एआई को अपना मास्टर न बनाएं, वरना डिज़ास्टर होगा

निशंक न्यूज।

कानपुर l एआई ( आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ) एक ऐसी तकनीक है कि यदि इसे अपना मास्टर मानकर इस पर निर्भर हो गए तो बड़ा डिज़ास्टर हो सकता है l इसे बतौर अपना सहायक इस्तेमाल करें तो काम आसान होगा और तरक्की के नए रास्ते खुलेंगे। ये विचार आज कानपुर प्रेस क्लब की ओर से “एआई के युग में पत्रकारिता की चुनौतियां” विषय पर आयोजित गोष्ठी में विशेषज्ञ वक्ताओं ने व्यक्त किए।

इसे बॉस न बनाएं, निर्भर न रहें ः अधिवक्ता विभोर सचान

अधिवक्ता विभोर सचान का स्वागत करते प्रेस क्लब के कार्यकारिणी सदस्य अभिषेक मिश्रा।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विभोर सचान ने कहा कि एआई एकत्र डाटा और ऑब्जर्वेशन पर काम करता है l यह तकनीक मस्तिष्क पढ़कर निष्कर्ष दे सकती है, लेकिन इसमें संवेदना, जज़्बात, भावना मानवता और दयालुता नहीं होगी l इसे बॉस न बनाएं, निर्भर न रहें, इसे सहायक बनाएं तो भरपूर लाभ ले सकते हैं।l

एआई के जानकार प्रोफेसर अनोखे लाल पाठक का स्वागत करते प्रेस क्लब के महामंत्री शैलेश अवस्थी।

ज़रा भी चूके तो बड़ा नुकसान भी कर सकती है एआई ः प्रोफेसर अनोखे लाल पाठक

एआई विशेषज्ञ प्रोफेसअनोखेलाल पाठक ने कहा एआई की मायावी दुनिया से बड़े खतरे भी हैं और इससे सावधानी के लिए जागरूक करने का काम मीडिया का है l एआई की मदद से तथ्य तलाश सकते हैं, एकत्रित डाटा से रिफ्रेंन्स ले सकते हैं, लेकिन समय, परिस्थिति, माहौल और प्रस्तुतीकरण तो पत्रकार को ही करना होगा l झूठ नरेटिव तोड़ने का काम पत्रकार का है l एआई पत्रकारिता को आसान बना सकती है, लेकिन ज़रा भी चूके तो बड़ा नुकसान भी कर सकती है l आखिरकार यह तकनीक तो कृत्रिम बुद्धिमत्ता ही है।

संगोष्ठी में डाक्टर अभिषेक त्रिवेदी का स्वागत करते प्रेस क्लब के मंत्री शिवराज साहू।

मरीज से संवेदना नहीं दे सकता एआईः डा, अभिषेक त्रिवेदी

मशहूर चिकित्सक डॉ.अभिषेक त्रिवेदी ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में तो इस तकनीक के इस्तेमाल में बेहद सतर्कता की ज़रूरत है l ये तकनीकी टूल्स काम आसान कर देंगे, लेकिन डॉक्टर किसी मरीज के सिर पर प्यार से हाँथ फेरकर कहता है कि “मैं हूं न, आप निश्चित ठीक हो जाएंगे “, और ये संवेदना एआई नहीं दे सकती l हां, इससे लाभ भी बहुत हैं, मगर सावधानी भी ज़रूरी है।

इनपुट ले सकते हैं लेकिन निर्भर न हों ः डाक्टर रमेश वर्मा l

वरिष्ठ पत्रकार डॉ. रमेश वर्मा ने कहा कि पत्रकारिता में एआई का प्रवेश खबरों में इनपुट का काम बेहतर कर सकता है, लेकिन उस पर पूरी तरह निर्भर हुए तो फिर नुकसान की भरपाई होना मुश्किल है l प्रेस क्लब के अध्यक्ष सरस वाजपेयी ने अथितियों का स्वागत करते हुए कहा कि पत्रकारों की जागरूकता के लिए इस तरह की गोष्ठियां निरंतर आयोजित की जाएंगी l महामंत्री शैलेश अवस्थी ने सभी का आभार जताया और संचालन वरिष्ठ पत्रकार आलोक पांडे ने किया l इस मौके पर उपाध्यक्ष गौरव सारस्वत, मंत्री शिवराज साहू, सुनील साहू, मोहित दुबे, अभिषेक मिश्रा, गगन पाठक, चंद्रगौरव, अनिल त्रिपाठी, कौस्तुभ मिश्रा, नौसाद,शशांक शुक्ला, अर्जित, वेद गुप्ता, दीपक,अनुज,मयूर शुक्ला, सहित कई पत्रकार मौजूद रहे

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