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कानपुर। भागवत कथा को सुनने भर से हमेशा पाप करने वाले को भी मुक्ति मिल जाती है। भागवत कथा को सुनने के लिये देवता भी पृथ्वी पर आते हैं क्योंकि स्वर्ग में कथा का पाठ नहीं होता। धार्मिक कथाओं का पाठ केवल पृथ्वी लोक पर ही किया जाता है और हर देवता की भी इच्छा रहती है कि वह कथा का श्रवण करे। यह बात वृंदावन से पधारे श्री मद्भागवत कथा वाचक आचार्य दीपक कृष्ण शाष्त्री ने कही। वह श्री राम सेवा समिति के तत्वावधान में पितृपक्ष के पावन अवसर पर मालवीय पार्क हरबंश मोहाल में आयोजित भागवत कथा के पहले दिन कही।

कथावाचक पंडित दीपक कृष्ण जी महाराज ने कथा का प्रारंभ करते हुए बताया कि कई जन्मों के जब पूण्य जागृत होते हैं तब भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलता है भागवत कथा भगवान श्री कृष्ण का वांगमय स्वरूप है। इस कथा को सुनने भर से हमेशा पाप करने वाले का भी कल्याण हो जाता है और मुक्ति प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि भागवत कथा हमें आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करती है और हमें जीवन के उद्देश्य और अर्थ को समझने में मदद करती है।
कथा वाचक ने कहा कि यह कथा हमें नैतिक मूल्यों और आदर्शों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है, जैसे कि सत्य, न्याय, और करुणा। भागवत कथा हमें भगवान की भक्ति और प्रेम के महत्व को समझने में मदद करती है और हमें उनके साथ एक गहरा संबंध स्थापित करने के लिए प्रेरित करती है।

भागवत कथा कराती है जीवन के उद्देश्य की प्राप्ति
यह कथा हमें जीवन के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है और हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है।

भागवत कथा हमें आत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाती है और हमें अपने वास्तविक स्वरूप को समझने में मदद करती है। कथा के पहले दिन भाजपा उत्तरी जिले के अध्यक्ष श्री अनिल दीक्षितए प्रमुख सांध्य दैनिक खोजी नारद के संपादक श्री विवेक बाजपेई, भाजयुमों के जिलाध्यक्ष शिवांग मिश्रा , प्रमुख उद्यमी खूब चंद गुप्ता, मयंक गुप्ता, उज्जल गुप्ता लक्की, विपिन दीक्षित, शुभम् दीक्षित, निशा बाजपेई, रेनू तिवारी, गरिमा दीक्षित, सईद अहमद शानू, सोनम आदि सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे।