निशंक न्यूज।बिहार डेस्क
पटना। सीएजी रिपोर्ट को आधार बनाकर महागठबंधन में शामिल दल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरने के प्रयास में हैं। इस मुद्दे को चुनाव के पहले पैनी धार देने की तैयारी की जा रही है। राजद नेता तेजस्वी यादव के बाद अब कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा ने बिहार सरकार पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है। कैग रिपोर्ट को आधार बनाकर लगाए गए आरोप सही निकलते हैं तो बिहार में चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला सामने आ सकता है और इसकी तपिश बिहार के मुख्यमंत्री को चुनाव के पहले परेशानी में डाल सकती है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बिहार सरकार पर 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले का गंभीर आरोप लगाया है और इसका आधार कैग की रिपोर्ट को बनाया गया है कांग्रेस नेता श्री खेड़ा का दावा है कि विभिन्न विभागों ने पैसों की उपयोगिता रिपोर्ट नहीं दी जो बिहार के बजट का एक तिहाई है।
बिहार सरकार पर आरोप लगाने वाले कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने 2023-24 के लिए कैग (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि विभिन्न विभागों ने फंड की उपयोगिता रिपोर्ट (यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट) नहीं जमा की। खेड़ा का दावा है कि यह राशि बिहार के सालाना बजट का एक तिहाई है और अगर इसे रोका नहीं गया तो अगली बार 1.40 लाख करोड़ रुपये का घोटाला हो सकता है। बता दें कि यह घोटाला लालू यादव के शासनकाल में हुए 903 करोड़ रुपये के चारा घोटाला से कई गुना से भी अधिक कहा जा रहा है।
बताते चलें कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के पहले बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और बिहार सरकार पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि सरकार फंड का सही इस्तेमाल नहीं कर रही और जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है। तेजस्वी ने हाल के विधानसभा सत्र में भी इस मुद्दे को उठाया था.दोनों नेताओं का निशाना नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार पर है जो 2025 के चुनाव से पहले विपक्ष के लिए बड़ा हथियार बन सकता है।