निशंक न्यूज।
कानपुर देहात में सोमवार को विभिन्न स्थानों पर लगे ध्वनि विस्तारक यंत्रों की जांच में सामने आया कि करीब 25 फीसद ध्वनि विस्तारक यंत्र नियम का उलंघन कर रहे हैं जिससे ध्वनि प्रदूषण फैल रहा है। लोगों को ध्वनि प्रदूषण से बचाने के लिये चलाए जा रहे तीन दिवसीय विशेष अभियान में सोमवार को लोगों को सुधार करने की चेतावनी दी गई और यह भी बताया गया कि अब आगे भी ऐसा अभियान चलाया जाता रहेगा।
पुलिस सूत्रों की मानी जाए तो इस तीन विशेष अभियान के तहत सोमवार को जनपद के विभिन्न धार्मिक स्थलों (मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च आदि) तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों की व्यापक जांच एवं निगरानी की गई। इस दौरान कुल 144 ध्वनि विस्तारक यंत्र प्रयोग में लाए जा रहे थे, जिनमें से 36 यंत्र निर्धारित ध्वनि मानकों के विपरीत पाए गए। इन मानकों का उल्लंघन करने वाले सभी यंत्रों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की गई।
अभियान के दौरान यह की गई कार्यवाही

26 ध्वनि विस्तारक यंत्रों की ध्वनि को तत्काल प्रभाव से निर्धारित डेसिबल मानक सीमा के अंतर्गत धीमा किया गया। संबंधित प्रबंधकों को ध्वनि प्रदूषण रोकथाम नियमावली की जानकारी दी गई एवं भविष्य में मानकों का पालन करने का निर्देश दिया गया।
10 ध्वनि विस्तारक यंत्रों को, जो सार्वजनिक शांति भंग करने एवं नियमों की अवहेलना करने के कारण चिन्हित किए गए थे, उन्हें सार्वजनिक एवं धार्मिक स्थलों से हटाए जाने का आदेश दिया गया और उनकी अनुपालना सुनिश्चित की गई।
यह विशेष अभियान जनपद में बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने, आम जनता की सुविधा एवं स्वास्थ्य की सुरक्षा तथा धार्मिक स्थलों एवं आवासीय क्षेत्रों में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।
लोगों को ध्वनि प्रदूषण से बचाना सभी की जिम्मेदारीः एसपी

पुलिस अधीक्षक श्रद्धा नरेंद्र पांडेय ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि, “सभी धर्मों एवं समुदायों के बीच सद्भाव और सामाजिक शांति बनाए रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग में निर्धारित कानूनी मानकों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। हमारा यह अभियान समस्त नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता और शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने हेतु है।”
पुलिस अधीक्षक ने आगे कहा कि अभियान की निगरानी स्वयं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जा रही है और भविष्य में भी ऐसे निरीक्षण नियमित रूप से जारी रहेंगे। जन सहयोग से ही कानून व्यवस्था और सामाजिक सद्भावना को मजबूती प्रदान की जा सकती है।
