अमित गुप्ता, कानपुर।
प्रमुख त्योहार नाग पंचमी पर मंगलवार को शहर के प्रमुख अखाड़े सजाए गए। पहलवानों ने अखाड़ो में जाकर सुबह पूजा अर्चना की और इसके बाद दांव दिखाए। शहर के हर प्रमुख अखाड़े में कुश्ती का आयोजन किया गया। कानपुर में अपने दांव दिखाने के लिये कुछ स्थानों पर दूसरे प्रदेशों खासकर दिल्ली तथा हरियाणा के पहलवान भी अपने दांव दिखाने के लिये पहुंचे।

नागपंचमी के पावन पर्व पर कानपुर पहलवान मंडल के तत्वावधान में कानपुर के बारादेवी वा गुप्तारघाट अखाड़े में पूजन के बाद पहलवानों ने जोर आजमाईश कर अपनी कला का प्रदर्शन किया कानपुर के साथ साथ दिल्ली, व हरियाणा के पहलवानों ने भी कुश्ती में शिरकत की पहलवान मंडल के अध्यक्ष बालमुकुंद तिवारी व उपाध्यक्ष प्रमोद तिवारी ने बताया के एक समय था जब कानपुर के पहलवानों का दबदबा पूरे देश में था लेकिन धीरे धीरे अखाड़ो की अनदेखी के चलते कानपुर का नाम पीछे होता चला गया आज कुछ ही अखाड़े कानपुर में चल रहे है अधिकतर अखाड़ो पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर लिया या करने के प्रयास में लगे हुए है आज जरूरत है।

इस पुरानी धरोहर को संजोकर रखने की उपाध्यक्ष प्रमोद तिवारी ने उत्तर प्रदेश सरकार से मीडिया के माध्यम से ये मांग की कानपुर के सभी अखाड़ो को पुनः उन के स्वरूप में लाकर उनका उथान किया जाए व सरकार के संरक्षण में अखाड़ो का जीर्णोद्धार कराया जाए तककि पारम्परिक कुश्ती में एक बार फिर कानपुर का नाम रौशन हो सके।
प्रमुख त्योहार है नाग पंचमी

नाग पंचमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो श्रावण मास की शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है, जो भगवान शिव के आभूषण माने जाते हैं और पृथ्वी को संभालने वाले शेषनाग की भी पूजा होती है।
प्रकृति और सांपों के संरक्षण की सीख देता यह त्योहार
जानकारों का कहना है कि नागपंचमी का यह त्योहार प्राकृति के साथ ही सर्पों के संरक्षण की सीख देने वाला पर्व है। नाग पंचमी प्रकृति और सांपों के प्रति सम्मान और संरक्षण का प्रतीक है। इस दिन सांपों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए, बल्कि उन्हें दूध और अन्न अर्पित करना चाहिए।

अकाल मृत्यु से बचाता है यह पर्व
नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने से सर्प भय, रोग और अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है। इस दिन नाग देवता को दूध, फूल, चावल और अन्य भोग अर्पित किए जाते हैं। इसके अलावा इस दिन की जाने वाली पूजा से जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, वे इस दिन विशेष पूजा करके राहत की कामना करते हैं। नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने से कालसर्प दोष के प्रभाव कम होते हैं।इसके साथ ही नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने से पितरों की शांति और वंश वृद्धि होती है। गरुड़ पुराण में भी नागों की पूजा को पितरों की शांति और वंश वृद्धि से जोड़ा गया है।