निशंक न्यूज
कानपुर। पिछले दिनों शहर के मेस्टनरोड पर पटाखों से हुए विस्फोट में घायलों के उपचार की बेहतर व्यवस्था न होने की बात सामने आने के बाद जो किरकिरी हुई उसे गंभीरता से लेकर हैलट अस्पातल प्रशासन ने आग से झुलसे लोगों को तुरंत बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के लिये हैलट अस्पताल में अस्थाई बर्न यूनिट की व्यवस्था कर ली है। फिलहाल बर्न वार्ड में दस बेड की व्यवस्था की गई है।
विस्फोट में झुलसे लोगों को भेजा गया था लखनऊ
बताते चलें कि पिछले दिनों मेस्टन रोड पर पटाखों में विस्फोट होने की घटना में कई लोग घायल हो गये थे इस घटना में चार लोग गंभीर रूप से झुलसे थे पुलिस प्रशासन ने इन घायलों को हैलट भेजकर बेहतर उपचार कराने पर चर्चा की सामने आया कि फिलहाल यहां आग से झुलसे लोगों के सघन उपचार की बेहतर व्यवस्था नहीं है। इस घटना में किरकिरी होने के बाद कानपुर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ने अस्थाई व्यवस्था के रूप में हैलेट अस्पताल में 10 बेड का बर्न (जले हुए मरीजों) यूनिट बनाने की बात कही है। विस्फोट के दौरान घायलों को समय पर इलाज न मिलने के कारण उसे लखनऊ रेफर किया गया था, जहां पर इलाज के दौरान एक की मौत हो गई।
इमरजेंसी जरूरत पर मिलेगा आईसीयू
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. डॉ. संजय काला और प्रमुख अधीक्षक के प्रयास ने इस यूनिक को सफल बनाया । प्रमुख अधीक्षक डॉ आर के सिंह ने बताया कि बर्न यूनिट की बिल्डिंग में अभी निर्माण कार्य चल ही रहा है। इसलिए वो अभी हैंडओवर नहीं हुआ है। जब तक वह बिल्डिंग हैंडओवर नहीं होती है तब तक स्थाई बर्न यूनिट चालू नहीं हो सकती है। उन्होंने बताया कि गंभीर जले हुए मरीजों के इलाज में समय और विशेषज्ञों ओर प्लास्टिक सर्जरी के डॉक्टरों की आवश्यक होगी । इस लिए डॉक्टरों और स्टाफ नर्स की ड्यूटी निर्धारित कर दी गई है। मरीज के भर्ती के बात तत्काल उपचार सम्भव होगा ।डॉ सिंह ने बताया । । मरीजों को लखनऊ के लिए रेफर करने से पहले प्राथमिकता से मरीज का इलाज हैलेट में संभव हो पाएगा ।
कई जनपदों से यहां आते है मरीज
हैलेट अस्पताल में उपचार कराने के लिए कानपुर के साथ-साथ आसपास के करीब 16 जिलों के मरीजों यहां पर आते हैं। इसलिए बर्न के गंभीर रोगियों का समुचित इलाज न मिलना स्थानीय व आसपास के इलाकों में बड़ी चिंता का विषय बन गया है। इस समस्या को तत्काल ही दूर करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।