हिन्दू नेता की हत्या पर घिरी सरकार ?

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विकास वाजपेयी
कभी पैगम्बर के बारे में टिप्पणी करने के आरोप में रासुका की कार्यवाही में जेल गए हिन्दू वादी नेता की प्रदेश की राजधानी में दिन दहाड़े हत्या ने प्रदेश की योगी सरकार को फिर से कठघरे में खड़ा कर दिया है। जानकारी के मुताबिक अपराधी कमलेश तिवारी की हत्या करने के लिए हथियार मिठाई के डिब्बे में छुपाकर लाए थे।

राजधानी लखनऊ के खुर्शीदबाग इलाके में रहने वाले हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की शुक्रवार दोपहर घर पर दो बदमाशों ने चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि हत्यारे मिठाई के डिब्बे में चाकू और तमंचा लेकर आए थे। शरीर में चाकू के 15 से अधिक वार हैं।
घायल अवस्था में परिजनों ने तिवारी को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी मौत हो गई। हत्या की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं है। डॉक्टरों के मुताबिक जब वह अस्पताल लाए गए थे तो गंभीर अवस्था में थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने कमलेश तिवारी को राजधानी के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था। मोबाइल फोन और आस पास के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस घटना की पूरी जानकारी एकत्र करने में जुट गई है साथ ही इस बात की भी सूचना एकत्र की जा रही है कि कही कमलेश का बयान ही तो उनकी हत्या का कारण नही है।
उधर, कमलेश तिवारी हत्याकांड से लोगों में आक्रोश फैल गया है। कमलेश के समर्थक खुर्शीदबाग कॉलोनी में प्रदर्शन कर रहे हैं। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल व पीएसी की तैनाती की गई है।

कमलेश के ऊपर पैगम्बर के विरुद्ध टिप्पणी करने पर रासुका की कार्यवाही की गई थी। और उस समय एक मुस्लिम संगठन ने सर कलम करने का फतवा भी जारी किया था। बिजनौर के उलेमा अनवारुल हक और मुफ्ती नईम कासमी पर कमलेश तिवारी का सिर कलम करने का फतवा जारी करने का आरोप लगा था।