निशंक न्यूज
कानपुर। अनवरगंज के नगरीय स्वास्थ्य केंद्र का अचानक ही निरीक्षण करने पहुचे जिलाधिकारी के यहां आठ कर्मचारी गायब मिले। इस बात से नाराज जिलाधिकारी ने सीएमओ को आड़े हाथों लिया और यहां से गायब कर्मचारियों का वेतन काटने के आदेश दिये।
तीन दिन के अवकाश के बाद सोमवार को स्वास्थ्य सेवायें सुचारू रूप से शुरू होनी थीं। इसकी हकीकत जानने के लिये जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह सोमवार की सुबह अचानकर सीधे अनवरगंज के नगरीय स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गये। इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर लापरवाही सामने आई। अटेंडेंस रजिस्टर की जांच में 8 कर्मचारी गायब मिले। इसमें 1 स्थायी और 7 संविदा स्वास्थ्यकर्मी थे।जिलाधिकारी ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए गायब कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोकने और संविदा कार्मिकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा- स्वास्थ्य सेवाओं में ढिलाई किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अनुपस्थित पाए गए स्वास्थ्यकर्मियों में बीएचडब्ल्यू शिल्पी सक्सेना, स्टाफ नर्स अंजलि, एएनएम रेनू पांडेय, मीना देवी, पुष्पा देवी, अरविंद कुमार, अभिनव तिवारी और मोहित शुक्ला शामिल हैं।निरीक्षण के दौरान एमओआईसी डॉ. दीप्ति गुप्ता ने जानकारी दी कि सहायक शोध अधिकारी नम्रता वर्मा वर्तमान में सीएमओ कार्यालय में संबद्ध हैं। इस पर जिलाधिकारी ने संबद्धिकरण का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
लैब की जानकारी ली जांच बढ़ाने को कहा
इसके साथ ही जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य केंद्र की लैब का भी निरीक्षण किया। लैब टेक्नीशियन अनुज ने बताया कि सितंबर माह से अब तक केवल 14 लोगों ने जांच कराई है। इस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई और जांच संख्या बढ़ाने के स्पष्ट निर्देश दिए।निरीक्षण के दौरान उन्होंने केंद्र में उपलब्ध दवाओं का स्टॉक भी देखा और सुनिश्चित करने को कहा कि मरीजों को हर स्थिति में समय पर दवा उपलब्ध कराई जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों का मूल उद्देश्य आम जनता को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा देना है, और इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी
