बिहार डेस्क
पटना। विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित होने में अब ज्यादा समय नहीं बचा है और इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री एक्शन मोड़ में दिखाई दे रहे हैं। पिछले सप्ताह की कैबिनेट बैठक में करीब 36 विकास कार्यों के प्रस्तावों को पारित करने के बाद मंगलवार को भी बिहार सरकार ने 30 प्रस्तावों को राज्य मंत्रीमण्डल के लिए पेश किया। इन प्रस्तावों में सरकार की इमेंज खराब करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिरी तो 2025 से 30 तक प्रदेश में 1 करोड़ नौकरियां सृजन करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। हालांकि नितीश सरकार का ये कदम राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि विपक्ष लगातार सरकार पर युवाओं को नौकरी न देने का आरोप लगाता रहा है।

सरकार ने सराकरी काम में लापरवाही बरतने वाले कई अधिकारियों पर भी कार्यवाही करके सख्ती का संदेश दिया है। बेगूसराय के मझौल अनुमंडल के विशेष चिकित्सा अधिकारी डॉ चंदन कुमारी, लखीसराय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ कृतिका सिंह, जमुई सदर अस्पताल चिकित्सा अधिकारी डॉ निमिषा रानी और लखीसराय हलसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सामान्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कृति किरण को सेवा से बर्खास्त करने की संस्तुति की गई।
बिहार ईख सेवा भर्ती एवं सेवा शर्त नियमावली 2025 को भी स्वीकृति
इसके अलावा गन्ना उद्योग विभाग के बिहार ईख सेवा भर्ती एवं सेवा शर्त नियमावली 2025 को भी स्वीकृति मिल गई है। विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य के लिए 77895 बीएलओ और 8245 बीएलओ सुपरवाइजर को वार्षिक मानदेय के अतिरिक्त एक मुश्त मानदेय 6000 रुपए देने के लिए 51 करोड़ 68 लाख रुपए देने की मंजूरी दी गई है।
चुनावी राजनीति की नजर से नितीश कुमार का युवाओं को रोजगार देने का फैसला काफी चर्चा में है। सराकर ने आने वाले 5 सालों में 1 करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी देने का प्रस्ताव लाई है। इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए नई नौकरी और रोजगार सृजन के लिए सरकार को परामर्श देने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी। इस समिति में कुल 12 सदस्य बनाए गए हैं।