डॉक्टरों के लिए पहेली बना मौनी बाबा का इलाज

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मौनी बाबा न कुछ बोलते, न कुछ बताते हैं बाबा

महेश सोनकर

कानपुर। एक कहावत है कि डॉक्टर से कोई बात छिपानी नहीं चाहिये वरना इलाज मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही एक मामला इन दिन मेडिकल कॉलेज के एलएलआर अस्पताल में सामने आया है। डॉक्टरों के लिए मौनी बाबा का इलाज पहेली बन गया है। बाबा का मौन व्रत उनके इलाज में आड़े आ रहा है। न तो डॉक्टर उनका मर्ज समझ पा रहे हैं और न ही बाबा इलाज से मिलने वाले राहत के बारे में कुछ बता रहे हैं।

कानपुर देहात के असालतगंज के चौविन नवादा निवासी राम भजन शुक्ल उर्फ राजेश शुक्ला रविवार को एलएलआर अस्पताल में भर्ती हुए हैं। वह संत श्री प्रेमदास जी महाराज, अनसुइया आश्रम एवं कामतानाथ परिक्रमा मार्ग स्थित जानकी भरत मिलाप मंदिर, चित्रकूट धाम से जुड़े हुए हैं। उन्होंने 15 वर्षों से मौन व्रत धारण कर रखा है। उनके इलाज में लगे डॉक्टर उन्हें लेकर परेशान हैं। वार्ड 16 में भर्ती बाबा अन्य मरीजों के लिए भी कौतूहल का विषय बने हुए हैं। उन्हें लीवर की बीमारी होने की संभावना पर डॉक्टर इलाज कर रहे हैं।

हैलट अस्पताल में भर्ती मौनी बाबा का इलाज कंसल्टेंट और जूनियर रेजीडेंट (जेआर) के लिए पहेली बन चुकी है। वह न कुछ बोलते और न कुछ बताते हैं। उनसे कुछ पूछने पर जेआर को लिखकर अध्यात्म की बातें देने लगते हैं। ऐसे में समस्या यह हो रही है कि उन्हें दवाओं से आराम मिल रहा है या नहीं, यह समझने में डॉक्टरों को मुश्किल हो रही है। दर्द के बारे में वह कुछ बता नहीं रहे हैं और मर्ज को लेकर डॉक्टर कुछ समझ नहीं पा रहे हैं।