निशंक न्यूज।
कानपुर। पितृ पक्ष में पूर्वज धरती पर अपने संतानों को आशीर्वाद देने आते हैं। पितृ पक्ष में उनके भोजन का इंतजाम जरूर करना चाहिये। जिसके पास कुछ न हो वह केवल भगवान सूर्य के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना कर ले तो पूर्वजों को भोजन मिल जाता है। पूर्वजों से निवेदन करना चाहिये कि वह ऐसी संतान दें जो लोगों को दान करने की प्रवृत्ति वाला हो। संतान प्राप्ति के लिये पितृदेव की आराधना करना चाहिये और ऐसे काम करने चाहिये जिससे पितृदेव प्रसन्न रहें। यह बात हरबंश मोहाल में श्री राम सेवा समिति द्वारा आयोजित श्री मद्भागत कथा के पंचम दिवस पर कथा वाचक पंडित दीपक कृष्ण महराज ने कही।
पितृ पक्ष में आशीर्वाद देने आते है पूर्वज
कथा वाचक ने कहा कि पितृपक्ष के दिनों में पूर्वज अपने वंश के लोगों को आशीर्वाद देने के लिये अवश्य आते हैं। इन दिनों में व्यक्ति को दान करना चाहिये और लोगों को भोजन कराना चाहिये अगर आर्थिक रूप से संपन्न हैं तो भंडारा कराएं ऐसा नहीं है तो ब्राह्मणों को घर में बुलाकर भोजन कराएं अगर इसकी भी क्षमता नहीं है तो अपने भांजे-भांजी को घर में बुलाकर भोजन करा दें तो भी पितृ प्रसन्न हो जाते हैं। अगर आपकी आर्थिक स्थिति भाजे को भी भोजन कराने की नहीं हो तो पितृदेव को प्रसन्न करने के लिये कोई भी सूर्य भगवान के सामने हाथ जोड़कर खड़ा होकर पितृों को तृप्त करने की प्रार्थना करे और उनसे अगले जन्म में ऐसे पुत्र की मांग करनी चाहिये जो दानी स्वभाव का हो और लोगों की सेवा करने की मंशा रखता हो।
इसलिये गिरिधारी कहलाए भगवा कृष्ण
कथा के पंचम दिवस की शुरुआत भगवान ने गिरिराज गोवर्धन भगवान की पूजा के वर्णन के साथ की गई।भगवान कृष्ण ने इन्द्र की पूजा बंद करवा दी जिससे कुपित होकर इन्द्र ने ब्रज मंडल में मूसलाधार बारिश की किन्तु ब्रज में किसी का बाल बांका भी नहीं हुआ भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठिका अंगुली पर धारण कर सबकी रक्षा की और गिरिधारी कहलाए।
भगवान ने कंस का वध करके अपने नाना उग्रसेन को राजगद्दी पर बिठाया भगवान का यज्ञोपवीत संस्कार हुआ प्रभु गुरु शिष्य परंपरा का पालन करने के लिए सांदिपनी मुनि के यहां गए और 64 दिन में 64 कलाओं का ज्ञान प्राप्त किया और गुरु दक्षिणा में उनके मृत पुत्र को लाकर प्रदान किय। भगवान ने गोपिकाओ को समझाने के लिए अपने मित्र उद्धव जी को भेजा जो परम ज्ञानी थे लेकिन गोपिकाओ के प्रेम के आगे उनका ज्ञान उन्हें गूदडी के समान लगा जिस स्थान पर उन्होंने अपने ज्ञान का त्याग किया वह स्थान ज्ञान गूदडी के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
श्री राम सेवा समिति के तत्वावधान में मालवीय पार्क हरबंस मोहाल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के षष्ठम दिवस पर समिति के अध्यक्ष मनोज बाजपेई एवं कानपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री सरस बाजपेई द्वारा पोथी पूजन और वृन्दावन धाम से पधारे पंडित दीपक कृष्ण जी महाराज का पूजन कर कथा प्रारम्भ कराई गई। इस अवसर पर अमिताभ बाजपेई विधायक, सुनील बजाज, प्रदीप गुप्ता, कृपा शंकर त्रिवेदी, राजेश सिंह, रानी दीक्षित, निशा बाजपेई, रेनू तिवारी, गरिमा दीक्षित, मीरा बाजपेई, मयंक गुप्ता, विपिन दीक्षित आदि सैकड़ों भक्त उपस्थित हुए।