पुलिस ने रेप और पाक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया
विधिक राय लेकर ही उसके खिलाफ होगी कोई कार्रवाई
दोनों का मेडिकल, रेप की पुष्टि, बच्चा पुलिस की हिरासत में प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को भेज दिया गया घर
निशंक न्यूज।
कानपुर।
मोबाइल, इंटरनेट के अगर फायदे हैं तो नुकसान भी बहुत हैं। नेट पर अश्लील सामग्री देख-देख कर सात साल का बच्चा दरिंदा बन बैठा और पांच साल की बच्ची से रेप कर डाला। जिसने भी यह घटना सुनी उसने दांतों तले अंगुलियां दबा लीं। एकबारगी किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि जिस उम्र में बच्चों को लिंग भेद की समझ भी ठीक से नहीं होती है, उस उम्र के बच्चे में इतनी हैवानियत कहां से आ गई। घटना के बाद पुलिस, अस्पतालवालों, यहां तक की पीड़ित बच्ची के घरवालों तक का यही कहना था कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसी घटना न देखी न सुनी। पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया है, लेकिन उसका कहना है कि बच्चा चूंकि सात साल का है, इसलिए विधिक राय लेकर ही उसके खिलाफ कोई कार्रवाई की जा सकती है। पुलिस ने दोनों का मेडिकल कराया है। बच्चा अभी पुलिस की हिरासत में है। मेडिकल करने वाले डॉक्टर का कहना है कि बच्ची के साथ रेप की पुष्टि हुई है। जिला महिला अस्पताल की प्रभारी डॉ. वंदना सिंह ने बताया कि मेडिकल और प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को परिजनों के साथ घर भेज दिया गया है।
मंगलवार शाम की यह घटना कानपुर देहात के अकबरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की है। घटनाक्रम के अनुसार पांच साल की बच्ची पड़ोस के ही सात साल के बच्चे संग खेल रही थी कि अचानक बच्चे पर हैवानियत सवार हुई और वह बच्ची को सुनसान जगह पर ले गया, जहां उसके साथ दरिंदगी की। खून से सनी बच्ची ने घर पहुंचकर पूरी घटना बताई। इसके बाद गांव में विवाद की स्थिति बन गई। पीड़ित परिवार बच्ची को लेकर थाने पहुंचा और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया।
पीड़ित और आरोपी पक्ष एक ही बिरादरी के
पीड़ित और आरोपी पक्ष एक ही बिरादरी के हैं। इसके चलते पहले तो दोनों में समझौते को लेकर पंचायत चलती रही। लड़की के माता-पिता ने आरोपी के घर जाकर पूरी घटना बताने के साथ उसे डांट लगाई, लेकिन लड़के की मां पीड़ित बच्ची की मां से ही लड़ने लगी। इससे बात और बढ़ गई।
पीड़ित की मां का कहना था कि आरोपी बच्चा भी छोटा है, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं चाहती है लेकिन बच्चे के माता-पिता ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया। बच्चे को डांटने-समझाने के बजाय उल्टा उससे ही उलझने लगे। बात नहीं बनी, तो मामला अकबरपुर थाना प्रभारी सतीश सिंह के पास पहुंचा। थाना प्रभारी ने फौरन पीड़ित बच्ची के पिता की तहरीर पर दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट लिख ली।
हर समय देखता था मोबाइल
ग्रामीणों ने बताया कि बच्चे की हरकतें ठीक नहीं थी। वह बड़ी उम्र के लड़कों की संगत में ज्यादा रहता है। हर समय मोबाइल पर गंदे वीडियो देखता था। बच्ची उसके साथ खेला करती थी, लेकिन वह ऐसी दरिंदगी करेगा, इसका कतई अंदाजा नहीं था। जिसने सुना, सन्न रह गया
पुलिसकर्मियों का कहना था कि ऐसी घटना पहली बार सामने आई है। मेडिकल करने वाले डॉक्टर भी कह रहे थे अपनी नौकरी में ऐसा पहला मेडिकल कर रहे हैं।
बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टर का कहना है कि निश्चित तौर पर बच्चे के दिमाग में गंदी बातें भरी थीं, इसीलिए उसने इतनी बड़ी घटना कर डाली।
विधिक राय पर होगी कार्रवाई
थाना प्रभारी सतीश सिंह ने बताया कि पीड़ित बच्ची और आरोपी बालक का डॉक्टरी परीक्षण कराया गया है। सात साल से कम उम्र का बच्चा अगर कोई अपराध करता है, तो वह अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। फिर भी विधिक राय लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।