वेद गुप्ता
कानपुर मे सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में राज्य कर विभाग द्वारा वैट काल 2008–2017 के दौरान शून्य कर अथवा आदेशित कर जमा होने के बावजूद आरसी पोर्टल पर दर्शायी गई बकाया धनराशि को बिना समुचित जांच के सीधे कुर्की आदेश भेजने की अनुचित प्रक्रिया पर रोक लगाने को लेकर भा उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री जी को सम्बोधित ज्ञापन अपर आयुक्त ग्रेड 1 को सौंपकर वार्ता की
सचल दल व अपील के केस के निस्तारण सहित अन्य समस्याओ से भी अवगत कराया गया। यहां तय हुआ कि अब विभागीय जांच पूरी होने के बाद ही व्यापारियों को कुर्की तथा अन्य नोटिस दिया जाएगा।
आज भारतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्र, जिला अध्यक्ष गुरुज़िन्दर सिंह व प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय बाजपेई के नेतृत्व मे कानपुर मे सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में राज्य कर विभाग द्वारा वैट काल 2008–2017 के दौरान शून्य कर अथवा आदेशित कर जमा होने के बावजूद आरसी पोर्टल पर दर्शायी गई बकाया धनराशि को बिना समुचित जांच के सीधे कुर्की आदेश भेजने की अनुचित प्रक्रिया पर रोक लगाने को लेकर पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री जी को सम्बोधित ज्ञापन अपर आयुक्त ग्रेड 1 आर एस विद्यार्थी व अपर आयुक्त ग्रेड 2 संजय पाठक को सौंपकर वार्ता की और सचल दल व अपील के केस के निस्तारण सहित अन्य समस्याओ से भी अवगत कराया गया|
वार्ता मे भारतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्र ने अपर आयुक्त ग्रेड 1 से कहा कि कानपुर सहित उत्तर प्रदेश के अधिकांश जनपदों में व्यापारियों एवं उद्यमियों के साथ राज्य कर विभाग द्वारा वैट काल वर्ष 2008 से 2017 के संबंध में गंभीर अनियमतायें की जा रही हैं। विभागीय आरसी पोर्टल पर पुराने वैट प्रकरणों में अद्यतन (अपडेट)न किए जाने के कारण सैकड़ो व्यापारी एवं उद्यमी वर्ग के विरुद्ध अनावश्यक रूप से बकाया धनराशि प्रदर्शित की जा रही है। फलस्वरूप बिना समुचित सत्यापन के सीधे बैंक खातों पर कुर्की आदेश प्रेषित कर, बकाया न होने के बावजूद धनराशि वसूल की जा रही है।
यह भी कहा कि अधिकांश मामलों में या तो कर निर्धारण ‘शून्य कर’ (Zero Tax) के अंतर्गत धारा 31 या धारा 32 के तहत पूर्ण हो चुका है अथवा व्यापारी पक्ष ने समय पर कर जमा कर दिया गया है। परंतु विभागीय अभिलेख अनुपलब्ध होने अथवा RC पोर्टल का अद्यतन (अपडेट)न होने की स्थिति में व्यापारी उत्पीड़न का शिकार बन रहे हैं और विभाग की ओर से अनेक ऐसे प्रकरण सामने आए हैं जहाँ वर्षों पुराने मामलों में बिना किसी जांच या सूचना के सीधे बैंक खातों पर कुर्की आदेश भेज दिए गए जबकि नियमों के अनुसार विभाग को ऐसी स्थिति में पहले समुचित सूचना भेजकर व्यापारी पक्ष से जवाब प्राप्त करना चाहिए | वर्तमान नियमों के अनुसार व्यापारी या उद्यमी केवल पिछले सात वर्षों तक की कर संबंधित फाइलों को संरक्षित रखने हेतु बाध्य हैं ऐसे में 10–15 वर्ष पुराने प्रकरणों में फाइल उपलब्ध न होना स्वाभाविक है। इसके बावजूद विभागीय उत्पीड़नात्मक कार्यवाही से व्यापारी वर्ग में तीव्र असंतोष व्याप्त है |
फिर से जांच कर लिया जाए निर्णय
व्यापारियों ने अधिकारी से कहा कि आरसी पोर्टल पर अद्यतन (अपडेट)न हुए वैट प्रकरणों के आधार पर की जा रही कुर्की कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाई जाए। पुराने वैट प्रकरणों में बकाया धनराशि संबंधी कोई भी कार्रवाई करने से पूर्व विभाग द्वारा उपलब्ध अभिलेखों की पूर्ण जाँच की जाए।व्यापारी पक्ष को उत्तर देने का उचित अवसर दिए बिना की जा रही बैंक कुर्की की कार्यवाही को नियम विरुद्ध घोषित किया जाए और जिन व्यापारियों के बैंक खातों से इस प्रकार धनराशि वसूल की गई है उनके मामलों की पुनः जांच कर वैधानिक निर्णय लिया जाए।
संगठन के जिला अध्यक्ष गुरुज़िन्दर सिंह ने कहा कि कानपुर महानगर मे व्यापारिक और औद्योगिक स्थिरता बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि कर प्रणाली में पारदर्शिता एवं न्याय सुनिश्चित हो इसलिए विभाग को निर्देशित कर व्यापारियों एवं उद्यमियों पर हो रही वैट के कई वर्ष पुराने मामलो मे इस प्रकार की अनुचित कार्यवाहियों से तत्काल रोक लगाई जाय | संगठन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय बाजपेई ने कहा कि वैट के पुराने मामलो मे विभाग मे बिना जाँच के कुर्की या नोटिस भेजना न्यायोचित नहीं है इस मुद्दे पर पूरे प्रदेश के प्रत्येक ज़िलों मे इस सप्ताह अभियान के तहत ज्ञापन दिए जाएंगे |
अपर आयुक्त ग्रेड 1 आर एस विद्यार्थी ने आश्वासन दिया कि कानपुर मे बिना विभागीय जांच के कोई कुर्की व नोटिस व्यापारियों व उद्यमियों को नहीं भेजी जायेगी |