अलीगढ़ में मिलावट खोरों पर कड़ा प्रहार,दूध से बने 35000 किलो खाद्य पदार्थ बरामद

ओ० पी० पाण्डेय

त्योहारी सीजन में ज्यादा कमाई करने के प्रयास में खाद्य पदार्थों में मिलावट कर इन्हें जहरीला बनाने वालों के खिलाफ अलीगढ़ में कड़ा प्रहार किया गया है। पिछळे पांच दिन में जिले के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने करीब 35000 किलो मिलावटी सिंथेटिक पनीर तथा दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थ बरामद किया है। विभागीय लोग आम लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं कि मिलावटी खाद्य पदार्थ के सेवन से शरीर को कितना ज्यादा नुकसान होता है। इस बरामदगी से एक और बात सामने आई कि ज्यादा कमाई के चक्कर में यहां के लोग आसपास के जनपदों में भी मिलावटी खाद्य पदार्थ की आपूर्ति कर रहे हैं।

जहर परोसने वाले मिलावटखोरो को बख्शा नहीं जाएगा -दीनानाथ यादव

वर्तमान में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त द्वितीय दीनानाथ यादव ने आगामी दीपावली त्यौहार के पावन पर्व पर दृढ़ संकल्पित होकर जनपद वासियों को भरोसा दिया है कि दीपावली के पावन पर्व पर मेरा यही प्रयास होगा कि समस्त जनपद वासियों को सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण खाद्य एवं पेय पदार्थो की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके ; विशेषकर दुग्ध उत्पादन और उससे संबद्ध खोवा, पनीर, दूध, दही, मिठाई आदि से। क्योंकि दीपावली पर इनका ज्यादा इस्तेमाल होता है। उन्होंने यह भी कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट का जहर घोलने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा इनके खिलाफ अभियान चलता रहेगा।

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त द्वितीय दीनानाथ यादव ने बताया कि पिछले पांच दिनों के भीतर जनपद अलीगढ़ के विभिन्न क्षेत्र में छापामार कार्यवाही करते हुए अब तक लगभग 35000 किलो मिलावटी सिंथेटिक पनीर 50 कुंतल सिंथेटिक खोवा 4500 लीटर सिंथेटिक दूध 10 कुंतल मिलावटी सोनहलवा तथा बर्फी का घोल का जांच के लिए नमूना लेकर मौके पर ही नष्ट करवाया तथा सिंथेटिक खोवा एवं पनीर बनाने वाली डेेयरियाॅ एवं प्रतिष्ठान सील कर दिए गए । उन्होंने बताया कि जिन नमूनो की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है उन मिलावटखोरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब तक वह अलीगढ़ में तैनात हैं तब तक मिलावटखोरों के खिलाफ यह अभियान निरंतर चलता रहेगा । मिलावटी खाद्य एवं पेय पदार्थो में जहर परोसने वाले मिलावटखोरों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कितना भी राजनीतिक रसूख वाला क्यों ना हो। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त द्वितीय अलीगढ़ दीनानाथ यादव ने बताया कि मिलावटी वस्तुओं का सेवन करने से हमारा शरीर तुरंत प्रभावित नहीं होता अपितु यह हमारे शरीर में पहुंच कर धीमे ज़हर के रूप में क्रियाशील हो जाता है जिसके घातक परिणाम कालांतर में परिलक्षित होते हैं भयावह बीमारियों के रूप में मिलावट रूपी दीमक धीरे-धीरे मानव शरीर को निगल जाती है।

खेसाली दाल के सेवन से क्षतिग्रस्त होता पाचनतंत्र

दीनानाथ यादव ने खाद्य एवं पेय पदार्थों में मिलावट और उसके दुष्परिणामों से संबंधित हुई इस सार्थक बातचीत में यथार्थ को रेखांकित करते हुए जिन तथ्यों को उजागर किया वह विचारणीय हैं। अरहर की दाल के संदर्भ में उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें मिलावटखोर खेसारी दाल का उपयोग करते हैं जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद हानिकारक है। इसके उपयोग से हमारा पाचनतंत्र क्षतिग्रस्त हो जाता है, परिणामत: इंसान का निचला शरीर लकवाग्रस्त होकर बेजान बन जाता है। इस मिलावट को थोड़ी सावधानी और गहनता से निरीक्षण कर पहचाना जा सकता है। अरहर की दाल गोल होती है और एक ओर से फूली हुई होती है जबकि खेसारी दाल चौकोर होती है।

मिलावटी खोवे से खराब होता लिवर व किडनी

बरामद मिलावटी खोवे को नष्ट कराती खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम।

दूध एवं दुग्ध उत्पादन हमारे दैनिक जीवन से जुड़े हुए हैं जिनका उपयोग हर रोज लगभग हर परिवार में किया जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है मगर इन उत्पादों में की जा रही घातक मिलावट स्वास्थ्य को सर्वाधिक हानि पहुंचाने में सक्षम सिद्ध हो रही है। त्यौहारों के समय अधिकतर उपयोग में आने वाले पनीर के साथ ही खोवा भी एक ऐसा दुग्ध उत्पाद है जिसका उपयोग मिठाइयों में किया जाता है और इस समय इसकी खपत अत्यधिक मात्रा में बढ़ जाती है। इस मिलावटी व कृत्रिम खोवे से लीवर और किडनी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।

रंगी मिठाईयां करतीं नुकसान, नकली बर्क से होती भूलने की बीमारी

मिलावटी व कृत्रिम खोया मिठाइयों में घातकता का संचार करता है तो मिठाइयों में प्रयुक्त रंग भी हमारी शारीरिक क्षमता को प्रभावित करता ही है। इन रंगों से निर्मित मिठाई से दूरी बनाकर ही हम अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं। यह रंग किसी न किसी रूप में हमें हानि ही पहुंचाते हैं।इसी प्रकार उन मिठाइयों से भी हमें बचना चाहिए जिन पर चांदी के वर्क लगे हों। चांदी के वर्क की कीमत अधिक होने के कारण कुछ विक्रेता उसके स्थान पर एलम्यूनियम के वर्क प्रयोग में लाते हैं । यह वर्क हमारे शरीर में प्रविष्ट हो कर हानिकारक प्रभाव डालते हैं। भूलने की बीमारी और लकवा मार जाने जैसी बीमारियां एलम्यूनियम वर्क के खाने से होती हैं। बाजार में बिकने वाले दही में कुछ मिलावटखोर दही का वजन बढ़ाने के लिए मैदा का भी प्रयोग करते हैं जबकि इस दही का उपयोग हम व्रत उपवास में भी करते हैं। यद्यपि जनपद वासियों को यह विश्वास दिलाते हुए दीनानाथ यादव ने बताया कि अभी कुछ ही महीने पूर्व जिस तरीके से पावन पर्व रक्षाबंधन एवं जन्माष्टमी त्यौहारों पर मिलावटखोरी पर लगाम लगाई गई थी ठीक उसी प्रकार पावन आगामी दीपावली के पावन पर्व पर मिठाईयों खाद्य एवं पेय पदार्थो पर किसी कीमत पर मिलावटखोरी नहीं होने दी जाएगी तथा मिलावटखोरी के विरुद्ध प्रभावी परिवर्तन कार्यवाही संपादित की जाएगी । उन्होंने जनता से आह्वान किया कि वह सस्ती कीमत के लालच में मिलावटी मिठाइयां खाद्य एवं पेय पदार्थ ना खाएं यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप अपने स्वास्थ्य के साथ स्वयं खिलबाड़ करेंगे और घातक बीमारियों का शिकार हो जाएंगे।

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