सरदार पटेल की शिक्षा का प्रमुख स्त्रोत स्वाध्याय थाः सांसद

निशंक न्यूज।

कानपुर। भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150 जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में कानपुर के सांसद रमेश अवस्थी ने कहा कि सरदार पटेल की शिक्षा का प्रमुख श्रोत स्वाध्याय था। उन्होंने पढ़ाई विदेश में की लेकिन वकालत अपने देश भारत में ही आकर की। उनके जीवन व काम के तरीके से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिये। भाजपा सांसद नमक फैक्ट्री चौराहे पर सरदार पटेल की प्रतिमा स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे।

शहद- दूध से कराया पटेल की प्रतिमा को स्नान

गुरुवार को गोविन्दनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नमक फैक्ट्री चौराहे पर, पटेल महिला समिति के तत्वावधान में भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150 वीं जयंती की पूर्व संध्या पर,पटेल जी की प्रतिमा के अनावरण उपरांत,स्वच्छता अभियान चलाकर,साफ-सफाई करके, गंगाजल से एवं शहद से स्नान करा के, फिर दूध से नहलाकार माल्यार्पण एवं पुष्प अर्चन किया गया। यहां विधायक सुरेंद्र मैथानी जी ने बताया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था। सरदार पटेल एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा आजार भारत के पहले गृहमंत्री थे। स्वतंत्रता की लड़ाई में उनका महत्वपूर्ण योगदान था, जिसके कारण उन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है।

लंदन से की थी बैरिस्टर की पढ़ाई

कार्यक्रम में कल्याणपुर क्षेत्र की विधायक नीलिमा कटियार जी ने जी ने कहा कि 31 अक्टूबर 1875 गुजरात के नाडियाद में सरदार पटेल का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था। उन के पिता का नाम झवेरभाई और माता का नाम लाडबा देवी था। सरदार पटेल अपने तीन भाई बहनों में सबसे छोटे और चौथे नंबर पर थे। सांसद रमेश अवस्थी जी ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की शिक्षा का प्रमुख स्त्रोत स्वाध्याय था। उन्होंने लंदन से बैरिस्टर की पढ़ाई की और उसके बाद पुन: भारत आकर अहमदाबाद में वकालत शुरू की।

गांधी से प्रेरित हो लिया था स्वतंत्रता आंदोलन में भाग

संस्था की अध्यक्ष नमिता पटेल जी ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी अंतर्गत, सरदार पटेल ने महात्मा गांधी से प्रेरित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। सरदार पटेल द्वारा इस लड़ाई में अपना पहला योगदान खेड़ा संघर्ष में दिया गया, जब खेड़ा क्षेत्र सूखे की चपेट में था और वहां के किसानों ने अंग्रेज सरकार से कर में छूट देने की मांग की। जब अंग्रेज सरकार ने इस मांग को स्वीकार नहीं किया, तो सरदार पटेल, महात्मा गांधी और अन्य लोगों ने किसानों का नेतृत्व किया और उन्हें कर न देने के लिए प्ररित किया। अंत में सरकार को झुकना पड़ा और किसानों को कर में राहत दे दी गई।

ऐसे नाम से जुड़ा सरदार,यह लोग रहे मौजूद

जिला अध्यक्ष बीजेपी अनिल दीक्षित जी ने कहा कि यूं पड़ा नाम सरदार पटेल : सरदार पटेल को सरदार नाम, बारडोली सत्याग्रह के बाद मिला, जब बारडोली कस्बे में सशक्त सत्याग्रह करने के लिए उन्हें पह ले बारडोली का सरदार कहा गया। बाद में सरदार उनके नाम के साथ ही जुड़ गया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से विधायक सुरेंद्र मैथानी,विधायिका नीलमा कटियार, सांसद रमेश अवस्थी,जिलाध्यक्ष अनिल दीक्षित,नमिता पटेल,हेमा पटेल, रामकुमारी पटेल,उषा सचान, अर्चना पटेल, रमा पटेल, नेहा पटेल, वर्तिका पटेल, शशि पटेल, अनीता पटेल, शीला कटियार,मीरा पटेल आदि लोग मौजूद रहे।

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