आईआईटी के सहयोग से चमचमाएंगी सीएम ग्रिड की सड़कें


विकास वाजपेयी
कानपुर। शहर की तमाम सड़के जल्द ही चमचमाएंगी। इन सड़कों को सीएम ग्रिड योजना से बनाया जा रहा है। शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना में कोई कमी न रह जाएं और सड़क लंबे समय तक जनता के काम आ सकें इसके लिये नगर निगम द्वारा आईआईटी का भी सहयोग लिया जा रहा है। आईआईटी की तनिक आपत्ति पर इसपर उनकी तकनीकी राय के आधार पर सुधार किया जा रहा ताकि यह सड़क लंबे समय तक चलें। ऐसा होने से शहर के लोगों को प्रमुख सड़क गड्ढा मुक्त मिलेगी और नगर निगम का मरम्मत के नाम पर होने वाला खर्च भी बच सकेगा। सीएम ग्रिड की सड़कों का काम बेहतर हो इसकी कमान नगर आयुक्त ने भी उठाई है और उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर इस योजना से हो रहे कामों का निरीक्षण शुरू कर दिया है।

आईडियल पैच बनाकर जनता को किया जाएगा समर्पित


शासन की महत्वाकांक्षी योजना “सीएम ग्रिड” को लेकर कानपुर के अधिकारी भी पैनी नजर रखे हैं इस योजना से शहर के कई प्रमुख सड़कों का निर्माण किया जाना है। योजना में ही सीएम का नाम जुड़ा होने के चलते नगर आयुक्त सुधीर कुमार तथा इस योजना का काम देख रहे युवा अभियंता दिवाकर भास्कर इस प्रयास में लगे हैं कि इस योजना के कामों को आदर्श काम के रूप में पूरा कराकर उदाहरण पेश किया जाए। अधिकारियों के बीच में चर्चा है कि योजना में सीएम का नाम जुड़ा होने के कारण शासन के अधिकारी भी इस योजना के कामों पर बारीक नजर रख रहे होंगे ऐसे में थोड़ी भी कमी रह गयी तो शासन स्तर पर काम के जिम्मेदारों पर नजर टेढ़ी हो सकती है।

गुणवत्ता के लिये आईआईटी से लिया जा रहा सहयोग
नगर निगम से जुड़े लोगों की मानी जाए तो सीएम के नाम के अनुरूप इस योजना से हो रहे काम की गुणवत्ता हो इसके लिये नगर निगम आईआईटी कानपुर का भी सहयोग ले रहा है। अब तक आऱोप लगते रहे हैं कि नगर निगम के कई ठेकेदार अपनी कमाई के चक्कर से सड़क की गुणवत्ता से समझौता कर लेते हैं जिसके चलते सड़क कुछ दिन बाद ही टूट जाती है। कई बार यह भी सामने आया कि टेंडर में होने के बाद भी ठेकेदार नगर निगम के कुछ अधिकारियों से सांठगांठ कर सड़क के किनारे नाली की गणवत्ता के साथ खेल कर देते जिससे कुछ समय बाद ही जल निकासी की समस्या आती और पानी का बेहतर निकास न होने से यह पानी सड़क पर भरता जिससे सड़क टूटने लगती है और आरोप पूरे नगर निगम प्रशासन पर पड़ता है। सीएम ग्रिड योजना में ऐसी कोई समस्या आगे न आने पाए इसके लिये नगर निगम ने आईआईटी का सहयोग लिया जिसके चलते थोड़ा थोड़ा काम पूरा होने पर आईआईटी के वैज्ञानिकों की टीम इसकी गुणवत्ता की जांच करती और इसके सुझाव आने पर नगर निगम इसमें आईआईटी की रिपोर्ट के आधार पर सुधार कराता ताकि गुणवत्ता बनी रहे।

नगर आयुक्त ने मौके पर देखे हो रहे काम

बताया गया है कि इस योजना में हो रहे काम की गुणवत्ता के प्रति गंभीर नगर आयुक्त आईएएस सुधीर कुमार ने पिछले दिनों इस योजना से हो रहे कामों का मौके पर जाकर निरीक्षण किया और एक एक काम के संबंध में बारीकी से जानकारी लेने के साथ ही इसमें इस्तेमाल किये जा रही निर्माण सामग्री की गुणवत्ता भी परखी। इस दौरान उन्हें बगिया क्रासिंग से केस्को चौराहा तक काम तेजी से होता पाया गया। मार्ग पर आइडियल पैच निर्माण कार्य तेजी से व गुणवत्ता पूर्ण पाया गया। मौके पर मौजूद अभियंताओं ने नगर आयुक्त से कहा कि पहले 100 मीटर का आइडियल पैच बनाकर जनमानस को समर्पित किया जाएगा ताकि आम जनता भी इस योजना से हो रहे काम की गुणवत्ता को परख सके। यह भी बताया गया कि इस पैच के माध्यम से नागरिकों को मार्ग निर्माण की गुणवत्ता, उसमें किए गए आधुनिकीकरण, नई तकनीकी का समावेश, तथा यूटिलिटी डक्ट जैसी सुविधाओं के बारे में अवगत कराया जाएगा।

कराया जाए डिवाइडर पर पौधारोपण का काम

नगर आयुक्त ने कहा कि आइडियल पैच के दोनों ओर का कार्य जल्द से जल्द कराया जाए सड़क डिवाइडर पर पौधारोपण का भी कार्य शीघ्र पूरा किया जाए। साथ ही ये कहा कि कार्य की गुणवत्ता मानकों से किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त ने साउथ एक्स मॉल से अलंकार सिनेमा मार्ग तक कार्य अधूरा पाया गया संबंधित फर्म को जल्दी से जल्दी कार्य पूरा करने के निर्देश दिया। नगर आयुक्त ने सभी अधिकारियों को यह निर्देशित दिया कि सभी निर्माण कार्य निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुरूप ही किए जाएं और कार्य की प्रगति की नियमित समीक्षा एवं मॉनिटरिंग की जाए।

समस्या उत्पन्न कर रहे पुराने ठेकेदार

नगर निगम अधिकारियों से संज्ञान में आया है कि इस योजना में काम न पाने वाले कुछ पुराने ठेकेदार मुख्यमंत्री की इस महत्वपूर्ण योजना में समस्या उत्पन्न कराने के प्रयास में है इसके लिये राजनीतिक दल व अन्य पेशे से जुड़े कुछ लोगों पर डोरे डाले जा रहे हैं ताकि वह किसी तरह काम में समस्या उत्पन्न कर अधिकारियों तक अपनी पकड़ बना सकें। ऐसा ही मामला सामने आने पर नगर निगम द्वारा लिखापढ़ी की गई तो आईआईटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा एक पत्र जारी कर कहा गया कि आईआईटी द्वारा किसी से सीएम ग्रिड योजना से संबंधित काम के संबंध में कुछ भी साझा नहीं किया गया है। इस पत्र के बाद नगर निगम ने ऐसे लोगों की पड़ताल करानी शुरू की है जो लंबे समय से पर्दे के पीछे रहकर शासन स्तर पर होने वाले कामों की झूठी शिकायतें कराकर काम में व्यवधान डालने का प्रयास करते हैं।

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