निशंक न्यूज
कानपुर। मौसम में ठंढक शुरू हो गयी है। ठंड- से अपने शरीर तथा कमरे का तापमान गर्म रखने के लिये चार मजदूरों ने बंद कमरे में कोयला जला लिया। आग ने कुछ देर गर्माहट दी इसके बाद कोयले के जलने से बनी जहरीली गैस ने चारों मजदूरों के शरीर को ठंडा कर दिया जिससे चारों की मौत हो गई। कमरे में हवा से निकलने का कोई स्थान नहीं था। घटना पनकी थाना क्षेत्र के इंडस्ट्रियल एरिया साइट-2 में ऑयल सीड मील में हुई। जांच में सामने आया कि यहां चार युवा मजदूरों की कोयले की जहरीली गैस (कार्बन मोनोऑक्साइड) से दम घुट गया।, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर पुलिस आयुक्त रघुभीर लाल भी पहुंचे और घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद फैक्ट्री मालिक से मानवता दिखाते हुए मृत मजदूर के परिजनों की मदद करने के लिये कहां जिसे यहां मौजूद फैक्ट्री मालिक की तरफ से मौजूद सिंधी समाज के नेता श्याम लाल मूलचंदानी ने स्वीकार मजदूरों के परिजनों की मदद करने का भरोसा दिया।
ठंड से बचने के लिए जलाया था कोयला
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मील में कुल सात कर्मचारी कार्यरत थे। देर रात काम खत्म होने के बाद तीन कर्मचारी बाहर चले गए थे, जबकि चार युवक—अमित वर्मा (32), राहुल सिंह (23), संजू सिंह (22) और दाऊद अंसारी (28)—मील परिसर के अंदर बने एक कमरे में आराम करने के लिए रुक गए थे। भोजन करने के उपरांत, कड़ाके की ठंड से निजात पाने के लिए चारों ने कमरे के भीतर कोयला जला लिया और कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। इस कमरे में किसी प्रकार की खिड़की या वेंटिलेशन की व्यवस्था (हवा आने-जाने का मार्ग) नहीं थी।
नींद में ही छीन ली जहरीली गैस ने जान

कोयला जलने से कमरे में धीरे-धीरे कार्बन मोनोऑक्साइड नामक जहरीली गैस भर गई। यह गैस गंधहीन और रंगहीन होने के कारण चारों मजदूर सोते समय इसका आभास नहीं कर पाए। वह गहरी नींद में ही जहरीली गैस को इनहेल करते रहे और इसी वजह से नींद में ही उनकी मौत हो गई। सुबह जब अन्य साथी मजदूर ड्यूटी पर पहुंचे और उन्होंने दरवाजा खुलवाने के लिए आवाज लगाई, तो अंदर से कोई जवाब नहीं आया। किसी तरह दरवाजा खोला गया, तो अंदर का मंजर देखकर सभी के होश उड़ गए। चारों युवक अचेत अवस्था में मृत पड़े थे।

घटना की सूचना मिलते ही पनकी पुलिस और फॉरेंसिक टीम तत्काल मौके पर पहुंची। फॉरेंसिक टीम ने कमरे और शवों की गहन जांच पड़ताल की। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आवश्यक विधिक कार्रवाई शुरू कर दी।

देवरिया के रहने वाले थे मृतक
पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि चारों मृतक देवरिया जिले के तरकुलवा क्षेत्र के रहने वाले थे और यहां फेब्रिकेटर का काम करते थे। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मौतें दम घुटने से हुई हैं। कमरे में वेंटिलेशन की कमी के कारण कोयले से निकलने वाली जहरीली गैस जानलेवा साबित हुई।
