निशंक न्यूज
कानपुर मेट्रो के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने आज गुरूदेव चौराहा स्थित मेट्रो डिपो तथा नौबस्ता कास्टिंग यार्ड सहित विभिन्न निर्माण स्थलों पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर इंजीनियरों और स्टाफ ने सृजन एवं निर्माण के देवता भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त कर शहर व प्रदेश में संचालित विभिन्न मेट्रो परियोजनाओं की सफलता की प्रार्थना की।
कानपुर मेट्रो का सिविल निर्माण कार्य आरंभ होने के मात्र 2 वर्ष 1.5 माह के रिकॉर्ड समय में 28 दिसंबर 2021 को प्रॉयरिटी कॉरिडोर (आईआईटी से मोतीझील) पर यात्री सेवाएं आरंभ कर दी गई थीं। इस साल 30 मई 2025 को सेवाओं का विस्तार मोतीझील से कानपुर सेंट्रल तक किया गया। वर्तमान में कॉरिडोर-1 के बैलेंस सेक्शन (कानपुर सेंट्रल से नौबस्ता) तक विस्तार हेतु कार्य तेजी से प्रगति पर है। झकरकटी से कानपुर सेंट्रल के बीच टनलिंग कार्य किया जा रहा है, जबकि बारादेवी – नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन पर ट्रैक निर्माण और सिस्टम इंस्टॉलेशन का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।
साथ ही, 8.60 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए – बर्रा-8) के रावतपुर–डबल पुलिया अंडरग्राउंड सेक्शन और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी–बर्रा-8 एलिवेटेड सेक्शन के निर्माण में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। विश्वकर्मा पूजा के इस पावन अवसर पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने समस्त निर्माण कार्यों के सफलता पूर्वक और समयबद्ध पूर्ण होने की मंगलकामना की।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक श्री सुशील कुमार ने बधाई देते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश मेट्रो टीम, जनता को अत्याधुनिक सुविधाओं और प्रौद्योगिकी से लैस सर्वश्रेष्ठ मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। यूपीएमआरसी के इंजीनियरों की मेहनत और कुशल नेतृत्व के परिणामस्वरूप शहर में निर्माण कार्य समयबद्ध ढंग से पूरे हो रहे हैं। कानपुर मेट्रो के दोनों कॉरिडोर के पूरा होने से न केवल ट्रैफिक की समस्या से राहत मिलेगी, बल्कि शहर के बढ़ते कार्बन फुटप्रिंट को भी कम किया जा सकेगा। इससे उत्तर प्रदेश के दूसरे सबसे घनी आबादी वाले शहर की अर्थव्यवस्था को नई गति और ऊर्जा मिलेगी।
