सांसद-विधायक भाई भाई, पार्टी बीच मे कहाँ से आई! योजना को  ठेंगा 

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विकास वाजपेयी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का देश और सड़कों के विकास का नारा गोतें खा रहा है। खबर है कि मोदी के नाम की सवारी से दुबारा संसद पहुँचे देवेंद्र सिंह भोले का दिल इस समय समाजवादी पार्टी के नगर के सबसे विवादित MLC के धंधे को बचाने पर आ गया है।
कई बीघे जमीन, रोड किनारे धन उगलता पेट्रोलपंप, उसी के सामने पैतृक नाम से चलता कॉलेज, पर आजकल NHAI की एलिवेटेड सड़क का ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है । फिर क्या है मामला यदि धंधे से जुड़ा हो तो नेता सारी दुश्मनी भूलकर पार्टियों की नीतियों को भी दरकिनार कर सकते है। और कुछ ऐसा ही चल रहा है इन दिनों मोदी और गडकरी के ड्रीम प्रोजेक्ट चकेरी से कोखराज हाइवे निर्माण में। चार लेन से छः लेन के निर्माण में PNC कम्पनी को ठेका दिया गया है जिसमे वाहनों के सफर को सुविधाजनक बनाने के लिए कई एलिवेटेड सड़क बनाई जा रही है और इन सबमें जहाँ लोगो को बिना रोक टोक रफ्तार की सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है तो इससे कई लोगो की जमीन और धंधे पर असर पड़ सकता है जैसे हाइवे किनारे के पेट्रोलपंप और करोङो की जमीन।

इसी पेट्रोलपंप के धंधे को लेकर नेताओ में है खलबली

कई बीघे जमीन, रोड किनारे धन उगलता पेट्रोलपंप, उसी के सामने पैतृक नाम से चलता कॉलेज, पर आजकल NHAI की एलिवेटेड सड़क का ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है । फिर क्या है मामला यदि धंधे से जुड़ा हो तो नेता सारी दुश्मनी भूलकर पार्टियों की नीतियों को भी दरकिनार कर सकते है। और कुछ ऐसा ही चल रहा है इन दिनों मोदी और गडकरी के ड्रीम प्रोजेक्ट चेकेरी से कोखराज हाइवे निर्माण में। चार लेन से छः लेन के निर्माण में PNC कम्पनी को ठेका दिया गया है जिसमे वाहनों के सफर को सुविधाजनक बनाने के लिए कई एलिवेटेड सड़क बनाई जा रही है और इन सबमें जहाँ लोगो को बिना रोक टोक रफ्तार की सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है तो इससे कई लोगो की जमीन और धंधे पर असर पड़ सकता है जैसे हाइवे किनारे के पेट्रोलपंप और करोङो की जमीन।


पहले तो सब ठीकठाक चलता रहा लेकिन जब चौड़ीकरण का काम पुरवामीर सिकठिया पहुचा तो समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी और विवादों से चोलीदामन का साथ रखने वाले लाल सिंह तोमर को भी इस सरकारी काम से धंधे में रुकावट दिखाई दी। फिर क्या था क्षेत्र के बीजेपी सांसद को इसके नफा नुकसान के बारे में बताया गया और आस पास के कुछ ग्राम प्रधानों के आपत्ति पत्र मंगाए गए।

इक़बाल सिंह के नाम पर खुला ये कॉलेज भी प्रभावित होगा एलिवेटेड रोड से
विशेष इंजीनियरों के द्वारा डिजाइन किए गए एलिवेटेड सड़क में सांसद और उनकी टीम ने आपत्ति शुरू कर दी। पूर्व एमएलसी तोमर के हितों पर चोट को सिरे से उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पुरषोत्तम लाल चौधरी को फोन लगाया गया और उनको काम तुरंत रोकने का फरमान सुना दिया गया। हालांकि प्रोजेक्ट डायरेक्टर बार बार ऐसा न कर पाने की बात कहता रहा तो उसको सांसद जी की गलियां भी सुननी पड़ी और नितिन गडकरी को बाद में समझा लेने की बात होती रही। अपने साथ गाली गलौज को प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने रिकार्ड कर के जिलाधिकारी और संबंधित विभाग को भेज दी। पीड़ी चौधरी ने बताया कि यदि हाइवे के काम को इस तरह रोका गया तो इससे केंद्र सरकार का कार्यदायी ठेकेदार कम्पनी को 6 से 7 करोङ का भुगतान करना पड़ सकता है लेकिन गाली गलौज से न पिघले पर सांसद जी ने कहा कि वो खुद मौके पर पहुचकर काम रुकवाने जा रहे है।


