जिला परिषद चुनाव में भाजपा को नागपुर में मिली करारी हार
पांच में केवल जिला परिषद क्षेत्र में भाजपा को मिल सका स्पष्ट बहुमत
केंद्रीय मंत्री गडकरी के गृह जनपद में भाजपा उम्मीदवार को मिली पराजय
अनीता वाजपेयी
कानपुर। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव व चुनाव के बाद चले शह-मात के खेल में लगे झटके के बाद भाजपा को और झटका लगा है। महाराष्ट्र में हुए जिला परिषद के चुनावों में भाजपा को पांच क्षेत्रों में चार पर करारा झटका झेलना पड़ा। सिर्फ एक सीट पर ही उसे जीत हासिल हो सकी। वहीं हिंदुत्ववादी राजनीति का गढ़ कहे जाने वाली नागपुर सीट पर भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय नागपुर पर भाजपा को मिली हार, कहीं न कहीं आरएसएस को भी चुनौती है। इस हार के बाद पार्टी में अंदरूनी स्तर पर चुनाव में मिली हार पर गहन मंथन होने की बात कही जा रही है।

भाजपा की राजनीति से जुड़े जानकार लोगों की मानी जाए तो महाराष्ट्र की पांच जिला परिषदों की सीट पर हाल ही में चुनाव संपन्न हुए। जिसमें एक ओर भाजपा तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस, शिवसेना, राकांपा का गठबंधन चुनाव लड़ रहा था। पांच जिला परिषद हैं। जिसमें सबसे प्रमुख नागपुर चार में भाजपा हारी है। नागपुर में हारी है। जहां करारी हार का सामना करना पड़ा है। जिला परिषद नागपुर में 57 सीटें हैं, जिसमें भाजपा 15 जीतीं। 40 सीटें कांग्रेस व राकांपा के गठबंधन ने जीती हैं। इसके बाद साफ हो गया कि संघ के मुख्यालय वाले इस जनपद में इस बार भाजपा का नहीं बल्कि कांग्रेस राक्रपा गठबंधन का जिला परिषद अध्यक्ष रहेगा। नागपुर में मिली इस हार को भाजपा के लिये बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। दूसरी सबसे प्रमुख सीट बहलेपुर यहां पर 56 सीटों 23-23 सीटें भाजपा व कांग्रेस को मिली यहां भाजपा बराबर पर तो रही लेकिन यहां की 7 सीट पर शिवसेना के व 3 राक्रपा के उम्मीदवार को जीत मिलने के कारण यह कहा जाने लगा है कि यहां भी भाजपा के बजाए जिस तरह महाराष्ट्र में शिवसेना- कांग्रेस तथा राक्रपा की संयुक्त सरकार है उसी तरह यहां भी सत्ता पर यह गठबंधन ही काबिज होगा और भाजपा को विपक्ष में ही बैठना पड़ेगा।
एक अन्य जिला परिषद में भाजपा हारी और यहां प्रकाश अंबेडकर व कांग्रेस व राक्रपा के मिलकर सरकार बनाने की बात कही जा रही है।
सिर्फ धुले सीट में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला है। यहां भाजपा ने अकेले दम पर जीत हासिल कर अपनी मजबूती का अहसास कराया।
नितिन गडकरी के गांव में हारी भाजपा
इस चुनाव में खास बात यह रही कि इस क्षेत्र में ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का गांव भी आता है। यहां श्री गडकरी ने विकास कार्य भी काफी कराए इसके बाद भी श्री ग़डकरी के गांव में भाजपा के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा।