निशंक न्यूज
कानपुर। कानपुर में तुलसी विवाह के आयोजनों की धूम रही। दबौली के तत्कालेश्वर महादेव मंदिर से निकली बारात में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। महिलाएं भी इस विवाह की खुशी में सड़क पर डांस करते चल रही थीं और पुरुष व युवा भी। भगवान नारायण तथा तुलसी के रूप में मोहल्ले के बच्चों को सजाया गया था।
विवाह के दूसरे दिन भी बारातियों तथा मां तुलसी परिवार के प्रतीकात्मक जनातियों ने मिल बैठकर विवाह की खुशी जताई। अब कार्तिक पूर्णिमा के दिन पांच नवंबर को तुलसी की विदाई व सत्य नारायण की कथा का आयोजन किया जाएगा।
पांच दिन बारात रुकने की परंपरा
देवउत्थानी एकादशी पर तत्कालेश्वर महादेव मंदिर के अलावा शहर के कई स्थानों पर तुलसी विवाद के कार्यक्रम किए गए। लाल कालोनी में भी तुलसी विवाह के अवसर पर बारात निकाली गई व भजन कीर्तन किए गए। कई मंदिरों में आयोजन हुए लेकिन दबौली के तत्कालेश्वर मंदिर में निकाली गई बारात में क्षेत्रीय लोगों का दिल जीत लिया। यहां पिछले सात वर्षों से तुलसी विवाह का आयोजन किया जा रहा है। इस विधिवत आयोजन में पांच दिन तक बारात के रुकने व एकादशी के पांचवें दिन कार्तिक पूर्णिमा पर भव्य रूप से तुलसी की भगवान ठाकुर जी के साथ विदाई का कार्यक्रम भी होता है जिसमें आसपास के सैकड़ों लोग मौजूद रहते हैं।
बैंड की धुन पर जमकर नाचे बराती
मंदिर की देखरेख में लगे रहने वाले डीबीएस छात्र कालेज के पूर्व अध्यक्ष शशिकांत मिश्रा टीटू, भाजपा नेता अनूप तिवारी तथा विनोद मिश्रा आदि का कहना है कि तत्कालेश्वर मंदिर में अपनी समस्या रखने पर उसका तत्काल हल होते देखा गया है। मंदिर में अन्य आयोजनों के साथ हर देवत्ठानी एकादशी पर तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है जिसमें बाकायदा कुछ लोग मां तुलसी के परिवार के सदस्य की भूमिका निभाते हैं तो कुछ भगवान ठाकुर जी के परिवार की। क्षेत्र के बच्चों को भगवान नारायण व तुलसी के रूप में सजाया जाता है।
बारात तत्कालेश्वर महाराज मंदिर से उठकर दबौली दुर्गा मंदिर तक गई जिसमें बैंडबाजे की धुन प क्षेत्र की महिलाएं पुरुष तथा बच्चे उत्साह के साथ शामिल हुए। बैंड की धुन पर बाराती नाचते झूमते दुर्गा मंदिर तक गये। तुलसी विवाह के लिए यजमान ने तुलसी के पौधे को हाथ में लेकर सात फेरे कराए। बारात तत्कालेश्वर मंदिर में ही रुकी। यहां महिलाओं ने रतजगा भी किया।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन होगी विदाई व सत्यनाराण की कथा
तुलसी विवाह के दूसरे दिन रविवार को भी तुलसी परिवार के सदस्य एकत्र हुए और शनिवार को बाराती बने लोगों को चाय नाश्ता कराकर उनका स्वागत किया। बताया गया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन विदाई कार्यक्रम होगा जिसमें बाराती जनाती के अलावा क्षेत्र के तमाम लोग मौजूद रहेंगे। विदाई समारोह के साथ इस दिन यहां सत्य नारायण की कथा का आयोजन भी किया जाएगा। बारात की अगुवाई करने वाली शिक्षा विभाग से जुड़ी अंजू मिश्रा का कहना था कि विदाई का कार्यक्रम भी धूमधाम से मनाया जाएगा।
शुक्रवार को हुआ था हल्दी-मेंहदी कार्यक्रम
शनिवार को तुलसी विवाह के पहले शुक्रवार को तत्कालेश्वर मंदिर परिसर में हल्दी-मेंहदी के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मंदिर के संचालको की तरफ से बराती- जनाती मतलब ठाकुर जी के परिवार तथा मां तुलसी के परिवार से जुड़ी महिलाओं को मुफ्त में मेंहदी लगवाई गई। इस आयोजन के दौरान महिला संगीत के कार्यक्रम ने क्षेत्रीय लोगों का इस विवाह के प्रति उत्साह बढ़ा दिया।
