निशंक न्यूज।
लखनऊ। नागरिकता कानून के विरोध में पिछले दिनों हुए हिंसक प्रदर्शन में नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है। राज्य में अब तक 4 जिलों में 238 लोगों को करीब 74 लाख की रिकवरी का नोटिस जारी किया गया। जबकि 3 जिलों में प्रदर्शनकारियों की पहचान की प्रक्रिया चल रही है। इनमें कानपुर, फिरोजाबाद और मऊ में पुलिस ने तोड़फोड़ करने वाले प्रदर्शनकारियों के पोस्टर जारी करके लोगों से जानकारी देने अपील की है। पहचान बताने वाले को पुलिस की तरफ से इनाम भी दिया जाएगा। पुलिस का दावा है कि सीसीटीवी और वीडियो फुटेज के जरिए संदिग्धों की पहचान की जा रही है।
इन 4 जिलों में रिकवरी शुरू:
रामपुर: प्रशासन
ने बुधवार को 28 लोगों को 15 लाख की क्षतिपूर्ति
का नोटिस भेजा। यहां 25 लाख रुपए के नुकसान का
आकलन किया गया। डीएम आंजनेय
सिंह ने कहा- चिह्नित लोगों को जवाब के लिए सात दिन का समय दिया है। अगर उनका जवाब नहीं आता है तो सार्वजनिक और निजी
संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए उनसे वसूली की
जाएगी।
बिजनौर: यहां हिंसा फैलाने के आरोप में 146 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने बताया कि
मदरसा संचालक फुरकान, पूर्व नगर
पालिका अध्यक्ष जावेद आफताब फरार हैं। इनकी जानकारी देने वाले
को 25,000 रुपए का इनाम दिया जाएगा। यहां 43 प्रदर्शनकारियों
को 19.7 लाख रुपए की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के नोटिस
जारी किए गए हैं।
मेरठ: यहां
हिंसा फैलाने के मामले में पुलिस ने 141 लोगों को
चिह्नित किया है। हिंसा के दौरान आगजनी, तोड़फोड़ में 14 लाख
की संपत्ति के नुकसान का अनुमान है। जिला
मजिस्ट्रेट अनिल ढींगरा ने कहा कि अभी जांच चल
रही है। सूची में और नाम जोड़े जा सकते हैं।
संभल: यहां हिंसा के दौरान 15 लाख रुपए की
सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।
जिला प्रशासन ने 26 लोगों को नोटिस जारी कर जवाब
मांगा है।
इन
5 जिलों में प्रक्रिया जारी
गोरखपुर: यहां पुलिस ने 60 लोगों के
पोस्टर जारी किए, इनमें 33 की पहचान हो गई। इनके
घरों पर नोटिस चस्पा किए गए हैं। आरोपित लोगों को 2
दिन
के अंदर थाने में हाजिर होकर अपना पक्ष रखना होगा।
मऊ
: यहां पुलिस ने 110 लोगों
की तस्वीरें जारी की हैं। पुलिस
अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया- हिंसा मामले में 3 प्राथमिकी
दर्ज की गई। अब तक 21 लोगों को
गिरफ्तार किया गया। हिंसा में शामिल 110 अन्य उपद्रवियों
की पहचान की है। इनकी पहचान के लिए पोस्टर जारी किए गए हैं।
फिरोजाबाद
: पुलिस ने 80 लोगों की
तस्वीरों के साथ एक पोस्टर जारी किया है। पुलिस का
दावा है कि यह सभी लोग नालबंद इलाके में हिंसा
में शामिल थे। पुलिस ने इनके बारे में स्थानीय लोगों से जानकारी मांगी
है।
कानपुर
: हिंसा की जांच एसआईटी ने शुरू कर दी है।
110 संदिग्धों
के पोस्टर जारी किए गए हैं। एसएसपी अनंत देव के मुताबिक, हिंसा के आरोपियों की पहचान की जा रही है। यहां अभी रिकवरी के लिए
सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान का ब्यौरा जुटाया
जा रहा है।
लखनऊ: हिंसा मामले में एडीएम ट्रांस गोमती विश्वभूषण मिश्र की तरफ से 100 से अधिक लोगों को रिकवरी का
नोटिस जारी किया गया। लेकिन
सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान कितना पहुंचा है, इसका आंकड़ा
अभी जारी नहीं किया
गया।
13 जिलों में की जा रही तोड़फोड़ करने वालों की पहचान
नागरिकता
कानून के विरोध में यूपी के 13 जिलों में
हिंसा फैली थी। इसमें सार्वजनिक और निजी
संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले आरोपियों की वीडियो और फोटो के जरिए पहचान की जा रही है।
प्रदेश में अब तक 10 हजार से अधिक लोगों
के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। करीब 1000 से अधिक
लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी हैं। इनमें करीब 6000
लोगों
को जमानत पर रिहा किया गया। इन
लोगों पर निरोधात्मक कार्रवाई की गई है।
हेलमेट,
लाठी टूटने तक की हो रही वसूली
उत्तर
प्रदेश में प्रशासन की तरफ से तोड़फोड़ की वसूली के नोटिस में
लाठी और हेलमेट के नुकसान के पैसा
का जिक्र किया गया है। बाइक में आग लगाने जैसे मामले
में प्रशासन ने नई बाइक की कीमत जोड़ी है। मंगलवार को रामपुर में प्रशासन ने जीप में लगा वायरलैस, हूटर,
10 डंडे,
3 हेलमेट,
3 बॉडी प्रोटेक्टर और 3 कैन सील्ड के नुकसान के एवज में 31500
रुपए
की वसूली का नोटिस भेजा है।