ये बात भी समझ से परे है कि आखिर नेता जी एक पेट्रोलपंप और जमीन की हिफाजत को लोगों के सुविधा से ज्यादा महत्व दे रहे है। जिस पूर्व एमएलसी पर संगीन मामले दर्ज रहे है और जो बीजेपी का धुर विरोधी रहा हो उसके हित बड़े कैसे हो गए।
हालांकि धंधे की मार से अलग इसके कुछ राजनीतिक महत्व भी है। जिस जगह पर ये सारा विवाद है उस विधानसभा को बीजेपी के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना ने पूर्व एमएलसी की पत्नी अरुणा तोमर को हराकर जीता था। महाराजपुर की इस विधानसभा से महाना दूसरी बार विधायक बने है। और ये किसी से छिपा नहीं है कि कानपुर के मौजूदा सांसद सत्यदेव पचौरी और सतीश महाना के गम्भीर राजनीतिक विरोध है। आपको ये भी लग सकता है कि जब महाराजपुर विधानसभा का ये क्षेत्र कानपुर लोकसभा में नहीं बल्कि अकबरपुर विधानसभा में आता है तो फिर सत्यदेव पचौरी का इस मामले से क्या लेना देना और वो भी बीजेपी के धुरविरोधी समाजवादी पार्टी के नेता के साथ। क्योंकि अपनी लोकसभा से अलग कानपुर के सांसद अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र के काम की खामियां निकालने पहुचे थे वो भी पूर्व एमएलसी लाल सिंह तोमर के साथ। तो इस राजनीति की गणित को भी ध्यान से समझने की जरूरत है। इस पूरे मामले में एक तीर से दो निशाने साधे जा रहे है एक तो अपने धंधे का हित बचाओ और दूसरा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को पार्टी की कीमत पर निपटाओ।

राजनीतिक कद को छोटा करने के लिए दूसरे दल के लोगों को भी साथ लेना बुरा नहीं #viralaudio, #devendrasinghbhole । निशंक न्यूज़ के ऑडियो को सुनने के बाद इस बात का अहसास हो जाएगा कि आखिर सांसद जी प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के डिम प्रोजेक्ट को रुकवाने के लिए किस कदर बेचैन है। हालांकि इस पूरे मामले में देवेंद्र सिंह भोले का कहना है कि ये जनहित से जुड़ा मामला है इसका और कोई मकसद नही है कई ग्रामप्रधानों ने उनको लिखित सूचना भी दी है । किसी को उन्होंने कभी धमकी और गालियां नहीं दी है ये एक राजनीतिक षणयंत्र के तहत किया जा रहा है।
ये बात भी समझ से परे है कि आखिर नेता जी एक पेट्रोलपंप और जमीन की हिफाजत को लोगों के सुविधा से ज्यादा महत्व दे रहे है। जिस पूर्व एमएलसी पर संगीन मामले दर्ज रहे है और जो बीजेपी का धुर विरोधी रहा हो उसके हित बड़े कैसे हो गए।

#viralaudio, #devendrasinghbhole । निशंक न्यूज़ के ऑडियो को सुनने के बाद इस बात का अहसास हो जाएगा कि आखिर सांसद जी प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के डिम प्रोजेक्ट को रुकवाने के लिए किस कदर बेचैन है। हालांकि इस पूरे मामले में देवेंद्र सिंह भोले का कहना है कि ये जनहित से जुड़ा मामला है इसका और कोई मकसद नही है कई ग्रामप्रधानों ने उनको लिखित सूचना भी दी है । किसी को उन्होंने कभी धमकी और गालियां नहीं दी है ये एक राजनीतिक षणयंत्र के तहत किया जा रहा है।
ये बात भी समझ से परे है कि आखिर नेता जी एक पेट्रोलपंप और जमीन की हिफाजत को लोगों के सुविधा से ज्यादा महत्व दे रहे है। जिस पूर्व एमएलसी पर संगीन मामले दर्ज रहे है और जो बीजेपी का धुर विरोधी रहा हो उसके हित बड़े कैसे हो गए।


हालांकि धंधे की मार से अलग इसके कुछ राजनीतिक महत्व भी है। जिस जगह पर ये सारा विवाद है उस विधानसभा को बीजेपी के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना ने पूर्व एमएलसी की पत्नी अरुणा तोमर को हराकर जीता था। महाराजपुर की इस विधानसभा से महाना दूसरी बार विधायक बने है। और ये किसी से छिपा नहीं है कि कानपुर के मौजूदा सांसद सत्यदेव पचौरी और सतीश महाना के गम्भीर राजनीतिक विरोध है। आपको ये भी लग सकता है कि जब महाराजपुर विधानसभा का ये क्षेत्र कानपुर लोकसभा में नहीं बल्कि अकबरपुर विधानसभा में आता है तो फिर सत्यदेव पचौरी का इस मामले से क्या लेना देना और वो भी बीजेपी के धुरविरोधी समाजवादी पार्टी के नेता के साथ। क्योंकि अपनी लोकसभा से अलग कानपुर के सांसद अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र के काम की खामियां निकालने पहुचे थे वो भी पूर्व एमएलसी लाल सिंह तोमर के साथ। तो इस राजनीति की गणित को भी ध्यान से समझने की जरूरत है। इस पूरे मामले में एक तीर से दो निशाने साधे जा रहे है एक तो अपने धंधे का हित बचाओ और दूसरा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को पार्टी की कीमत पर निपटाओ।