बिहार चुनाव में सीट बंटवारा
Bihar NDA Seat Sharing : बिहार चुनाव में एनडीए की सीटों के बंटवारे को लेकर लगाए जा रहे सभी कयासों पर विराम लग गया है। आखिर निशंक न्यूज का कयास तकरीबन सही साबित हुआ है, एक दिन पहले खबर में जिस तरह से बंटवारे का अनुमान लगाया गया था, एनडीए ने लगभग उसी तरह से गठबंधन दलों को सीटों का विभाजन किया है। सीट के बंटवारे को लेकर काफी समय से घमासान मचा था और चुनाव को एक माह का ही समय बचा था। ऐसे में सीट तय न हो पाने से उम्मीदवार भी ठीक से जमीन तैयार कर पाने में असहज हो रहे थे। निशंक न्यूज ने पहले ही बता दिया था एनडीए ने सीट बंटवारे को लेकर फार्मूला तैयार किया है और इसमें भाजपा और जेडीयू के बीच सीट का लगभग बराबर वितरण होने की बात कही थी। वहीं छोटे दलों को कम सीटें देने का कयास लगाया था। भाजपा ने इसी फार्मूला का इस्तेमाल करते हुए टिकटों का बंटवारा कर दिया है।

बराबर बराबर सीटों पर उरतेगी भाजपा और जदयू
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट शेयरिंग पर मामला सुलझ गया है। बीजेपी और जदयू बराबर सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। इस बार के चुनाव में बीजेपी और जदयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. चिराग पासवान 29 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे। जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। आमतौर पर गठबंधन के सीटों के विभाजन की घोषणा प्रेस कांफ्रेंस में की जाती रही है लेकिन इस बार NDA में सीट शेयरिंग फॉर्मूला की घोषणा गठबंधन के नेताओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए दी। इसमें डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, JDU के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, आरएलएम चीफ उपेंद्र कुशवाहा, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल समेत कई नेताओं ने रविवार शाम को एक साथ ट्वीट करके सीट बंटवारे की जानकारी शेयर की है।

गृहमंत्री अमित शाह ने संभाला मोर्चा तब बनी बात
भाजपा की राजनीति से जुड़े लोगों की मानी जाए तो सीट बंटवारे को लेकर चल रहे घमासान को शांत करने के लिये भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला और तब जाकर कहीं बात बन सकी है। उनकी देखरेख में ही सीटों के बंटवारे की बात तय की गई। उनकी सहमति से जो फार्मूला तय किया गया था, उसपर ही सभी की सहमति बनी है।

जीतन राम मांझी कर रहे थे 15 सीटें
बिहार चुनाव की घोषणा 6 अक्टूबर को हुई और 10 अक्टूबर से फर्स्ट फेज के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई। इधर NDA में सीट बंटवारे पर फंसा पेच सुलझ नहीं पाया था, इसकी वजह भी चिराग, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा थे। जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा था कि ‘बस दे दो केवल 15 ग्राम, रख लो अपनी धरती तमाम’। वह यह भी कहते आ रहे थे कि हमारी पार्टी को बस इतनी सीट दीजिये ताकि चुनाव आयोग रिकॉग्नाइज कर ले। इससे साफ है कि वह 15 सीटों की मांग कर रहे थे। लेकिन अब छह सीटों पर ही उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी और उनकी मंशा अधूरी रह गई है।

लोजपा के लिए नाकाफी रहेंगी 29 सीटें
लोकजन शक्ति पार्टी के लिए शायद अब 29 सीटें नाकाफी रहेंगी। क्योंकि यह पार्टी तो अकेले ही पूरा चुनाव लड़ने की दम बांध रही थी और पार्टी के कई सारे नेता भी दमखम से चुनाव लड़ने के लिए तैयारी करके बैठे थे। वहीं चिराग पासवान की पार्टी की ओर से भी सम्मानजनक सीटों की मांग की जा रही थी। हालांकि चिराग सीधे तौर पर तो नंबर ऑफ सीट पर नहीं बोल रहे थे लेकिन उनके जीजा अरुण भारती ने बिहार में अकेले चुनाव लड़ने की ताकत सिर्फ लोजपा में होने की बात कही थी। अब चिराग पासवान सीट शेयरिंग पर कुछ भी बोलने में असहज हो गए हैं। इससे पहले एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि “मैं क्या बोलूं, अभी मेरे पास NDA में सीट शेयरिंग पर बोलने के किये कुछ भी नहीं है”।