वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं. रविवार को वह कल्याणपुर के नौशीलधाम केडीए हाईट्स में चल रहे तीन दिवसीय ध्यान योग शिविर में शामिल थे. वहीं, हार्टफुलनेस ध्यान प्रशिक्षक वीएन निगम 82 वर्ष के हैं. सीएसए में वह सुबह 45 वर्षों से ध्यान और योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं. पीएनबी बैंक में मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त ध्यान प्रशिक्षक अमरीश श्रीवास्तव और शिक्षाविद अंजू श्रीवास्तव ने बताया की हमारा सूक्ष्म शरीर मन, बुद्धि, अहंकार और चित्त से बना है. आज के तनाव पूर्ण जीवनशैली में सबसे ज्यादा हमारा सूक्ष्म शरीर प्रभावित होता है.

फलस्वरूप ह्रदय (कारण शरीर आत्मा का घर ) में भारीपन आ जाता है. हार्टफुलनेस ध्यान और सफाई की पद्धति संतुलन बनाने का कार्य करती है. किसी कारण से ह्रदय में आए भारीपन को हटाकर डिप्रेशन और अनिद्रा जैसी मानसिक बीमारियों से बचाव करता है. ध्यान बीपी को संतुलित रखता है. हमारे व्यवहार में लचीलापन आता है. ध्यान हमें केंद्रित होने में मदद करता है. सीए अजीत पांडिया, ऋषि प्रकाश योग प्राणायाम कराया. आज 20 नये लोगों ने भाग लिया. सोसाइटी के अध्यक्ष वी गुप्ता, राजीव पांडेय, वीरेश त्रिपाठी, अशोक मिश्रा, विश्वनाथ और डॉ. यूएन सचान उपस्थित रहे.