निशंक न्यूज।
पूरे देश में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री से लेकर जिलास्तर के अधिकारी तक जगह-जगह जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को बता रहे हैं कि बेहतर समाज के लिये बेटियों को होना कितना जरूरी है। अगर बेटी ही नहीं रहेगी तो आगे किसी का वंश कैसे चलेगा। एक बेटी दो परिवार को समृद्ध करती है लेकिन इन सबसे अलग कानपुर देहात मे मानवता को शर्मशार करने वाली घटना हुई जहां कोई दंपती अपनी नवजात पुत्री को मरने के लिये झाड़ियों में फेंक गया। भला हो गांव के रहने वाले नरम दिल किसान रामबाबू की जिनके कान में नवजात के रोने की आवाज पड़ी और वह तुरंत ही सब काम छोड़कर इस बच्ची को बचाने के प्रयास में लग गये। घर की महिलाओं की ममता की भी तारीफ की जानी चाहिये जिन्हों सूचना मिलते ही पहुंचकर नवजात को झाड़ियों से सुरक्षित निकाला और सफाई करने के बाद बच्ची को गोद में लेकर उसे मां का प्यार व दुलार दिया।
नवजात बेटी को झाड़ियों में फेंकने की घटना कानपुर देहात के रसूलाबाद थानाक्षेत्र के लालपुर गांव में हुई। पुलिया के पास झाड़ियों में एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में पड़ी मिली। बताया गया है कि लालगांव निवासी किसान रामबाबू अपने बेटे राहुल के साथ खेत में खाद डालने गए थे। उन्होंने खेत पर काम शुरू किया था तभी पुलिया के पास झाड़ियों से रोने की आवाज सुनाई दी। राहुल ने नजदीक जाकर देखा तो वह अवाक रह गया। झाड़ियों के बीच एक नवजात बच्ची बिना कपड़ों के पड़ी हुई थी। राहुल ने बिना देरी किए अपने घर जाकर मां कुसमा देवी, चाची शारदा देवी और बहन रजनी को सूचना दी। परिजन और गांव की अन्य महिलाएं मौके पर पहुंचीं। शारदा देवी ने बच्ची को झाड़ियों से निकाला और साफ-सफाई कर उसे घर ले आईं। जैसे ही गांव में यह खबर फैली, राहुल के घर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। लोग उस कलयुगी मां को कोसते नजर आए। जिसने बेटी को जन्म देते ही मरने के लिए झाड़ियों में फेंक दिया।
नहीं पता चल सका बच्ची के माता-पिता का
कुसमा देवी ने बताया कि अभी तक बच्ची के माता-पिता का कोई पता नहीं चल सका है। अगर कोई बच्ची को गोद लेना चाहेगा तो वे विचार कर सकते हैं। ग्रामीणों ने इस घटना पर कहा कि ये बिन ब्याही मां की करतूत हो सकती है। ग्रामीणों ने नवजात को फेंकने वाली महिला की जल्द पहचान कर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। गांव में दिनभर इस घटना को लेकर चर्चा होती रही। वहीं किसान परिवार की मानवता और संवेदनशीलता की सभी प्रशंसा कर रहे हैं।