ओपी पांडेय
अलीगढ़ । जिले के नए बड़े कप्तान (एसएसपी) के रूप में तेज तर्रार युवा आईपीएस नीरज जादौन की तैनाती होते ही पूरे जनपद में उनकी चर्चा शुरू हो गई है। उनकी तैनाती से जहां आम जनता खुश है वहीं पीड़ित की बात सुनने में आनाकानी करने वाले पुलिस कर्मी सहमें हैं। श्री जादौन की पुरानी कार्यप्रणानी की जानकारी जुटाने के बाद पुलिस कर्मियों के बीच चर्चा है कि अब शिकायतकर्ता को टालने वाली प्रक्रिया को बंद करना पड़ेगा नहीं तो दंड मिलेगा। नए एसएसपी के शनिवार को जनपद आकर कार्यभार ग्रहण करने की बात कही जा रही है।

2015 बैच के आईपीएस हैं जालौन के रहने वाले नीरज जादौन
अलीगढ़ के एसएसपी बनाकर भेजे गये नीरज जादौन कुछ समय पहले तक हरदोई में पुलिस कप्तान के रूप में तैनात थे। मूल रूप से जालौन के रहने वाले श्री जादौन 2015 बैच के आईपीएस हैं। उन्हें कर्मठ लगनशील आईपीएस अधिकारी के रूप में जाना जाता है। इससे पहले वह 2017—18 फरवरी 2019 में अलीगढ़ में एएसपी रह चुके हैं। अपनी तैनाती के दौरान श्री जादौन ने सी.ओ.गभाना,सीओ. द्वितीय ,सी.ओ. यातायात के पद पर रहकर बेहतर काम किया। अपनी पुरानी तैनाती का लाभ भी उन्हें कप्तान के रूप में जिले कानून व्यवस्था सुधारने में मिल सकता है।

अलीगढ़ में तैनाती के दौरान चलाया पशु तस्करों के खिलाफ अभियान
बताया गया है कि एसएसपी अलीगढ़ बनाकर भेजे गये युवा आईपीएस नीरज जादौन ने जनपद अलीगढ़ में 2017— 18 फरवरी 2019- तक के कार्यकाल के दौरान जिले के पशु तस्करों को पकड़ने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया था उन्होंने पशु तस्करों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के तहत कई पशु तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था । पशु तस्करों द्वारा उनकी हत्या करने के उद्देश्य से उनकी गाड़ी पर तीन बार जानलेवा हमला किया गया । जिससे वह बाल बाल बचे थे।
गभाना कस्बे में 25 सितंबर 2018 को तीर्थ यात्री से भरी बस को लूट गया था इस घटना का खुलासा करने के लिए तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश पाण्डेय ने अगले दिन अर्थात 26 सितंबर 2018 को उन्हें गभाना का क्षेत्राधिकारी बनाया था । उक्त बस लूट कांड के खुलासा करने के बाद उनको 22 नवंबर 2018 को क्षेत्राधिकारी द्वितीय बनाया गया 18 फरवरी 2019 तक रहे 18 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश शासन ने उनका प्रमोशन करते हुए उनका स्थानांतरण पुलिस अधीक्षक ग्रामीण गाजियाबाद के पद पर कर दिया था।
आईपीएस बनने के पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे श्री जादौन

पुलिस सूत्रों का कहना है कि आईपीएस नीरज जादौन आईपीएस बनने से पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे तथा एक प्रतिष्ठित अमेरिका कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे बताया जाता है कि परिवार में एक हादसा होने के बाद उस जनपद की पुलिस से उन्हें कोई भी मदद नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि वह आईपीएस बनकर पुलिस एवं गुण्डों से पीड़ित जनता को न्याय दिलवाएंगे। इसी उद्देश्य से उन्होंने प्रतिष्ठित नौकरी छोड़कर सिविल सेवा सर्विस परीक्षा की तैयारी करने लगे प्रथम बार में सिविल सेवा सर्विस में में 140 वी रैंक प्राप्त कर आईपीएस बन गए ।
पीड़ित को न्याय दिलाना, नकारा पुलिस कर्मियों को सुधारना प्राथमिकता
अलीगढ़ की कार्य प्रणाली के साथ ही यहां के अपराध के तरीके व भागौलिक स्थिति से पूरी तरह वाकिफ जनपद के नए एसएसपी श्री जादौन के पूंछने पर बताया कि पीड़ित जनता की थाने में रिपोर्ट दर्ज करा कर उसे न्याय दिलाना एवं नकारा पुलिस कर्मियों को दंडित उन्हें सुधारना उनकी प्राथमिकता रहेगी।
