निशंक न्यूज।
कानपुर। श्री राम सेवा समिति द्वारा पितृपक्ष के पावन अवसर पर आयोजित श्री मद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वाचक आचार्य दीपक कृष्ण महराज ने कहा कि कलयुग ही ऐसा युग है जिसमें केवल भगवान का नाम जपने भर से मनुष्य का उद्धार हो जाता है।
कलयुग में सकारात्मक विचार रखें तो सब ठीक हो जाएगा
कथा के दूसरे दिन महराज जी ने कहा कि कलयुग में हर व्यक्ति के भीतर लड़ाई चल रही है यह लड़ाई है सकारात्मकता व नकारात्मकता की। लड़ाई तो हर युग में हुई सतयुग में देवताओं व दानवों के बीच लड़ाई हुई यह लड़ाई दो विचारों की थी। त्रेता में दो देशों के बीच लड़ाई हुई मतलब अयोध्या (भारत) में जन्मे राम और श्री लंका में रहने वाले रावण के बीच। लड़ाई तो द्वापर युग में भी हुई लेकिन तब यह लड़ाई सिमटकर दो परिवारों के बीच हो गई वह भगवान कृष्ण तथा कंस के बीच की हो या महाभारत की लड़ाई, लेकिन कलयुग में हर व्यक्ति के मन में लड़ाई चल रही है यह लड़ाई है सकारात्मक व नकारात्मक विचारों की। एक ही व्यक्ति जब सकारात्मक विचार लेकर चलता है तो वह अच्छे काम कर अपनी मुक्ति के मार्ग पर जाता है और वही व्यक्ति जब नकारात्मक विचार के साथ काम करता है तो अपने पतन का रास्ता वह स्वयं ही बनाता है। इसलिये हर एक को सकारात्मक विचार के साथ काम करते हुए भगवान का नाम जरूर जपना चाहिये। वैसे भी कहा गया है कि कलयुग में केवल भगवान का नाम जपने भर से मनुष्य कलयुग के प्रभाव से बचकर मुक्ति के मार्ग पर जा सकता है। उन्होंने कहा कि चारों युग में कलियुग को सर्वोत्तम बताया गया क्योंकि कलयुग में केवल नाम जप से ही मनुष्य का उद्धार हो सकता है।

कुंती ने कहा ऐसा सुख किस काम का जिसमें भगवान छूट जाएं
भागवत कथा के द्वितीय दिवस की कथा प्रारंभ करते हुए महाराज जी कुंती के जीवन के विषय में बताया कि जब कुंती के जीवन में सब सुख प्राप्त हुए तब भगवान को हम भूल ना जाय इसलिए भगवान से कुंती ने दुःख मागा। उनका कहना था कि ऐसा सुख किस काम का जिसमें भगवान दूर हो जाएं इसलिये आप हमारी झोली में दुख दें ताकि आप हमेशा मेरे साथ रहें। वैसे भी समस्या के समय ही मनुष्य भगवान को याद करता है यदि आराम से समय राम को याद रखा जाए तो कभी समस्या आ ही नहीं पाएगी। कलियुग में केवल भगवान का नाम ही हमारे जीवन का आधार है जब हमारे जीवन में शरणागत का भाव आता है और हम भगवान का आश्रय लें ते हैं तो हमे जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।
इस अवसर पर सरस बाजपेई, शिवम् तिवारी, रजत बाजपेई पार्षद, समर्थ शुक्ला, लक्की, शुभम् दीक्षित, शिवम् तिवारी निशा बाजपेई, रेनू तिवारी, गरिमा दीक्षित, सोनम आदि सैकड़ों भक्तों ने कथा का पान किया।